Love v s lust - 4 in Hindi Fiction Stories by TGAP books and stories PDF | लव v s lust - 4

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लव v s lust - 4


प्रिया – तुम्हारी खुशी के लिए मैं तैयार हूं
मैंने प्रिया को कॉल किया
आदित्य – सच में ( अंदर से कन्फ्यूज होता मैं की ये मान कैसे गई.... की बस सुना ही रही है मुझे )
प्रिया– हां मैं तैयार हूं ,ये सिर्फ तुम्हारे लिए कर रही हूं बाद मैं बात करती हूं कह कर फोन कट कर दिया।
मुझे लगा शायद आस पास मम्मी होंगी।
मैं सोच में पड़ गया अचानक से इसने हां कैसे कह दिया मेरी तो इसकी ना सुनने की आदत सी पड़ गई है ।
तभी एक अनजान नंबर से मैसेज आया – लोकेशन ( मतलब कहा चाइए)
मैं थोड़ी देर सोच रहा कौन है ये फिर ध्यान आया कि ये तो उन्हीं नंबरों में से कोई होगा जो बोल रहा है
आदित्य – मुझे नहीं चाइए सब फ्रॉड हो तुम लोग
उसने सीन कर लिया और रिप्लाई नही किया
मैने वाट्सअप बंद किया सोचने लगा छोड़ो क्या करना अब इन सबका वैसे भी लगभग फ्रॉड है

अंदर से संतुष्टि का भाव आते हुए चलो मैं तुरंत बाहर आया मां ने खाना निकल रही थी और मेरा चेहरा देख रही थी शायद वो सोच रही थी जिस गुस्से उदास मन से रूम में ये अंदर गया अभी ये शांत होकर बाहर आ रहा मम्मी ने दिमाग लगाया शायद मेरी प्रिया से बात हो गई और लड़ाई खत्म हो गई तभी ये शांत लग रहा मम्मी ने खाना दिया मैं बस खा रहा और अंदर ही अंदर सोच रहा की कहा जाओ क्या करु कैसे क्या करना है उसको कौन से होटल लेकर जाओ ये सोच कर मैं धीरे धीरे खा रहा था
मां फोन चला रही थी फिर उन्होंने नोटिस किया बोली –क्या सोच रहा
मी– कुछ नही बस एग्जाम की तैयारी के बारे में सोच रहा
मां– ओके खाने के बाद बर्तन वहा पर रख देना अभी बर्तन धोने वाली आ ही रही होगी
ऐसा कह कर मां फोन चलाते हुए मां अपने रूम पर चली गई।
मैंने खाने के बाद तुरंत उठा प्लेट वही छोड़ी तुंरत पानी पीकर रूम का गेट बंद कर लिया
सारे कपड़े उतार कर बिस्तर पे लेट गया इधर उधर की साइट देखने के बाद कही मन नही लग रहा था कुछ देर बाद सोने की कोशिश करने के बाद वापिस फोन पकड़ लिया कभी कभी लगता खुद मेरा हाथ ही मुझे फोन पकड़ने के लिए बोलने लगता है
व्हाटसप पर
लविश – आज क्या हुआ तुम कुछ बता रहे थे की बात हो गई है
आदित्य – यार आज मैं बेवकूफ बन गया जिससे बात की थी वो सब फ्रॉड थे यार बहुत पैसे चले गए
लवीश –भाई होते है ठग लेकिन रियल भी होते है मैने सुना है मिलते ही ऐसी ही है हम बस सही रास्ता नही ढूंढ पा रहे है
आदित्य –यार मैं अब हाथ जोड़ लिया हूं अब नही सोच रहा न कर रहा ये सब
लवीश – भाई देख यार कुछ और तरीका देख अबकी बार बस पैसे कही मत देना लेकिन बात करके देखना क्या पता सही वाला मिल जाएगा ।
एक बार मेरे मन में आया की बता दूं कि मैं तो प्रिया के साथ जाने वाला हु वाली बात बता दूं पर मन में एक अजीब सा लगा की क्या बताए छोड़ो मैं नहीं बताऊंगा।
आदित्य– भाई मैने सोच लिया है की मैं येसब नही चाहता
लवीश– मेरे लिए ही देख ले यार मेरी तो कोई बंदी है नही कम से कम जीवन का सुख ऐसी ही ले सकूं।
आदित्य – ठीक है देखते हैं
फिर मैने उसी नंबर पे सोचा चलो टाइम पास करा जाए
मैंने उस मैसेज पर रिप्लाई किया – यही लखनऊ
उसने बोला – ओके
मी– मैने कहा फोटो दिखाओ
वो– सर फोटो नही दिखा सकते
मन में मेरे ख्याल आया की अभी तो मैने इसे फ्रॉड बोला था पर ये फिर भी सही से बात कर रहा
मी– क्यू
वो– सर आपको आना पड़ेगा
मी– मैं पहले पेमेंट नही करूंगा
वो– ओके

अंदर से थोड़ा विश्वास जागता हुआ

मुझे लगा किसी और जगह जाना सही नही रहेगा क्यू ना किसी होटल के लिए पूछ लेता हूं
मी– होटल आ जाएगी लडकी
वो– हां हो जाएगा सर लेकिन आपको होटल बुक करने के बाद चाभी की फोटो भेजनी होगी
मी– ठीक है कल कितने बजे फोन करू
वो– 11 बजे के बाद वो भी कॉल मत करना पहले फोटो भेजना होटल की चाभी की और जब पहुंच जाना तो लोकेशन भेजना
मैं अंदर से थोड़ा सोचता हुआ क्या ये फालतू का काम कर रहा लेकिन अंदर से उकसुकता भी हो रही
मी– भाई फोटो तो भेजोगे न की वो भी बिना दिखाए भेज दोगे
वो– सर जब आप चाभी की फोटो भेजोगे और लोकेशन लाइव भेज दोगे तुरत जो होंगी उसकी फोटो भेज दूंगा। फर्स्ट टाइम मैं सब पर ट्रस्ट करके हम फोटो नही भेज सकते
मी – ठीक है
उसने सीन करके रिप्लाई नही किया अब मुझे फील आ रहा था ये सही बंदा है
मैंने तुरंत लवीश को मैसेज किया –भाई एक बंदा सही लग रहा
कल चले क्या??
लवीश – भाई चल मैं तो एक्साइटेड हूं बहुत ज्यादा
मैंने ओके लिख दिया
मैंने सोचा ये सब फालतू की नौटंकी छोड़ो मैने प्रिया को कॉल करी
प्रिया ने फोन उठाया बोली की अब फ्री हुई हूं
सुबह से मेरे अंदर तो बस सेक्स ही घूम रहा था मैंने तुरंत बोला परसो चले क्या???
प्रिया– कहा
मी– होटल
प्रिया एक दम चुप हो गई कुछ रिप्लाई नही किया बोली –आदित्य में ये नही कर पाऊंगी अपने घर वालो को धोखा नही दे पाऊंगी और फोन कट कर दिया।
मुझे अपने रिश्ते की डोर ही समझ नही आ रही थी मुझे ऐसा फील होने लगा की जैसे मैं कोई गिरा हूं इंसान हूं ये लडकी मुझे ऐसा फील करवा रही है मुझे गुस्सा आ गया क्या चल रहा फिर मैने कॉल मैसेज कुछ भी नही किया
सोचने लगा काश कल वो एजेंट रियल निकले और सब कुछ सही हो
फोन साइलेंट रख कर सो गया