Devil's Sundar wife - 16 in Hindi Fiction Stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | Devil's सुंदर wife - 16 - शादी की त्यारी...

Featured Books
  • અભિન્ન - ભાગ 5

    અભિન્ન ભાગ ૫ રાત્રીના સમયે પોતાના વિચારોમાં મગ્ન બની રાહુલ ટ...

  • કન્યાકુમારી પ્રવાસ

    કન્યાકુમારીહું મારા કન્યાકુમારીના  વર્ષો અગાઉ કરેલા પ્રવાસની...

  • હું અને મારા અહસાસ - 119

    સત્ય જીવનનું સત્ય જલ્દી સમજવું જોઈએ. જીવનને યોગ્ય રીતે જીવવા...

  • રેડ 2

    રેડ 2- રાકેશ ઠક્કરઅજય દેવગનની ફિલ્મ ‘રેડ 2’ ને સમીક્ષકોનો મિ...

  • ભાગવત રહસ્ય - 271

    ભાગવત રહસ્ય -૨૭૧   યશોદાજી ગોપીઓને શિખામણ આપે છે-કે- અરી સખી...

Categories
Share

Devil's सुंदर wife - 16 - शादी की त्यारी...

एपिसोड 16 (शादी की त्यारी)
अपने रूम में गुमसुम बैठी महक, ना जाने जिंदगी के किन पन्नो को खोलकर बस उनमे गम हो गई थी | कहते हैं न, की इंसान चाहे जितना आगे निकल जाए, टाइम चाहे जितना बीत जाए, लेकिन दिल पर लगे ज़ख्म वो कभी भरते नहीं, कभी भी उन ज़ख्मों की किताब , इंसान को अपना दर्द भूलने नहीं देता |
महक भी बस अपने उन ज़ख्मों को भरने की कोशिश में थी | लेकिन इतने सालों बाद भी, अभी तक कुछ नहीं हुआ था | महक बच्ची से, बड़ी हो गई थी, इतनी बड़ी की अब वो कमाने भी लगी थी, लेकिन अभी भी महक को अपने उन स्वालीन के जवाब नहीं मिले थे, जिनके जवाब वो ना जाने कितने सालों से खोज रही थी |
वहीँ मल्होत्रा इंडस्ट्रीज में ...
माया जब से हॉस्पिटल से आई थी, उसने शादी से रिलेटेड कुछ नहीं कहा था | रिया को समझ नहीं आ रहा था, की वो क्या करे | क्यूंकि माया को सब कुछ पता लग गया था | माया को मामूली इंसान नहीं थी, उसे समझ पाना कोई आसान काम नहीं था | या यूँ कह सकते हैं , की माया बहुत ही ज़्यादा सेक्रेटिव लड़की थी | शायद इसी वजह से खुद दादा जी भी माया को कभी समझ नहीं पाए | और रिया जो इतने सालों से माया के साथ थी, हालाँकि वो माया के इमोशंस को फील करलेती थी, लेकिन माया कब क्या सोचती है, ये उसे भी आज तक पता नहीं चला |
ना जाने कैसे लेकिन माया को पता लग गया था, की हॉस्पिटल में जो हुआ कुछ भी रियल नहीं था | और इसी वजह से बुरी तरह डर से कांपती हुई रिया बस अपनी पनिशमेंट का इंतज़ार कर रही थी | लेकिन माया ने कुछ कहा ही नहीं | माया जानती थी, की उसके दादा कभी उससे इस रफ झूठ नहीं बोलते अगर वो उन्हें फाॅर्स नहीं करती | शिवम् मालोत्रा ने ना जाने माया को कितने ही लड़को से मिलवाया था,ताकि माया किसी से शादी कर ले | लेकिन हर बार माया लड़कों को डरा धमका कर भगा देती थी | और यही वजह थी, की आज दादा जी को ितंबा बड़ा कदम उठाना पड़ा |
दादा जी ने माया को बता दिया था, की कल उसकी कोर्ट मैरिज है | लेकिन माया ने उस पर भी कुछ कहा नहीं | सिवाए ओके के | और ये बात रिया को ठीक नहीं लग रही थी | रिया नहीं चाहती थी, की माया की ज़िन्दगी में कोई गलत इंसान आए | इसलिए रिया माया से कहती है |
"चीफ आप एक बार लड़के से मिल तो लीजिये !" लेकिन इस पर भी माया ने कुछ नहीं कहा | शाम होते ही, अपने ऑफिस से माया रिया को फ़ोन करती है | माया का फ़ोन आता देख, रिया जल्दी से फ़ोन उठाते हुए कहती है |
"यस चीफ "
"लेटस गो फॉर शॉपिंग " माया नार्मल टोन में कहती है | रिया को तो मानो अपने कानों पर भरोसा ही नहीं हो रहा था | इसलिए वो हैरान आवाज़ में कहती है |
"क्या चीफ, शॉपिंग ?" रिया की हैरानियत से माया हस्ते हुए कहती है |
"हाँ | कल मेरी शादी है | तुम्हे अच्छे कपडे नहीं पहनने हैं ?" माया की बात सुन , रिया शांत होते हुए लेकिन ख़ुशी से कहती है |
"हाँ हाँ चीफ, चलते हैं |" माया रिया की ख़ुशी फील कर पा रही थी | माया रिया के साथ मॉल गई, और अपने और रिया के लिए शॉपिंग | खुद के लिए माया ने लाल रंग का शादी का जोड़ा जिसके साथ मैरून रंग का चूड़ा लिया था | चंडी की बिछिया, पायल वो हर सामान लिया जो शादी पर एक नहीं होने वाली सुहागन को चाहिए होता है | माया चाहती थी, की वो हर वो चीज़ करे जो उसे दादा जी को पसंद आये | हालाँकि ये शादी बाकी नार्मल शादियों जैसी नहीं थी, लेकिन फिर भी माया की पहली शादी थी | इसलिए माया इसे एन्जॉय करना चाहती थी |
शॉपिंग करने के बाद, माया ने रिया को घर छोड़ा और खुद अपने घर चली गई | लेकिन घर के अंदर जाते ही जो नज़ारा देख उसने तो माया के होश ही उदा दिए |

आखिर क्या देखा माया ने ऐसा ? और कैसी होफी माया और अभी की पहली मुलाकात ?

जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ |