Galatee - The Mistake - 46 in Hindi Detective stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | गलती : द मिस्टेक  भाग 46

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गलती : द मिस्टेक  भाग 46

मैं इतने यकीन के साथ इसलिए कह सकता हूं क्योंकि गले पर जो कट लगे हैं वो किसी ने उन्हें पीछे से पकड़कर मारा था। इसलिए जब उनके गले पर कट लगा तो उन्होंने अपने गले को पकड़ा था। इस कारण उनके हाथ में लगे कट से जो खून गिर रहा था वो उनके कपड़ों पर था। वो इसी स्थिति में गिर सकता है जब वो अपने कटे हाथों से अपने गले को पकड़ेंगे। यदि पहले गले पर और फिर हाथ पर वार किया गया होता तो गले में कट लगने से निकलने वाला खून उनके कॉलर तक सिमटकर रह जाता। सीने, पेट और पेंट या फ्रॉक तक नहीं पहुंचता। डॉक्टर ने विस्तार से भौमिक को यह जानकारी दी।

ओके डॉक्टर। पर मुझे एक बात अब भी समझ नहीं आ रही है कि यदि वे चारों आत्महत्या कर रहे थे तो उनकी हत्या क्यों की गई। दूसरी बात यह है कि यदि उनकी हत्या हो रही थी तो फिर उन्होंने आत्महत्या की कोशिश क्यों की ? भौमिक ने शक जाहिर करते हुए प्रश्न किया।

एसीपी साहब इस बारे में तो आपको बहुत अधिक जानकारी नहीं दे सकता, पर हां मैंने जो रिपोर्ट में लिखा है वो 100 परसेंट सही है। डॉक्टर ने कहा।

कहीं ऐसा तो नहीं कि पोस्टमार्टम करने या रिपोर्ट बनाने के दौरान आपसे कोई चूक हो गई हो ? भौमिक ने कहा।

बिल्कुल नहीं सर। माना कि हमारी ड्यूटी बहुत अधिक होती है और एक दिन में हमें कई बार चार से पांच पोस्टमार्टम भी करने पड़ जाते हैं, पर यकीन मानिए हमसे ना तो पोस्टमार्टम करने में कोई गलती हुई और ना ही रिपोर्ट बनाने के दौरान कोई गलती हुई है। डॉक्टर ने पूरे विश्वास के साथ यह बात भौमिक से कही।

ओके तो डॉक्टर साहब। आपका समय लेने के लिए क्षमा चाहता हूं और आपने जो जानकारी दी है उसके लिए थैक्यू। भौमिक ने डॉक्टर से हाथ मिलाते हुए कहा।

अरे एसीपी साहब, यह तो हमारा काम है। आप अपना काम कर रहे हैं और हम अपना। इसमें सॉरी और थैक्यू की तो कोई बात ही नहीं है। डॉक्टर ने कहा।

इसके बाद भौमिक और परमार फिर से अपनी कार के पास आ गए और फिर ऑफिस के लिए रवाना हो गए। कुछ ही देर में वे अपने ऑफिस पहुंच गए थे। उनके पहुंचने से पहले ही सुदीप शाह भौमिक के ऑफिस पहुंच चुका था। भौमिक के आते ही शाह भी उसके केबिन में पहुंच गया था।

एसीपी साहब आपने मुझे बुलवाया था। परमार साहब का कॉल आया था आप मुझसे कुछ बात करना चाहते हैं। बताइए अब मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं ? शाह ने कुर्सी पर बैठते हुए भौमिक से कहा।

जी हां शाह साहब, मैं आपसे डॉक्टर सक्सेना के बारे में कुछ और जानकारी चाह रहा था। भौमिक ने कहा।

जी, बताइए और क्या पूछना चाहते हैं आप डॉक्टर सक्सेना के बारे में ? शाह ने भौमिक से प्रश्न किया।

हमारी जांच के दौरान हमें पता चला था कि आप और डॉक्टर सक्सेना के अलावा आपके तीन और खास दोस्त हुआ करते थे। हमें पता चला है कि उन सभी की मौत हो गई है। मैं जानना चाहता हूं कि वे तीन दोस्त कौन थे और उनकी मौत कैसे हुई थी ? भौमिक ने प्रश्न किया।

पर उन तीनों की मौत का डॉक्टर सक्सेना की मौत से क्या लेना-देना है एसीपी साहब ? शाह ने प्रश्न किया।

उन तीनों की मौत का डॉक्टर सक्सेना की मौत से कुछ लेना-देना है या नहीं यह हम तय करेंगे शाह साहब। आप बस वो बताइए जो मैंने आपसे पूछा है। भौमिक ने कहा।

जी, दुरूस्त फरमाया आपने। वो तीन दोस्त थे राघव दयाल, जिनकी पार्टी में मेरी और डॉक्टर सक्सेना की दोस्ती आगे बढ़ी थी। दूसरे थे कांतिलाल तेजवानी वे भी राघव के ही मित्र थे और राघव के साथ मिलते हुए हमारी दोस्ती भी अच्छी खासी हो गई थी। तीसरे थे परशुराम वे मेरे और राघव के कॉमन फ्रेंड थे। पार्टी में ही उनकी कांतिलाल और डॉक्टर सक्सेना से मुलाकात हुई थी। फिर हम सभी लगातार मिलते रहे और हमारी दोस्ती भी गहरी होती गई। शाह ने भौमिक को बताया।

डॉक्टर सक्सेना की मौत और उसके तीनों दोस्तों की मौत के बीच कोई कनेक्शन है ? क्या डॉक्टर सक्सेना के तीनों दोस्तों की मौत का से डॉक्टर सक्सेना का कोई लेना-देना था ? आखिर डॉक्टर सक्सेना के तीनों दोस्तों की मौत कैसे हुई थी ? क्या शाह डॉक्टर सक्सेना के बारे में कोई बड़ी बात भौमिक को बताएगा ? इन सभी सवालों के जवाब आगे कहानी में मिलेंगे, तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें व फॉलो करना ना भूले।