Devil Ceo Ki Mohabbat in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 19

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 19

अब आगे,

 

जब रूही के पिता अमर ने देखा कि रूही की सौतेली मां कुसुम जमीन पर गिर गई तो अब रूही के पिता अमर ने अपनी दूसरी पत्नी कुसुम से कहा, "तुम ठीक तो हो ना और आज तुम ने साबित कर दिया कि तुम रूही को उस की सगी मां सरस्वती से बड़कर प्यार करती हो तभी तो खुद गिर गईं पर मेरी बच्ची रूही को कुछ नही होने दिया...!"

 

रूही के पिता अमर की बात सुन कर अब रूही की सौतेली मां कुसुम को न चाहते हुए भी अब रूही के पिता अमर से कहना ही पड़ा, "हां, अब मैं अपनी फूल सी बच्ची रूही को तो चोट नही लगने दे सकती थी ना..!"

 

अपनी बात कह कर अब रूही की सौतेली मां कुसुम अपने मन में कहा, "नाश पीटे इस कलमुही करमजलि रूही का जिस की वजह से आज मेरी कमर में लचक आ गईं और मुझ से उठा तक नहीं जा रहा है..!"

 

अब रूही के पिता अमर को कौन समझाए कि रूही की सौतेली मां कुसुम, रूही के साथ कैसा कैसा व्यवहार करती थी और अगर उस का हाथ रूही के पैर से छूटा नही होता ना तो रूही की सौतेली मां कुसुम की कमर में लचक नही आई होती..!

 

रूही के पिता अमर ने अब रूही की सौतेली मां कुसुम से कहा, "तुम्हे उठाने के लिए मै अंदर से रूही की बड़ी बहन रीना को भेजता हु क्योंकि मै अपनी बच्ची रूही को अंदर लेकर जा रहा हूं..!"

 

अपनी बात कह कर अब रूही के पिता अमर अपनी बच्ची रूही को गोद में उठा कर घर के अंदर ले गए..!

 

रूही के पिता अमर को अपने साथ रूही को ले जाते हुए देख रूही की सौतेली मां कुसुम ने गुस्से से अपने आप से कहा, "अगर रूही के बाप का ये अपना घर और इन की तनखा अच्छी नही होती ना तो अपने पहले पति की तरह इन्हे भी छोड़ चुकी होती और ये उस करमजाली रूही को अपनी गोद में उठा के लेकर जा रहे हैं और मुझे यानी अपनी पत्नी को ऐसे जमीन पर छोड़ दिया...!"

 

फिर रूही की सौतेली मां कुसुम अपनी सगी बेटी रीना को आवाज लगाने लगी पर उस की सगी बेटी रीना तो अपनी सगी मां कुसुम की आवाज सुन कर भी अनसुना कर दिया था..!

 

साथ में वो तो और अपने मुंह पर तकिया रख के सो गई और वही मोहल्ले वाले रूही की सौतेली मां कुसुम की आवाज सुन कर और उस को जमीन पर पड़ा हुआ देख मदद करना तो दूर उस का मजाक उड़ाते हुए जा रहे थे..!

 

रूही के पिता अमर ने अब अपनी बच्ची रूही को उस के कमरे में लाकर उस को उस के बेड पर लेटा दिया और उस के हाथ और पैर मलने लगे और फिर मुंह पर थोड़ा थोड़ा पानी डाल कर रूही को उठाने की कोशिश करने लगे..!

 

वही रूही की सौतेली मां कुसुम जैसे तैसे कर के शर्मा निवास मे अंदर आ ही गई क्योंकि मोहल्ले वाले उस का मजाक उड़ा रहे थे और वही वो रूही के पिता अमर अब अपनी बेटी रूही के पास बैठे हुए थे और फिर उन की नजर उस के फटे पुराने कपड़ो पर गई जिसे देख उन्होंने अपने आप से कहा, "मेरी बच्ची रूही ने इतने बुरे कपड़े क्यू पहने हुए है जबकि एक हफ्ता पहले ही तो मै उस के लिए दो जोड़ी बढ़िया से सूट लेकर आया था..!"

 

वही रूही की सौतेली मां कुसुम अब अपनी सगी बेटी रीना के कमरे मे पहुच गई और अपनी सगी बेटी रीना के कमरे में जाकर उस को उठाने के कोशिश करने लगी पर जब वो नही उठी तो उस के मुंह पर पानी से भरा गिलास फेक दिया जिस से रीना हड़वड़ाते हुए उठ गई और अपने आप से कहने लगी, "कौन है जिस से "रीना शर्मा" के साथ ऐसी हरकत करी है, मै उस को छोडूंगी नही..!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर अब उस की सगी मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना से कहा, "तेरी मां ने किया है और अगर तेरे मे हिम्मत है तो मुझे हाथ लगा के दिखा..!"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर अब उस की सगी बेटी रीना ने उस से कहा, "क्या मां, ये कैसा मजाक है तुम को पता तो है मुझे देर से उठने की आदत है तो फिर ऐसा क्यों किया मेरे साथ...?"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर अब उस की सगी मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना से कहा, "क्योंकि रूही का बाप आया हुआ है और जा करे तैयार हो जा, जिस से उन्हे ये ना लगे कि हम रूही से सारा काम करवा रहे थे और खुद आराम से सो रहे थे...!"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर अब उस की सगी बेटी रीना ने अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "क्या अभी एक हफ्ता पहले ही तो दिल्ली गए थे इतनी जल्दी आ भी गए, मुझे तो लगा था हर बार की तरह इस बार भी 15 दिन से पहले नही आयेंगे...!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर अब उस की सगी मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना से कहा, "लगा तो मुझे भी यही था पर पता नही कहा से सुबह सुबह दर्शन देने आ गए और अगर मुझे पता होता तो मैं रूही को अच्छे कपड़े पहना के रखती पर अब तो उन्होंने अपनी आंखो से उस के फटे पुराने कपड़े देख ही लिए होगे..!"

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।