Ehsaas-e-Lafz in Hindi Poems by Anju Kumari books and stories PDF | एहसास ए लफ़ज़

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एहसास ए लफ़ज़


1

एतबार इतना तो है हमे उन पर,
खुश तो वो भी नही होंगे रुला के हमे,,

---------अंजू -----------

अब क्या क्या मांगू तुझ से ए खुदा ,दो गज जमी भी चाहिए मुझे दो गज कफ़न के बाद,,

2

कुछ ना भी कहूं तो भी ,
इल्ज़ाम मुझ पर ही आता है,

---------अंजू ----------

3

एक शक्स भटक रहा है ना जाने कब से,
अपने ही खो जाने के इश्तिहार लिए,,

---------अंजू ---------

4


ना किया कर मुझे यूं नज़रअंदाज सनम,
गर हम ने किया नज़रअंदाज़ तो जी नही पाओगे,

---------- अंजू ----------

5

वक्त बेवक्त याद आते हो तुम,
सुनो क्यों इतना सताते हो तुम,

जज़्बात मेरे तुम भी तो समझो ,
हर बार यूंही दिल दुखाते हो तुम,,

---------अंजू ---------

6

ये इल्तिज़ा है मेरी तुम से,
जैसे याद आते हो तुम ,
वैसे ही सामने भी ,
आ जाया करो,,

----------अंजू -----------

7

सब कुछ याद था मुझे,
मस्त निगाहों का जाम पीने के बाद,

तेरे चहेरा तेरी आंखें तेरी बातें,
और तेरी रुसवाई भी,,

----------अंजू ----------

8

तोहफ़े नही चाहिए,
मुझे तुझसे सनम,

एक बस तेरे प्यार ,
और साथ के सिवा,

---------अंजू --------

9

गुमशुदा से है हम ,
दिल में एक आतिश सी है,

क्यों दूर हो मुझ से
दिल में क्या साजिश सी है,,

-----------अंजू -----------

10

तेरे इश्क में हर सजदा गवारा है मुझे,
एक तेरे हां तेरे इश्क ने मारा है मुझे,,

-----------अंजू ------------

11

किरदार जमाने में कुछ ऐसा पाया मैने,
जिसने भी ठुकराया उसी को चाहा मैने,

--------- अंजू-----------

12

फुरसत भी है मौसम भी है चले आओ,
दामन ए यार के पास सब है इंतजाम , चले आओ,,

----------अंजू ----------

13

जले तो बहुत बार पर राख ना हुऐ,
शमा परवाना दोनो जले साथ पर ख़ाक न हुऐ,,

--------- अंजू -----------

14

तेरी याद है के दिल से जाती नही,
जान नींद इस गरीब को आती नही,
अब इसी फिराक में हूं कब से,
दम निकले मेरा चुपके से, मौत भी आती नही,

--------- अंजू ---------

15

कब तेरे दीदार के हम कायल हो,
कभी तू भी मेरी नज़र से घायल हो,

रुखसार से दुप्पटा कभी तो हटे,
कभी तो दीदार के हम काबिल हो,

-------- अंजू ---------

16

जमाना खिलाफ हो जाए चाहे अब,
मिलना है एक बार तो तुम से सनम,

---------अंजू ---------

17

तू है तो मैं हूं,
तो पर्दे की क्या जरूरत ए पर्दानशी,
जरा पर्दा हटा तेरा दीदार करूं,
देखूं तुझे जी भर के आ के तुझे प्यार करूं,,

---------अंजू ---------

18

ठहर जाए तेरी आगोश में ,
अब ये सर्द रात ,

तू और मैं रहे बस यहां,
ना बीते पल ना रुके ये बात,

---------अंजू ---------

19

क्या रंजिश रही होगी मुझ से ,
मुझसे ही मोहब्बत करके मुझसे ही मुकर गया,

--------- अंजू ----------

20

तू रहबर मेरा तू मेरा ही तो हमसाया है,
कभी ना बिछड़े मुझ से मेरे लिए नही पराया है ,,

-------- अंजू --------

21

काली घटाओं सी जुल्फ तेरी काली काली,
नागन लहराए बादलों जैसी काली काली,,

-------- अंजू -------

22

बुलाया उसने मुझे ना जाने किस दुआ से,
नज़र नजारे बदल दिए उसने एक अदा से,,
--------- अंजू ---------

