The Mystery of the Blue Eye's - 3 in Hindi Adventure Stories by Pretty Poision books and stories PDF | The Mystery of the Blue Eye's - 3

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The Mystery of the Blue Eye's - 3

रौशनी कम होने पर सब को आँख खोलने की कोशिश करते है ओर जो देखते है उनकी आँखे फटी के फटी रह जाती है)

( उनके सामने का नज़ारा एक दरवाना महल और चारों ओर हरयाली)
ये हम कहा है सोफि सामने देखते हुए पूछती है.....
फ़िज़ा : oh my god what is this.....
jack : wtf ये कोंन सी जगह हैं क्या मै सपना देख रहा हू... सब चारों हैरानी से देख ही रहे थे की रियान का ध्यान उन लोगो पर जाता है ।
रियान : हमारा look भी चेंज है guys (शांत आवाज़ में)
..सब एक दूसरे की ओर देखते है ...
ओ तेरी, तेरे तेरे हाथ मै ये ये चमकीली गैंद कहा से आई तेरे पास तु पुरी की पुरी चेंज हो गई है फ़िज़ु। jack आँखें बरी करते हुए कहता है

फ़िज़ा हाथों मै उस बॉल को देखते हुए बोलत्ती है oh my god ...oh my god 😱 मै फेयरी की तरह लग रही हु इस ड्रेस मै और ये .. ये .. चीज़ क्या है । ये कितनी चमकीली है इस से मुझे गर्माहट आती महसूस हो रहा मै इसे कंट्रोल कर सकती हु intersting ...(फ़िज़ा इस गोले से खेलते हुए सब को बोलती है )
jack तु भी बदल गया है तेरा तो सब कुछ चेंज हो गया है
फ़िज़ा बात सुनके जैक खुद को उपर से नीचे तक देखता हैं और आँखे बड़ी करके कहता हे ये....ये....मै नही हो सकता है ना ....

फ़िज़ा : wait...wait..तेरे पास ये क्या है jack अपने हाथों मै रखे पप्पेर का स्क्रॉल को सब को देखते हुए बोलते हैं look guys ये कही का मैप लग रहा है।

jack ने सब को मैप देखाते हुए बोला रियान तुम भी किसी वोरियर की तरह लग रहे हो (सब रियान के तरफ अपना रुख करतें हैं) रियान खुद को देखता है
(ज्यादा रियेक्ट नही करता है बस अपने look को देखते हुए एक इएब्रो राइज करता है )
तो उसे कुछ अपने पीठ पर कुछ भारी महशुस होता वो अपने से पीछे कर उस चीज़ निकल सब को देखता है ओर बोलता है ये तो कोई तलवार है ...
jack : wow dude how cool तुम्हे तो एक sword मिला है।

