The Author DINESH KUMAR KEER Follow Current Read अनचाहा बन्धन (नफरत से मोहब्बत तक) By DINESH KUMAR KEER Hindi Anything Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books The Memory Market In the neon haze of New Avalon, the air buzzed not with traf... The White Scarf In a quiet village, lived a girl named Mahi — simple, soft-s... HEIRS OF HEART - 46 (LAST PART) She stared at the message for a full minute. Part of her wan... The Time Depritiarion, Evan Universe breaths by Sunlight. - 13 So friends ,how are you !!Hopeing, last episode was interes... The Bridge of Secrets Title: The Bridge of Secrets Story by: Vijay Sharma ErryWord... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Share अनचाहा बन्धन (नफरत से मोहब्बत तक) 750 2.6k 1.तुम आये तो मेरे इश्क मे अब बरकत होने लगी है चुपचाप रहता था दिल मेराअब हरकत होने लगी है2.ज़रूरी तो नही...सब कुछ हासिल हो ही जाये,कुछ लोग ना मिल कर भी...दिल में आखिरी सांस तक धड़कते है,3.बाकी है मुझ मेंतू कहीं... आज मगर मैं हूँ कहीं और तुम ना जाने और कहीं... वो दिन बिछड़े थे हम... वो लम्हें जब लड़ाई थीं हुई... आज अलग है हम - तुम... तुम हो गये हो गुम... और मैं हैरानी में गुमसुम...4.शायद मिलना हमारा तकदीर में लिखा ही नहीं इसलिए तुम ने कभी बताया नहीं और हम ने कभी जताया नहीं।5.यहां खंजर वाले तो मुफ्त मे बदनाम होते हैं...!ये हसीनों का शहर है अदाओं से कत्लेआम होते है...!!6.किस - किस ख्याल को दिल सेजुदा करूं -मेरे हर इक ख्याल में बसतेरा और तेरा ख्याल है7.जो रहते है दिलो में ! वो रिश्ते जुदा नहीं होते !! कुछ ऐसे भी अल्फ़ाज़ होते है जो लफ़्ज़ों में बयां नहीं होते8.गर जिंदगी ... मुशायरा होती ...और तू होता कलाम मेरा ...लफ्ज़ - लफ्ज़ ... होता नज़्म मेरा ...गजलों में छुपा होता ... नाम मेरा ... 9.मोहब्बत तो बस एक एहसास हैजिससे हो जाए बस फिर वही खास है10.अखियों को रहने दे अखियों के आसपास - दूर से दिल की बुझती रहे प्यास -11."क्या फ़र्क पड़ता है कि ... कौन तुम्हें पढता है,तुम्हारी गहराइयों की हर ख़बर तो तुझ में, डूबने वाला ही रख सकता है"12.तुमसे मिलने की तम्मन्ना और तेरा ख़याल उलझा - उलझा सा मैं अज़ीब सा है हाल13. कहते हैं... हाथों की... लकीरें अधूरी हाे तो... - किस्मत में -माेहब्बत नहीं हाेती... पर सच तो ये हैं कि... हाथाें में हाे काेई प्यारा हाथ... - तो लकीराें की भी -जरूरत नहीं हाेती...14.जो खामोशी न समझे उससे प्यार क्या करना और जो समझ ले उससे इजहार क्या करना !15.प्यार को कब तक छुपाएं हमकब तक कहें तेरे दर परबस यूँ ही आये हमकैसे कहें नहीं रोक पाते खुद कोसंग तेरे जो निभाई थी प्रीतउसे कैसे भूल जाएं हमतूने तो बदल ली राहें अपनीराहें अपनी चाह कर भीबदल न पाए हम16.ये कौन सा खुमार है, तू आदतों में शुमार हैयूं तो खुद के नहीं हम, पर तू मुझमें बेशुमार है17.मै दौड़ - दौड़ के खुद को पकड़ के लाता हूँतुम्हारे इश्क ने बच्चा बना दिया है मुझे18.मेरी दीवानगी की कोई हद नहीं... तेरी सूरत के सिवा... मुझे कुछ याद नहीं... मैं गुलाब हूं तेरे गुलशन का... तेरी शिबाए... मुझ पर किसी का हक नहीं... 19.कुछ इस तरह सलीके से मुहब्बत का इज़हार कियादेकर गुलाब बरसों तक इक हां का इंतज़ार किया20.इक शाम दो चांदइक फलक इक जमी पर ।21.तुमको देखूं या तुमसे बात करू,कश्मकश में हूं, कैसे शुरुआत करू...!22.मंजूर है मुझे ... तेरी यादों के साथ ता'उम्र तन्हा रहनामगर ग़वारा नहीं इश्क़ की राह में किसी औऱ को हमसफ़र चुन'ना...!!23.हर शख़्स निगाहों में प्यार लिए रहता है हर वक़्त ख़्यालों में ख़ुमार लिए रहता है, जब ख़ुद को हारता है बे-दर्द दुनिया में दिल में जख़्मों का बाज़ार लिए रहता हैं।24.दिल के राज को हमदम अभी दिल मे ही रहने दोप्रेम के सागर को बिन शोर किए चुपचाप बहने दोजिन बातों का है अर्थ नही क्युं व्यर्थ कहें हम तुमशब्द को खो जाने दो आज केवल मौन को कहने दो Download Our App