23

तेरी याद ले के सोया हूं जब भी सनम,
तेरे तसुव्वर से बेदार हुआ हूं सनम,,

-------- अंजू --------

24

दर्द अब दर्द नही रहा बेदर्द बन गया है,
कब तक झेलूं इसे मेरा हमदर्द बन गया है,

सोचता हूं इस सीने से लगा लूं
पर अब ये मेरा मर्ज बन गया है,,

--------- अंजू --------

25

वो मुझे काफिर, बेवफा जाने क्या क्या समझते रहे,
वो खुदा थे मेरे लिए उम्र भर खुदा ही समझते रहे ,,

--------- अंजू ---------

26

इश्क करते रहे हम उन से ,न जाने कब से,
वो जब जाने तो और भी बेपरवाह हो गए,

--------- अंजू ---------

27

जुदाई कोई मेला नही है
जुदाई एक बेला है ,
मिलने की ओर बिछड़ने की,
विदाई संसार से भी होती है और
और घर से भी,
कई बार दुखो से भी होती है
जुदाई

--------- अंजू --------

28

दूर ही सही पर दिलरुबा है वो,
उस जैसा कोई नही सबसे जुदा है वो,,

--------अंजू --------

29

रूह में बस गए हो तुम ,
जिंदगी में भी मेरी अब आ जाओ,,

------- अंजू -------

30

कुछ कह नही पाते लफ़्ज़ जम जाते हैं मेरे,
कैसे कहूं ,
बिन कहे भी लफ़्ज़ तुझ पे कहर ढाते है मेरे,,

------- अंजू --------

31

तुम जो मेरी इतनी परवाह करते हो ना,
ना जाने कितने जन्मों का कर्ज़ चढ़ा रहे हो,,

-------- अंजू --------

32

तुझ से दूर जाऊं ऐसी जुदाई नही चाहिए,
तुझ से मेरी पहचान ऐसी रिहाई नही चाहिए,

-------- अंजू -------

33

बदल गया ईमान लोगो का ,
आजकल पैसा है भगवान लोगो का,,

------- अंजू --------

34

दस्तक मेरे दिल पे देने चले आओ,
अधूरे से है तुम बिन मिलने चले आओ,,

--------अंजू --------

35

जब भी देखा तेरी सूरत में खुदा को देखा,
तेरी आंखो से छलकता नूर ही देखा,,

-------- अंजू -------

36

फुरसत किसे है यहां जीने की,
बस एक बार ,
गले से लगा लो मेहरबां ,
तो ये जिंदगी पूरी समझे,,

--------- अंजू --------

37

कुछ मकान जल रहे थे किसी बस्ती में,
बस सुलग रहे थे भूख से गरीबी से ,,
आधे से अधूरे से,,

------------अंजू ----------

38

एक तुम से मेरी जिंदगी रौशन,
तुम से ही गुलजार भी,
तुम ही ख्वाबों में मेरे,
तुम ही मेरे हकदार भी,,

---------अंजू --------

39

उसने चूम कर आंखों से मेरे चेहरे को मेरी तौहीन की थी,
हम तो लबों के तलबगार हुए बैठे थे,,

--------- अंजू -----------

40

काश के हम पत्थर के हो जाए,
ये दिल ये आंखें सब पत्थर हो जाए,
बहुत रोती है ये आंखें,बिन बात धड़कता है ये दिल उनके लिए जो उसकी कद्र नही करता,,
---------- अंजू ---------

41

पास हूं उनके पर फिर भी कितनी दूर हूं,
ये एहसास ना कराओ ए सनम,,

---------अंजू -------

42

वो जानते हैं हालत मेरी,
फिर सलाह जुदा होने की देते हैं,,

-------- अंजू -------

43

पायल तेरे नाम की जब से पहनी है,
मैंने अपने पांव में,
हर हलचल मुझे महसूस होती है,,

------- अंजू -------

44

हम ख़ाक हुए हम राख हुए फिर भी किसी के काम ना आ सके,
ना बहाये गए हम गंगा में, उड़ उड़ के यूं ही दाग हुए,

---------अंजू --------

45

कोई भी ना था दिल में मेरे,
उसके सिवा,

फिर भी कई बार तोड़ कर ,
देखा उसने,,

---------अंजू --------

46

खुशनसीब होती हैं वो औरत
जिसका हमसफ़र उसकी
क़दर भी करता है और
बेशुमार प्यार भी करता है,,

-------- अंजू -------

47

पहचान कहां होती है
अब तो गाड़ी , बंगले और जूते
लोगो कि औकात तय करते है....

