Biwi se Panga, Pad gaya Mahenga - 4 in Hindi Comedy stories by Sanju Sharma books and stories PDF | बीवी से पंगा, पड़ गया महँगा - भाग 4

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बीवी से पंगा, पड़ गया महँगा - भाग 4

बीवी से पंगा, पड़ गया महँगा- भाग 4

मैं अपनी बीवी से बहुत प्यार करता हूं, हाँ वो अलग बात है मेरी बीवी के प्यार का इज़हार करना थोड़ा अलग तरीके का होता है पर आप तकरार उसी से करते है जिससे आप प्यार करते है
पिछले तीन भाग में आपको यह एहसास हो ही गया होगा कि हम टॉम और जेरी जैसे है और हमेशा टॉम ही जेरी को उकसाता है और टॉम हर एपिसोड में जेरी के हाथों गुस्से का शिकार होता है ।

एक बार की बात है मैं कॉलेज से जल्दी निकला, सोचा घर पहुंच कर अपनी वाईफाई को सरप्राइज दूँगा पर उल्टा मुझ को सरप्राइज मिला
मैं उसके पसंदीदा होटल से फ्राइड राइस और मोमोस लेकर घर पहुँचा तो क्या देखता हूं घर में किटी पार्टी चल रही है, कुछ बिल्डिंग की औरतें जो मेरी वाइफ की फ्रेंड है, वो वहां मौजूद थी,
वे लोगो ने हाय हेलो किया तो बदले में मैंने भी एक कदम आगे बढ़कर
"अर्रे, लगता है मैं सही टाइम पर आया हूं, आपलोग खाना सुरु करने से पहले मुझे एक मिनट दो,
मैंने अपनी वाइफ से कहा " अंदर से दो एक्स्ट्रा प्लेट ले आना, खाने की चीज़ लाया हूं
पर उसे मेरा हाव भाव अच्छा नही लगा, वो खड़े होकर मुझे टोकते हुए, " जान , आप थके हुए आये है, आप अंदर जाकर आराम कीजिये"
कहकर मेरा बैग अपने हाथ में लेने लगी
मैंने भी सोच लिया था कि मेरी वाइफ का इमेज उसके दोस्तों के सामने आज चमका दूंगा," जानू रुको जरा(बैग वापस लेते हुए) मैं तुम्हारे लिए तुम्हारे फवोरेट दुकान से फ्राइड राइस और यह देखो मोमोस"
बोलते ही मैंने थैला बाहर निकाला तो वाइफ ने मुझे रोका," अर्रे यह मोमोस नॉन वेज होगी न,आज हमने तय किया है कि जो भी खाएंगे वेज खाएंगे"
सुन कर मैंने फिरसे थैली बैग में रख दी पर उसकी सहेलियों में से एक ने कहा," यह कब डिसाइड हुआ, हम वेज इसलिए खा रहे है क्योंकि तुमने वेज खाना ही बनाया है,

इस बात पर मैं अपनी बीवी पर ज्यादा प्यार दिखाते हुए," तुम भी हद्द करती हो, इतने लोगों का खाना तुमने अकेले बनाया, मुझे कॉल कर देती या सीधा अपने पसंदीदा होटल से मंगवा लेती, क्यों इतना तकलीफ उठाया"

सारी औरतें मेरी वाइफ को ईर्ष्या भरी नज़रो से देख रही थी, सोच रही होंगी, "मेरे जैसा पति उन्हें क्यो न मिला" खैर उन्हें कैसा पति मिला, इससे मुझे क्या, मेरी बीवी की इमेज बनी रहे, बस यही चाहता था

उसकी एक सहेली ने कहा, " देरी क्यों कर रहे है भाईसाहब, आपकी बीवी के हाथ का बना हुआ वेज और आपका लाया हुआ नॉन वेज, दोनों का लुफ्त उठाते है।

मैं भी उत्साह में खुशी से पास के चेयर पर बैठ गया पर यह क्या वाइफ मुझे एकटक देखे जा रही थी, जी नहीं वो प्यार वाली नज़रें बिल्कुल न थी, उसकी आँखों से लग रहा था कि वो मुझे कच्चा चबा जाएगी पर सच बताऊ मैं आँखे उस समय पढ़ नही पाया और यही टॉम की गलती हुई, हस्ते खेलते जेरी की भावनाओं को ठेस पहुंचा दिया ,

मैं पागल, अपनी खाने की चीज़ निकालने से पहले देख लेता कि मेज़ पर क्या क्या परोसा हुआ है,
चीज़े जैसे ही मैंने प्लेट में निकाली और खुशी से सब औरतों की तरफ देखा तो वो वाइफ की बनी हुई डिश भी देख रहे थे

ओह्ह तेरी मेरी नज़र भी वाइफ की बनाई हुई डिश पर गयी तो समझ आया कि उसने भी फ्राइड राइस और मोमोस वहीं होटल से आर्डर करवाई थी जिस होटल से मैं ले आया और उसने झूठ कह दिया था कि सारा खाना उसने बनाया है
अब उसका एकटक देखना समझ में आ रहा था।
हा हा, मुझे पता है, आपलोग क्या सोच रहे हो, सहेलियों को मेरी वाइफ का झूठ कैसे पता चला तो मोमोस की बदौलत भांडा फुट गया
वो क्या है होटल वाले अपने मोमोस में दो आंख और एक नाक का चिन्ह बनाते है जो उनके होटल की खासियत है

खैर किटी पार्टी खत्म हुई, मैं नज़रें छुपाकर अंदर कमरे में चला गया।
डर भी था, पता नही वाइफ क्या करेगी पर वो बचे हुए मोमोस (टुकड़े कर के) एक दम नार्मल तरीके से मेरे सामने लायी
"बताना चाहिए था न कि आप घर आ रहे है"
"मैं सरप्राइज देना चाहता था पर सब उल्टा हो गया, सॉरी मेरी वजह से"
बात काट ते हुए,"कोई नही , वे लोग कौनसा हरिश्चन्द्र की औलाद है, यह लोग भी होटल का खाना खिलाते है यह बोलकर की घर में बनाया है"
सुकून मिला सुन कर और मैंने एक टुकड़ा मोमोस का उठाकर खाया पर एक मिनट मोमोस के टुकड़े करता कौन है,
हे भगवान!! फिरसे फस गया बीवी के जाल में और बैठा हूँ बॉथरूम में बेहाल मैं
मोमोस के टुकड़े ही इसलिये किये गए ताकी उसमे जुलाब का पाउडर मिलाया जाए, उसने ओवन में गरम किया ताकी पाउडर घुल मिल जाये और मीठी मीठी बातें करने लगी, और मैं सच में उसकी बातों में आ गया और मेरी छट्टी इंद्रियां काम करना बंद कर दिया और बैठा हूँ बाथरूम में रात के दो बजे, पता नही इसबार इसने कितना पाउडर मिलाया है, प्रेशर और पेट की गड़गड़ाहट कम ही नही हो रही है ।
By Story Factory