Aathva Vachan - 4 in Hindi Fiction Stories by डॉ. शैलजा श्रीवास्तव books and stories PDF | आठवां वचन ( एक वादा खुद से) - 4

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आठवां वचन ( एक वादा खुद से) - 4






एक साल पहले मेघना इस घर में ब्याह कर आई थी। अभिषेक की पत्नी बनकर। मन में एक नई उम्मीद और आंखों में ढेर सारे सपने लिए।



अभिषेक के मम्मी पापा उसकी बुआ के दूर के रिश्तेदार थे।

बुआ की बेटी रिंकी दीदी की शादी में उन्होंने मेघना को देखा और जाना था।





उसकी बुआ की बेटी रिंकी की शादी थी। मेघना अपने मम्मी-पापा के साथ वहां आई थी और वहीं पर अभिषेक के मम्मी पापा और अभिषेक भी आया था।



संगीत के फंक्शन में जब मेघना ने एक खूबसूरत डांस किया तो अभिषेक के मम्मी पापा के साथ साथ अभिषेक की नजर भी ठहर गई थी उस 21 साल की मासूम सी चंचल लड़की पर। मेघना खूबसूरत होने के साथ-साथ बहुत ही भोलापन लिए और निश्चल व्यवहार वाली थी।



अभिषेक की नजर उस पर रुकी हुई थी और जब उसकी मम्मी ने देखा तो उसके पापा के पास आई



" मुझे लगता है हमारी बहू ढूंढने की तलाश पूरी हो गई!" अभिषेक की मम्मी ने उनके पापा को कहा और अभिषेक की तरफ देखने का इशारा किया।



अभिषेक के पापा ने भी अभिषेक की तरफ देखा जो एकटक मेघना को देख रहा था और उनके चेहरे पर भी एक मुस्कुराहट आ गई।



अभिषेक खूबसूरत सी मुस्कान लिए लगातार मेघना को देख रहा था ।



मेघना इस बात से पूरी तरीके से अनजान थी। अभिषेक और उनके मम्मी-पापा को मेघना की खूबसूरती और सादगी इतनी ज्यादा पसंद आई कि उन्होंने मन ही मन मेघना को अपना बनाने का फैसला कर लिया था

रात के समय जब वह सब कमरे में थे तब अभिषेक की मम्मी संगीता ने अभिषेक की तरफ देखा।

"बेटा मैंने मैं सोच रही हूं कि अब जब तुम्हारी नौकरी भी सेटल हो गई है और सारा काम भी सही चल रहा है तो फिर तुम्हारा रिश्ता तय कर दिया जाए!" संगीता बोली।

"इतनी जल्दी क्या है मम्मी? अभी अभी तो जॉब शुरू हुई है, थोड़ा सा टाइम देते हैं।" अभिषेक ने बात को टालते हुए कहा।



"पर लड़की मुझे और तुम्हारे पापा को बहुत पसंद है!" संगीता बोली

"क्या आप लोगों ने लड़की देख भी ली और पसंद भी कर ली!"अभिषेक एकदम से हताश हो गया।



"हां हमने पसंद कर ली है लड़की और हमें पूरा विश्वास है कि तुम हमारी पसंद को ना नहीं कहोगे! लड़की वाकई में बेहद खूबसूरत और बहुत ही मासूम है । तुम उसको देखोगे तो तुम्हें भी बहुत पसंद आएगी।" संगीता ने अभिषेक के दिल की बात जाननी चाही।



"पर मम्मी मैं अभी शादी के लिए तैयार नहीं हूं! प्लीज आप ने जहां भी रिश्ता देखा है वहाँ मना कर दीजिए। मुझे थोड़ा सा टाइम चाहिए!" अभिषेक बोला।



"और इस टाइम का कारण जान सकता हूं ? तुम तो ऐसे ही बोल रहे जैसे तुम्हारी जिंदगी में कोई लड़की है। तुम किसी को पसंद करते हो?" अभिषेक के पापा एकदम से बोल पड़े तो अभिषेक हड़बड़ा गया। मानो उसकी चोरी पकड़ी गई हो।

"ना ना...नहीं तो ऐसा कुछ भी नहीं है पापा! बस अभी मैं शादी के लिए तैयार नहीं हूं और अभी मेरी ज्यादा उम्र भी तो नहीं है सिर्फ 25 साल का ही तो हुआ हूं। इतनी भी क्या जल्दी है शादी करने की।" अभिषेक थोड़ा परेशान होने लगा था।

अभिषेक की मम्मी और पापा ने एक दूसरे की तरफ देखा और मुस्कुरा उठे।

"और अगर लड़की तुम्हें भी पसंद हो तब भी तुम्हें रिश्ते से एतराज होगा क्या?" अभिषेक की मम्मी ने कहा तो अभिषेक ने आश्चर्य से उनकी तरफ देखा।

"हमने जो लड़की तुम्हारे लिए पसंद की है वह तुम्हें भी जरूर पसंद आएगी अगर तुम कहो तो हम बात आगे बढ़ा सकते हैं! " संगीता बोली



"पर मम्मी अब तक मैंने उसे देखा नहीं है मैं उसे जानता नहीं हूं । तो आप कैसे कह सकते हो कि वह मुझे पसंद आएगी। प्लीज मम्मी जिंदगी भर की बात है मैं बिना मिले और बिना समझे किसी से यूं ही शादी कैसे कर लूं। मुझे आप लोगों के फैसले से कोई एतराज नहीं है आप लोग जो भी सोचोगे मेरे लिए अच्छा ही सोचोगे पर फिर भी मैं एक बार उससे मिलना चाहता हूं।" अभिषेक ने अपने दिल को मजबूत करके कहा। आखिर मेघना के लिए उसके प्यार के आगे उसके मम्मी पापा का प्यार और सम्मान था इसलिए उसने मेघना को भूलने का फैसला कर लिया।



"हां बेटा बिल्कुल तुम मिलो बात करो उसके बाद ही रिश्ता आगे बढ़ेगा और अभी तो मौका भी है और माहौल भी! "अभिषेक के पापा बोले तो अभिषेक ने उनकी तरफ देखा।

"हमने जिस लड़की को पसंद किया है इस समय इस मैरिज हॉल में और शादी में मौजूद है! तुम उसे जानो समझो और बातचीत करो अगर तुम्हारे मन को तसल्ली होती है तभी रिश्ता करेंगे। तुम्हारी जिंदगी भर का सवाल है हम यूं ही तो जबरदस्ती शादी नहीं करवा देंगे। हम भी तुम्हारी खुशी चाहते हैं बेटा!" उसके पापा बोले।



"कौन है? "अभिषेक बोला



" रिंकी के मामा जी की बेटी मेघना की बात कर रहे हैं।" संगीता बोली



" कौन मेघना?" अभिषेक ने पूछा क्योंकि वह मेघना को सिर्फ चेहरे से जानता था उसका नाम नहीं जानता था।

"वही जिसने आज संगीत में समा बांध दिया! पिंक पटियाला वाली! " संगीता बोली तो अभिषेक के चेहरे पर एक खूबसूरत सी मुस्कुराहट आ गई और उसकी आंखें चमक उठी।

©️डॉ.शैलजा श्रीवास्तव®️