--------- अंजू ----------

48

उन से कह दे ,"कोई जलन होती है हमे उन्हे किसे के पहलू में देख के,,

----------अंजू ---------

49

मैं हूं
दिल है
तन्हाई है
तुम भी होते तो
अच्छा था,,

-------अंजू ---------

50

तू लफ्ज़ दर लफ्ज़ याद है मुझे,
तू मेरा अक्स नही , जान है "मेरी"

---------अंजू ---------

51

इश्क नही बंदगी किसी की करते हैं,
एक वो ही है ,जिन पे हम मरते है,,

-------- अंजू --------

52

गुफ्त टूटा खुदा खुदा कर के,
और वो बोल पड़े,

मुझे इश्क वो इस क़दर करते हैं,

-------- अंजू ---------

53

तुम्हारी कोई कीमती चीज ले गई,
नाजों से पाला दिल मेरा "जैसे"

--------- अंजू --------

54

पहचान उसे भी है जमाने की,
क्या जरूरत थी इतना आजमाने की,,

-------- अंजू ---------

55

राज दिल के सब को बताए नही जाते,
कुछ गुनाह सिर्फ खुदा के किसीको सुनाए नही जाते,,

-------- अंजू --------

56

नफरत के बाज़ार बहुत है,
क्या बात है भाई तुम्हारे किरदार बहुत है,,

---------अंजू --------

57

दिल तोड़ने वाले यहां भी देख जरा,
हम भी पड़े है तेरी राहो में पनाहो में,,

--------अंजू -------

58

जब भी फुरसत देखो मेहरबां चले आना,
एक बार आओ तो सही फिर शौक से चले जाना ,,

-------अंजू --------

59

वो मुझे काफिर, बेवफा जाने क्या क्या समझते रहे,
वो खुदा थे मेरे लिए उम्र भर खुदा ही समझते रहे ,,

------ अंजू -------

60

इश्क करते रहे हम उन से ,न जाने कब से,
वो जब जाने तो और भी बेपरवाह हो गए,,

-------- अंजू --------

61

तकदीर भी मुश्किल मेरा ,
जीना करती है,

कुछ ना भी कहूं तो भी ,
इल्ज़ाम मुझ पर ही धरती है,,


-------- अंजू -------

62

अब क्या क्या मांगू तुझ से ए खुदा ,दो गज जमी भी चाहिए मुझे दो गज कफ़न के बाद,,

-------- अंजू -------

63

बहुत बदल गया है तू पर मुझे दुख नही,
तू नही बदलेगा ,बस शर्मिंदा अपने यकीन से हूं,,

---------अंजू --------

64

ठीक है जी माना,
में तुम से बात नही कर रहा,

पर ये किसने कहा ,
तुम्हारी बात नही कर रहा,,

-------अंजू --------

65

एतबार जीने नही देता,
सब्र कहने नही देता,
तकलीफ़ में हूं मैं बहुत,
दिल जख्म सीने नही देता,,

--------- अंजू --------

66

चंद रोज की जिंदगी बाकी है मेरी तो,
जब तक तू है तो सुकून है मेरे दिल को,,

--------अंजू ---------

67

कब तक रहेंगे हम मझधार में,
कभी डूबेंगे तेरे प्यार में,,

-------- अंजू --------

68

शब भर चली उसकी बात,
खुदा करे कभी ख़त्म ना हो ये मुलाकात,,

-------- अंजू --------

69

तेरी फुरकत में सोया नही हूं कई रातों से,
तेरे आगोश मे रहूं कुछ उलझा तेरी बातों में,,

-------- अंजू ---------

70

दिल को मेरे , तेरे इस फरेब ने मार रखा है ,
के हम मिलकर कभी जुदा ना होंगे,सनम,,

-------- अंजू --------

71

मिलना कब हो मुकद्दर में ये तो पता नही,
मिल कर कभी अफसोस ना होगा इसका यकीं है ,,

-------- अंजू --------

72

यादें ही दे जाना,जाते वक्त मुझे,,

------- अंजू -------

73

कहां से सीखी है ये जादूगिरी, तुमने "जी",
नज़र मिलाते भी नहीं और गुलाम बना लेते हो,,

