Devil Ceo Ki Mohabbat - 13 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 13

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 13

अब आगे,

 

आराध्या, अब अपनी दोस्त जानवी का हाथ पकड़ कर उस कपड़ो की शॉप से बाहर निकल आई और मॉल से बाहर आने के बाद एक ऑटो रिक्शा लेकर अब वो दोनो, राहुल के बताए हुए रेस्तरां की लिए निकल गए..!

 

रेस्तरां के बाहर पहुंचने के बाद,

 

आराध्या ने अपनी दोस्त जानवी से कहा, "तू अंदर जा, वहा तुझे राहुल मिल जाएगा तब तक मै ऑटो रिक्शा वाले भैया को रुपए दे कर आती हु...!"

 

अपनी दोस्त आराध्या की बात सुन कर अब जानवी ने अपना सिर हां मे हिला दिया और फिर उस रेस्तरां में अंदर जाने लगी और जानवी को रेस्तरां के अंदर जाते हुए देख कर अब आराध्या ने राहुल को कॉल कर दिया और उस से धीरे से कहा, "जानवी रेस्तरां के अंदर आ रही हैं तो तुम सब तैयार ही रहना...!"

 

अपनी बात कह कर आराध्या ने कॉल कट कर दिया और ऑटो रिक्शा वाले भैया को रुपए देकर अब अपनी दोस्त जानवी के पीछे पीछे चलने लगी..!

 

वही जानवी जब उस रेस्तरां के एंट्रेंस पर पहुंच गई तो वहा बहुत अंधेरा हो रहा था और जिस से जानवी को कुछ समझ ही नही आ रहा था कि यहां इतना अंधेरा क्यू है..!

 

फिर जानवी धीरे धीरे रेस्तरां के अंदर जाने लगी और साथ में राहुल का नाम भी पुकार रही थी और जानवी, राहुल का नाम पुकारते हुए उस से कहने लगी, "राहुल...राहुल, तुम कहा हो और यहां इतना अंधेरा क्यू हो रहा है..?"

 

जानवी ने अपनी बात कही ही थी कि अचानक से सारी लाइट्स ऑन हो गई और वहा खड़े सब लोग जोर से चिल्लाते हुए अब जानवी से कहने लगे, "हैप्पी बर्थडे टू यू जानवी..!"

 

जानवी ने जब ये सब देखा तो हैरान ही रह गई और साथ में उस को बहुत खुशी भी हो रही थी और अपनी दोस्त जानवी को ऐसा हैरान देख कर अब आराध्या ने उस को पीछे से गले लगा लिया और अब उस से कहने लगी, "हैप्पी बर्थडे टू यू मय डियर जानू और तुझे मेरा सरप्राइज़ कैसा लगा...!"

 

अपनी दोस्त आराध्या की बात सुन कर अब जानवी हैरान होते हुए अपनी दोस्त अराध्या से पूछने लगी, "तुझे मेरा बर्थडे याद था तो तूने मुझे विश क्यू नही किया और सुबह से इतना परेशान क्यू कर रही थी...!"

 

अपनी दोस्त जानवी की बात सुन कर अब आराध्या अपनी दोस्त जानवी से कहने लगी, "अगर मैं तुझे सुबह ही तेरा बर्थडे विश कर देती तो क्या मै, तेरे चेहरे पर ये हैरान वाले भाव देख पाती और पागल लड़की तूने ये केसे सोच लिया कि मै तेरा बर्थडे भूल जाऊंगी जबकि तू तो मेरी इकलौती दोस्त हैं और बता ना केसा लगा तुझे मेरा सरप्राइज़...!"

 

अपनी दोस्त आराध्या की बात सुन कर अब जानवी ने अराध्या को अपने गले से लगा लिया और अब अपनी दोस्त अराध्या से कहने लगी, "इतना अच्छा कि मै तुझे कैसे बताऊं मुझे समझ ही नही आ रहा है...!"

 

जानवी और आराध्या अपने मे ही बाते कर रही थी कि अब राहुल उन दोनो के पास पहुंच गया और उन दोनो से हस्ते हुए कहने लगा, "अरे भई जब तुम दोनो को ही बाते करनी थी तो यह पर हमें क्यू बुलाया है और वही हम से भी थोड़ी बाते कर लो क्योंकि बहुत मेहनत की ये सब तैयारी करने मे...!"

 

राहुल की बात सुन कर अब जानवी आराध्या को छोड़ कर अलग खड़ी हो गईं और अब जानवी अपनी दोस्त आराध्या का हाथ पकड़ पर उस रेस्तरां के हॉल की तरफ बढ़ गई..!

 

और जानवी के हॉल में आने के बाद सब फ्रेंड्स उस को बर्थडे विश करते हुए गिफ्ट देने लगे और जानवी उन सब को थैंक यू बोल रही थी..!

 

थोड़ी देर में ही उन सब की पार्टी शुरू हो गई, वो सब लोग नाच गा रहे थे और वही कुछ लोग जूस पी रहे थे और तो और कुछ लोग स्नैक खा रहे थे..!

 

वही दूसरी तरफ,

 

आज इत्तेफाक से अर्जुन भी बिजनेस डील के लिए उसी रेस्तरां मे आया हुआ था और आज अर्जुन के साथ उस का इकलौता दोस्त समीर भी आया हुआ था..!

 

अर्जुन अपने दोस्त समीर, अर्जुन का पर्सनल बॉडीगार्ड तन्मय और अर्जुन का पी ए अभिनाश के साथ उस रेस्तरां मे अंदर आ गया..!

 

अर्जुन जैसा कि आप लोगो को पता ही है कि वो एक बहुत बड़ा बिजनेसमैन है इसलिए उस के वेलकम के लिए खुद उस रेस्तरां के मालिक वहा आकार अर्जुन का वेलकम कर रहे थे..!

 

अर्जुन जब उस रेस्तरां मे आया तो उस की नजर वहा पर पार्टी कर रही कॉलेज स्टूडेंट पर चली गई और जिसे देख अर्जुन को बहुत गुस्सा आ गया..!

 

और अपनी उसी गुस्से में अर्जुन ने उस रेस्तरां के मालिक से कहा, "ये सब यहां क्या हो रहा है जबकि मैने तुम्हे पहले ही कहलवा दिया था कि मुझे अपनी बिजनेस डील के लिए शांत जगह चाहिए...!"

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।