Dard Dilo ke - 3 in Hindi Love Stories by Anki books and stories PDF | दर्द दिलों के - 3

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दर्द दिलों के - 3

अरनव बहुत जायदा गुस्से में होता है । तभी रियान उससे कहता है।
रियान : यार जो भी हुआ वो ठीक नहीं हुआ । उस लड़की को मज़ा चखाना पड़ेगा ।
सनी : यार हिम्मत देखी उसकी कैसे बात कर रही थी।
अरनव : वो जानती नहीं है कि उसने किस से पंगा लिया है। तुम पता करो कि कौन है वो?
सनी : ठीक है मैं पता करता हूं।
ईशान : यार जाने भी दो । अब बात खतम करो । हो गई उस लड़की से गलती । अरनव माफ कर दे उसे।
अरनव : माफ कर दूं । क्या फालतू बकवास कर रहा है तू। उसने सभी के सामने मेरी इतनी insult की और तू कह रहा माफ कर दूं। तू जा उसी के पास जा ।
ईशान : यार मैं तो बस ऐसे बोल रहा था ।
तभी निया वहां आती है ...
निया : क्या हुआ तुम्हें? क्यों इतने गुस्से में हो ?
अरनव : जैसे तो तुम्हे अभी तक कुछ पता ही नही चला होगा ।
निया : पता है लेकिन गुस्सा करने से अपना ही नुकसान होता है । अभी शांत हो जाओ और मेरे साथ कॉफी पीने चलो और खबरदार मना किया । तुम्हें मेरी कसम है।
अरनव : यार बात बात पे कसम क्यूं दे देती हो ।
निया : चल रहे हो या नहीं ।
अरनव : चल रहा हूं जान ।
दूसरी तरफ ईशा आरवी को डांट रही होती है ।
ईशा : तुम्हें क्या ज़रूरत थी उसके मुंह लगने की ?
आरवी : तुमने देखा नहीं वो कैसे गुंडा गर्दी कर रहा था । उसे रोकना जरूरी है और मैं तो principal sir से उसकी शिकायत करूंगी ही और तू भी मेरे साथ चलेगी ।
ईशा : न मैं जा रही हूं और न ही तू जायेगी। तुझे पता भी है की वो है कौन?
आरवी : जो भी हो । हम लोग डर डर के तो नहीं रह सकते । ईशा तू अच्छी तरह जानती है कि मैं गलत होते हुए नहीं देख सकती।
ईशा : तुझे हमारी दोस्ती की कसम है । तू उसकी शिकायत नहीं करेगी। मैं तेरे भले के लिए बोल रही हूं।
आरवी : ईशा तू भी न। नहीं करती शिकायत अब खुश । दोस्ती की कसम देने की क्या जरूरत थी !
ईशा : बहुत खुश । अब क्लास में चले ।
अरनव और निया कैफे में कॉफी पी रहे होते है तभी अरनव को सनी का फोन आता है और वो उससे कहता है.....
सनी : भाई उस लड़की का पता चल गया।
अरनव : nice 👍 कौन है वो?
सनी : आरवी नाम है उसका और जूनियर है हमारी ।
अरनव : फ्रेशर पार्टी की तैयारियां शुरू करो । जरा हम भी अपने जूनियर से थोड़ी बातचीत करें।
सनी : of course yaar .
अगले दिन सब notice board के पास खड़े है और काफी खुश हैं तभी ईशा और आरवी वहां आते है..
ईशा : क्या हुआ सब इतने खुश क्यूं है।
ऋषिका : खुश क्यूं न हो? Seniors हमको frsher party दे रहे हैं।
आरवी : ओहो ! अच्छी बात है ।
ईशा : मज़ा आयेगा ।