-------- अंजू --------

74

"सुनो" तो ये आवाज मेरे कानों में गूंजती है,
और तेरा हूं कहना मुझे बहुत सुकून देता है,,

--------अंजू -------

75

रंगत उड़ गई उसकी मुझे खुश देख कर,
मेरी मां की दुआओं में ,उसकी बद्दुआ से असर ज्यादा था ,,

--------- अंजू --------

76

बदल गए फैसले अब उस सितमगर के,
अब वो खुद भी कभी कभी मुस्कुरा लेता है,,

------- अंजू --------

77

जन्नत एता फरमा तू उसके रकीब को,
करम चाहे कैसे भी किए हो उसने,,

---------- अंजू --------

78

गर्दिश में रहने की आदत थी हमें,
महफिलों में अब जी घबराता है मेरा,,

------- अंजू -------

79

वो बाग भी बागबान ढूंढता होगा ,
जैसे कोई फूल मेहरबा ढूंढता होगा,,

------- अंजू --------

80

खाली सारा शहर और शजर भी हो गए,
वक्त ने कोई चाल फिर से चली शायद,,

-------- अंजू --------

81

उम्र ढली तो जाना ,
ढलती उम्र में ,
उसका प्यार,
और मजबूत हो गया है,,

------- अंजू -------

82

कई कतरे शबनम ने बहाए होंगे,
तब जा कर ये रात की तस्वीर बनी,,

------- अंजू -------

83

कितना बदल ले खुद को,
पिघल कर पहले पानी फिर भाप हो गए हैं,
पिघलता हुआ मौसम क्या देखा है किसी ने,,

------- अंजू -------

83

औरत वो हैं जो अपनी पूरी ज़िंदगी एक नापसंद इंसान के साथ बीता देती हैं ताकि उसके माँबाप को तकलीफ़ ना हो ..!

--------- अंजू --------

84

मैं तुम्हारे करीब अपनी या तुम्हारी ज़रूरत पूरी करने के लिए नहीं आती ,
बल्कि इस लिए आती हूं ताकि तुम्हें सुकून दे सकूं,,

-------- अंजू --------

85

साथ होना जरूरी नहीं है। एहसास होना जरूरी है, दूरियां चाहे, कितनी भी क्यों ना हो पर एक दूसरे पर विश्वास होना जरूरी है..!!

------- अंजू -------

86

हमे पता है, हम तुम्हें पा नहीं सकते तो क्या हुआ. चाह. तो सकते हैं ना.!

--------- अंजू ----------

87

लोग भागते रह जाते हैं नंगे बदन के पीछे...

और एक काबिल लड़का माथा चूम कर रूह हासिल कर लेता है।।

-------- अंजू ---------

88

अपनी नजदीकियों से कभी दूर मत करना मुझे, मेरे पास पहले से ही खुश रहने की वजह बहुत कम है...!!

--------- अंजू --------

89

किसी से दिल लग जाएं वो प्रेम नही, किसी के बिना दिल ना लगे वो प्रेम हैं....!!

------- अंजू --------

90

कितने "पराए" हो गए है हम ,
घर में भी ,
बाहर भी,,

-------- अंजू --------

91

खुदा कम दे खुशी तो भी कोई बात नही,
बस हमको सनम दे इतनी गुजारिश है,,

------- अंजू -------

92

है कुछ तो बात तेरी नजर में ,
तू मुझे मेरी आजमाइश दे

पहलू मुझे एक तू चाहिए,
बाहों को थोड़ी गरमाइश दे,,

------- अंजू --------

93

नाजुक से लब तेरे खामोश क्यूं है भला,
रख दूं लब अपने तेरे लबों पे तो शायद कुछ बात हो,,