जब सब एक दूसरे को देख हि रहे थे तो सब ध्यान सोफ़िया पे गया तुम क्यू चेंज नही हुई गई सोफ़िया jack ने कहा
सिवाए तुम्हारे ड्रेस के सब एक जैसा है फ़िज़ा ने कहा तब सॉफी खुद को देखने लगी सच सब एक जैसा था सिवाए उसके डेरेस के......
रियान : वो बॉक्स कहा ओर तुम्हारी हाथो मे ये किताब है सोफिया देखो इस किताब के ऊपर बने पर्टेन उस बॉक्स के पर्टेन से मैच करते है।
सॉफी किताब को देखने लगी ..तुम इसको को खोलती कियु नही jack ने कहा
सॉफी किताब को खोलने लगी लेकिन ये नही खुला ...ये खुल नही रहा है...
अब हम क्या करें हम लोग अभी कहा फ़स गये फ़िज़ा बोलने लगी तभी किसी की आहट सुनाई दी जैसी कोई चल कर उनके करीब आ रहा है सब सावधान हो इधर उधर देखने लगे फ़िज़ा कोंन हे सामने आओ ...........
jack जल्दी से फ़िज़ा के मुह पे हाथ रखता है shh... हम लोग अभी अनजान जगह पे तुम इतनी लापरह कैसे हो सकती हो ।
कह्ते हुए सब को झरियों में छुपने का इशारा करता है..
उनके छुप ने बाद ही एक औरत जिसके चेहरे पे एक चमकीला निशान था उस्वो रास्ते से गुज़र ने लगी उदास आखों से सामने महल को देखा और आगे चलने लगी ...... कुछ देर आगे चलने के बाद वो रुक जाती है ओर बिना पीछे मुरे कहती है तुम लोग किस से छुप रहे हो मेरे पीछे आओ ओर आगे बरने लगती है उसके थोड़े आगे जाने बाद सब झारी से निकलते है
फ़िज़ा : इसने हमें कैसे देखा । तुम ही तो इतना जोर से चील्ला के उसको सामने आने बोली रही थी तो तुम्हे क्या लगता है उसको कैसे पता चला होगा .....( jack इर्रिटेशन से कहा )
सॉफी : क्या हमें उसके पीछे जाना चाहिए ...क्या तुम्हारे पास कोई ओर idea है रियान ने पूछा सब दूसरे की तरफ देखते है ओर ना मै सर हिलाते है और उस अजीब औरत का पीछा करते हुए महल की तरह जाने लगते हैं....
महल के दरवाजे पे रुक सब बड़ी बड़ी आखों उस शानदार महल को देखने लगते है ये कितना डरावा ओर आलिशान है jack बोलता
अंदर आ जाओ आवाज़ आती है वे हिचकिचते हुए अन्दर चले जाते है हैरानी से सब आलिशान महल को देखते है ये बाहर की तरह डरावणा नही था बल्कि की जादुई दुनिया की तरह unbelievable है सब कुछ
यहा सब उस खूबसूरती में खोये हुए थे की उस औरत ने दुबारा कहा है मैं 100 साल से इन्तज़ार कर रही हु तुम्हारा सोफ़िया ये सुन सब हैरानी से उस औरत को देखने लगेते है। सॉफी आपको मेरा नाम कैसा पता है ओर ये कों सी जगह हैं क्या आप मेरे कप्तान को जानती है और हमलोग....... औरत ने सॉफी कि बात काटते हुए वो औरत कहती है
सवाल .....सवाल ...ओर ...सवाल हर चीज़ को सुलझने ने हर खोई हुई पहली का जवाब जानने तो तुम यहां आई हो सॉफी सब कुछ तुम्हे ही तो ढूंड ना है बच्ची हमें तुम्हारा ही इंतज़ार था ,सालों से तुम्ही अब हमारी आख़री उम्मीद हो
ये कहते हुए वो औरत सीरी पर चरते हुए ऊपर जाने लगी सब उसके तरफ देखने लगे ओर उसके पीछे पीछे जाने लगे ...एक कमरे के दरवाज़े के सामने रुक वो सॉफी को देखती ओर उस से कहती उस किताब को उस खाली जगह पर रख दो (दरवाज़ा बहुत सी मोतिओ और सोने की नकासी से से बना हुआ था जैसे स्वरग जाने का रास्ता हो बगल में एक बॉक्स रखने की जगह थी )
सॉफी असमंज मै उस औरत को देखती है फिर उस जगह को जहा बॉक्स रखने की जगह मै किताब रखने चली जाती हैं जैसे उस किताब को वहा रखती हो तेज़ रौशनी के साथ वो किताब फिर से बॉक्स मै बदल जाता हैं और चर ....चरर..की आवाज़ के साथ दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आती हैं।

क्या हो दरवाज़े के अंदर ? क्या राज है उस अजीब दुनिया का? कोंन है वो औरत? क्या सच मै 100 साल से सॉफी का wait कर रही थी जानने के लिए पढ़ते रहे sofia: the mystery by: pretty poision@ ke sath

hello रीडर्स आप सब को स्टोरी कैसी लग रही हैं कमेंट करें ये मेरी पहली स्टोरी है pls like or share karen aapko kuch bhi galt lagta h to bataye mai improve karungi .
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