------- अंजू --------

94

प्रेम तो लिख लूं मैं कलम से,
प्रीत कैसे लिख पाएंगे,

जो महसूस करते है दिल से,
वो कोरे काग़ज़ पे ना उतार पाएंगे,,

-------- अंजू --------

95

शब्द कुछ अनमोल कह गए तुम,
जो मेरे हृदय में समा गए,

अगर सुन सको तो सुनो तुम,
जो हृदय से मुझ में घोल गए,,

-------- अंजू --------

96

बहते हुए झरने से हो तुम,
और मैं बहती नदी सी,

बूंद बूंद से तुम बरसते हो ,
और मैं तेरे अपनत्व से बहती हूं,,

-------- अंजू --------

97

उड़ चले हम खुले आसमान में,
आजाद पंछी की तरह,

कोई न पकड़े अब हमें,न कैद हो,
स्वतंत्रत रहे हम खुले आसमान में,,

--------- अंजू ---------

98

तेरा मेरा रिश्ता सब से निराला है,
खूबसूरत भी और बेमिसाल भी,,

--------- अंजू -------

99

हुकूमत मेरे दिल पे अब तुम्हारी है,
नाम तेरे लिखी ये जिंदगी तुम्हारी है,,

-------अंजू -------

100

दूर हूं तुझे पर दूर नही हूं ,
किनारे नही जो कभी न मिल सके हम,
हम तो दिन और रात है,
मिल ही लेंगे कभी शाम हो के,,

-------- अंजू -------

101

एक तूफान मेरे दिल में भी उठता हैं,
के साहिल मिलेगा मुझे कभी या नही,,

------- अंजू --------

102

बेताब लौटा हूं तेरे दर से आज भी मैं,
देखा तो तुम्हे जरूर पर आज भी पर्दानशी
थे तुम,,

-------- अंजू -------

103

मैं हूं तुझ में समाई नदिया सी तुझ में ही गुम ,
सागर की तरह जो दोगे सब लौटा दूंगी तुम्हे,,

-------- अंजू -------

104

कुछ फूल मिले है किताब में जाने कब से कैद थे,
जरा सा छुआ तो जी उठे और हवा मिलते ही उड़ गए,,

-------- अंजू -------

105

काश मैं तेरी हो जाऊं,
तुम मेरे हो ये तो पता है मुझे,,

------- अंजू -------

106

तू शाम की आरती हो जाए ,
और मैं रहूं हमेशा बनारस का एक घाट सा,,

-------- अंजू --------

107

जलने दो चिरागों को थोड़ी देर और,
वो ना आए तो भी कोई बात नहीं,
एक उम्मीद तो है....
उसके आने की,,

------ अंजू --------

108

ना उम्मीद ,ना कोई फरियाद करते हैं,
दिल उन्हीं के पास है उन्हीं को याद करते हैं,,

--------- अंजू ---------

109

झोली मेरी खुशियों से खाली ही रही,
गम ही थे जो हर कोई यूं ही दे जाता था,,

--------- अंजू -------

110

कितनी उलझन है मेरी जिंदगी में,
ये खुदा भी सोचता होगा,

इतना तो न लिखा था तेरी किस्मत में,
ये दर्द कहां से आया होगा,,

-------अंजू --------

111

हासिल ही कहां हुई थी कोई खुशी हमे,
बस उम्र भर ना जाने किस भ्रम में रहे,,

-------अंजू --------

112

एक बार लिया हमने होंठों से उसका नाम, दिल होंठों से लड़ पड़ा कि वो सिर्फ मेरा है,,

-------- अंजू -------

113

ना रास्ता मिला,
ना मंजिल मिली हमे,

हर मोड़ फरेब दे गया,
हर राह झूठी दिखी हमें,,

--------- अंजू --------

114

संगदिल जब से तुम हुए हो ,"सनम"
बस दिल तुम्हे ही ढूंढता है,,

-------- अंजू --------

115

मैं हूं बावरा सा,
हूं थोड़ा पागल,

दीवानगी मेरी
जब हद से गुजर गई,,

इश्क प्यार मोहब्बत
एक पागलपन ही तो है,,

-------अंजू --------

116

मौसम ये जुदाई का
अब बीत ही जायेगा,

कभी तो बहारे मेरे
घर भी आयेंगी,,

कभी तो सुकून
मिलेगा मुझे,,

राते गम की
बीत ही जाएंगी,,

---------- अंजू ---------

117

मेरे नैना मेरे सब राज खोल देते हैं,
लाख करूं कोशिश ये आंसू सच बोल देते हैं,,

------- अंजू -------

118

जब से एक तू मेरा हमनवा हुआ,
करीब ना और कोई मेरे खुदा हुआ,,

-------- अंजू -------

119

तेरे लिए जमाने से क्या ...?
हम तकदीर से भी लड़ लेंगे,

साथ देना अब मेरा, मेरे "खुदा"
मुझे अब सबसे ज्यादा तेरी जरूरत है,,

-------- अंजू ---------

120

अब यही सपना देखते हैं सिर्फ ,
तेरे महबूब बने हम,,

------- अंजू --------

121

भीगे कागज़ सा कर दिया है,
तुमने मुझे,

जिसपे ना लिख सकते हैं,
ना जला सकते हैं,,

-------अंजू ------

122

दिन में आहें,
रात को आंसू,

इश्क़ है खेल ,
आग़ और पानी का,,


-------अंजू -------

123

दो बूंद अश्क
दो कतरा खुशी

"जिंदगी" ,
बस तेरी इतनी कहानी है,,

------- अंजू --------

124

उम्र गुजरी है एक कैदखाने में,
आजाद कर दो मरने से पहले उसे,

के कह सके की आज़ादी में,
जिया था कभी और मरा भी आज़ादी में,,

------- अंजू -------

125

तेरी रूह को छू के देखा है,
मेरे सिवा वहां कोई नही,,

------ अंजू --------

126

मस्ती तेरी निगाहों में,
शोखी तेरी अदाओ में,

जुल्फ भरी घटाओं में,
नूर ही नूर हो तुम,

खुश रहो जिंदगी भर तुम,
हो इतना असर मेरी दुआओं में,,

------- अंजू -------

127

चल फरेबी चाहतो वाले,
खुद पे यकीं ना कर,

वो इश्क को परखते है,
वो हम से चाहत रखते हैं,,

------अंजू -------

128

तन्हा थे तन्हा ही रहे,ये तुम से कैसे कहते,
तुम अगर न मिलते तो शायद ही जिंदा रहते,

तुम ही कभी कभी हमारा हाल भी पूछ लेते ,,
हम कैसे तुमको अपने दिल का हाल बताते,,

------- अंजू -------

129

कभी आप नाराज हुए तो हम झुक जायेंगे,
कभी हम रूठे तो तुम गले लगा लेना "सनम"

------- अंजू -------

130

बहुत निराश हूं खुद से,
कुछ करने को दिल
अब करता नही

टूट गए हो जैसे ,
शब्द को गए हो,,

------- अंजू ---------

131

मैं ,मुझ में, मुझ सा
कुछ नही रहा,

जो कुछ हैं बस
तू ,तुझ में ,तुझ सा है,,

--------अंजू --------

132

ना कर गुफ्तगू ऐसे की जिंदगी बोझ लगे,
जी भी ना सके और आसान मौत लगे,

तू है तो अब तक जी रहे हैं,
नही तो ये जिंदगी खुद के कंधे पे बोझ लगे,,

-------- अंजू -------

133

कोई हद नहीं उम्र की,
कोई जात मजहब का लिहाज नहीं,
इश्क़ ने जिसे चाहा बस दिल से चाहा,,

------ अंजू -------

134

अपनी मर्जी से चलने दे
अब तो जिंदगी.....

तेरी मर्ज़ी से ही चले है
हम बरसो बरस,,

------अंजू ------

135

जहां एक कमरे में कैद हो जाए जिंदगी,
जनाब
लोग उसे बड़ा शहर ही कहते हैं,,

__अंजू --------

136

एक पहुंचे हुए पीर ने कहा था,

जिस मोहब्बत का जवाब न आए उसे इश्क कहते हैं,,

------ अंजू -------

137

तुम आए तो मेरे इश्क में कुछ बरकत होने लगी,
धड़कने लगा ये दिल भी कुछ हरकत होने लगी,,

--------अंजू -------

138

हद में रह कर बेहद इश्क करना ही इबादत है,,

-------- अंजू
139

कभी जानो मेरे दिल की बात तो ,
तेरे लब पे भी तबस्सुम आ जाए,,

____अंजू ____

140

अमीरी मेरी देखी कहां है तुमनें वो ज़मीं पे तू पास मेरे है दो दो उपर ख़ुदा,,

_____अंजू _____

142

जख्म गरीब का कभी सूख नहीं पाया, शहजादे की खरोंच पर तमाम हकीम आ गए...

_____अंजू_____

143

कतार में खड़े हैं खरीदने वाले शुक्र है 'मुस्कान' बिकती नहीं...

_____अंजू _____

144

गरीब की बस्ती में जरा जाकर तो देखो वहां बच्चे भूखे तो मिलेंगे पर उदास नहीं...

____अंजू ____


145

चर्चे इश्क की नही इश्कबाजो के होते हैं..!! इश्क तो आज भी खुदा की बंदगी हैं..

_____अंजू _____
146

मोहब्बत सब्र के अलावा कुछ नही.. मैने हर इश्क़ को इंतज़ार करते देखा है...

_____अंजू ____

147

ख़बर तेरी ही रहती है जान,
चाहे धड़कन की हो या मोहब्बत की,,

____अंजू ____

148

नाम तेरा लेके हम फरियाद करते हैं,

चाहते है सनम तुमको तुम्ही को याद करते हैं,,

_____अंजू ____
149

खुशी तेरे इश्क़ की यूँ भी बयाँ हो गयी जब भी तेरा नाम लिया मीठी जुबान हो गयी,,

____अंजू ___

150

बदल गई है ये घटा भी छा कर एक बार,

कहां कब कोई मौसम कभी एक सा रहता है,,

_____अंजू ____

151

बेताब दिल की हर धड़कन रहती हैं मेरी,

धड़कना है सिर्फ तेरे लिए धड़कन कहती है मेरी,,
____अंजू ____
152

बेचैन है वो इस कदर,

ना खुद का होश है,

ना खुद की ख़बर,

चैन दे उसको ज़रा ,

जी सके वो भी जरा,

इतनी तो दुआ सुन,

उसको थोड़ा सुकून दे,

बस यही है मेरी भी खुशी,

वो है मेरी जिंदगी,,

____अंजू ____
153

एक अदा उसकी बड़ी दिल काश , बड़ी हसीन है ,

वो भी वही करता है जो मुझे मना करता है,,

_____अंजू ____

154

नूर ही चला जाता है जब तू मेरे साथ नही होता,

बेनूर हो जाते है हम दोनो एक दूसरे के बिना,,

____अंजू_____

155

संजीदा हूं मैं इस तरह तेरे साथ के लिए,
अब मिलना है हमेशा की मुलाकात के लिए,,
____अंजू ____
156

तेरे गालों पर दो भंवर दिखाई देते हैं,

तू जो बोलता नहीं वो लफ्ज सुनाई देते हैं,,

____अंजू ____

157

तेरे शौक ने बिगाड़ा है मुझे,

तेरे इश्क ने संवारा है मुझे,

अब हर फिजा से प्यार है ,

के अब सिर्फ तेरा इंतजार है,

____अंजू ____


158

क्या है मर्जी , बता अब, मेरे मौला,

तुझे तो हर तरह मना के हारे,,

____अंजू ___

159

मेरे लफ़्ज़ से घायल हुआ है तू,

ये लफ्ज़ भी खंजर का काम करते हैं,,

____अंजू ____

160

अमानत मिल गई है तेरे इश्क की मुझे,

जमानत मिल रही है इस कैद से मुझे,
161

सौगात तेरे इश्क की अब मिली है मुझे,

सजदा करूं, मन्नत करूं बस इतना बता दे मुझे,,

____अंजू ____

162

तुझे लिखना आता है खूब,
मुझे पढ़ना आता है खूब,

तुम मुझे रोज लिखते हो,
और मैं तुम्हे रोज़ पढ़ती हूं,

उस खुदा की लिखवाट हो तुम
एक खुली किताब सी हूं मैं,

_____अंजू ____
163
तू बदन मैं इसके प्राण बन जाऊं,
तू धड़कन मैं तेरी जान बन जाऊं,

दूर रह के भी तुझ से दूरी ना लगे,
तेरे दिल में बसा अरमान बन जाऊं,,

तू बदन मैं इसके प्राण बन जाऊं,
तू धड़कन मैं तेरी जान बन जाऊं,

समा जा तू मुझ में और मैं तुझमे,
खुदा का किया अहसान बन जाऊं,

तू बदन मैं इसके प्राण बन जाऊं,
तू धड़कन मैं तेरी जान बन जाऊं,

भड़कते है जलते है जो सीने में,
कुछ राज़ के तूफान बन जाऊं,,

तू बदन मैं इसके प्राण बन जाऊं,
तू धड़कन मैं तेरी जान बन जाऊं,
_____अंजू_____