Me and my feelings - 82 in Hindi Poems by Darshita Babubhai Shah books and stories PDF | में और मेरे अहसास - 82

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में और मेरे अहसास - 82

शुक्रराना अदा करते हैं साथ निभाने का
बहोत शुक्रिया पर वक्त साथ बिताने का

कई बार इज़हार करते सदियाँ गूजरती है
दाद देते कि समय रहते प्यार जताने का

हम रूठ ने माहिर नहीं, या तुम चालक हो
मान गये, खूब आता है तरीका मनाने का

लगता है कुछ ज्यादा ही प्यार उमड़ रहा है
बहाना ढूंढते रहते हैं हरपल गले लगाने का

लोग है कुछ न कुछ तो कहते रहेगे हमेशा
इतना भी डर न रखा करो सखी ज़माने का
१-७-२०२३


रास्ते हों प्यार के आसानी से जिन्दगी गुज़र जाती है
मनचाहा हमसफ़र मिल जाने से जिंदगी सँवर जाती है

खून के रिश्ते में ताकत होती है मानो या ना मानो
अपने के साथ खडे रहने से जिंदगी निखर जाती है

वक्त का काम है चलते रहना सो चलता ही रहता है
किसी के चले जाने से ना ही जिंदगी ठहर जाती है
२-७-२०२३


गुरु के आशीर्वाद मिलते रहने चाहिए
खुशियों के फूल खिलते रहने चाहिए

ज्ञान की गंगा हर जगह बहाते चलो
रोशनी से अज्ञान सिलते रहने चाहिए

शब्दों को संजोकर रखो किताबों में
प्यारी मिठास को पिलते रहने चाहिए
३-७-२०२३


युगों युगों की अभिलाषा हो तुम
बची हुई आखरी आशा हो तुम

ख़ुदा से भी ऊंचा कद है उसका
माँ की ममता की परिभाषा हो तुम

भीनी फिझाओ में गूँजता हुआ वो
कलकल ज़रने का तमाशा हो तुम

मिरे बाग में अनमोल फूल खिले
नायाब दौलत की रकषा हो तुम

मेरे प्रेम की दुनिया अलग है सबसे
मुज तक पहुंचने का नक्शा हो तुम
३-७-२०२३

चलो रिमझिम गिरे सावन में भीग जाये हम
हाथ में हाथ लिए प्यारे सुहाने गीत गाये हम

ख़ुदा से बस यही दुआ करते रहते हैं हरपल
बेह्तरीन से बेह्तरीन जिन्दगी को पाये हम

बिखर भी गए तो कोई गम नहीं समेट लेगे
कोई जुदा न कर पाया क्यूँकी हमसाये हम

जिंदगी की कड़ी धूप न छू पायेगी हमको
रूठते मनाते बस एक दूसरे में समाये हम

आज तक फ़िर रहे थे बेपरवाह होकर आओ
बड़े जहां में खूबसूरत आशियाना बनाये हम
४-७-२०२३


देवो के देव हर हर महादेव
सुख देता हर हर महादेव

गले में सर्पो की माला
नीलकंठ हर हर महादेव

तांडव नृत्य है निराला
भस्म धारी हर हर महादेव
५-७-२०२३

ए दिल मुश्किल है दर्द में भी मुस्कुराना
दुनिया को दिखाने हस्ते हुए को हंसाना

गहरे से गहरे ग़म डूबे हुए हसीन गुल को
जिगर चाहिए हस्ते ज़ख्म को गले लगाना

सुनो प्यार में तो चलता रहता है रूठना
यूँ आसान नहीं माने हुए रूठे को मनाना

छोटी बातों को दिल से लगाने वाले को
जानबूझ मुँह फुलाने वालो को है पटाना

थान लिया है और करके रहेगे मनमानी
कैसे भी करके आज दूरियों को मिटाना
६-७-२०२३

सुहानी शाम ढल रहीं हैं धीरे धीरे
साथ जिंदगी बह रहीं हैं धीरे धीरे

जिंदगी तस्वीर और तकदीर भी है
कुछ कानों में कह रहीं हैं धीरे धीरे

मनचाहे रंगों से भरो तो सँवर जाए
अनचाहे रंगो से चल रहीं हैं धीरे धीरे

अपने आप को खुश रखा करो तो
आसानी से पल रहीं हैं धीरे धीरे

रूह मैं बसने वाले ताउम्र नहीं भुलते
साथ रहकर फल रहीं हैं धीरे धीरे
७-७-२०२३

सुनो हर बार चाय के बहाने न बुलाओ
एक बार कह दो हमारे लिए आ जाओ

समझौता करने से इन्सां छोटा नहीं हो जाता है
समझोते से ख़ुद ही आराम और सुकूं पाता है

संभालकर रखा हुआ रिसता साथ नहीं देता
इस दौर में वफ़ा का जुनून कहाँ से आता है?

ख्वाहिश ए दिल है एसे ही ताल्लुक बना रहे
जब भी आता है साथ अपने बरसात लाता है

कुछ रिसते मुहब्बत से भी ऊंचा मकाम रखते हैं
शायद इस लिए कोई इंसान इतना भाता है

सोचने बैठते हैं तो एक ही ख्याल उभरता है
क़ायनात में एकदूसरे से एसा क्या नाता है?
८-७-२०२३

यादों की आँधी से सब्र टूट गया
और दिन रात की नीद लूट गया

अब कोई ख्वाइश नहीं रहीं हैं
दिल का खिलौना रूठ गया

मिटने का इरादा था मिटा गया
वो प्यार के हथौड़ा से कूट गया

कमियों के साथ रिसते बनाएँ
अजीब फ़साने को ढूंढ गया

सोचो तो हम बिलकुल अकेले है
रास्ते में हाथों से हाथ छूट गया
९-७-२०२३

आज क़ासिद नज़राना है लाया
तौहफा खूब नजरों में है समाया

रंगबिरंगी खूबसूरत सा लगता
मुहब्बत का पैगाम साथ आया

जिस की तमन्ना रहती हरपल
सखी तस्स्बुर को रूबरू पाया

नज़राने को पाने की ख़ुशी में
फिझाओ ने नगमा प्यारा गाया

मनभावन दिल को भाने वाला
दिखता है वफ़ादारी का साया
१०-७-२०२३

किसीके भी मोहताज़ नहीं रहेगे
दर्दों ग़म औ जौहुकुमी नहीं सहेंगे

नासमझ नहीं कि रिसता बिगाड़े
अब खुद की जुबां से नहीं कहेंगे

ख्वाहिशो के लिए सौ बार टूटे पर
भावनाओ के बहाव में नहीं बहेगे

खुशियाँ भले ही दाव पे लग जाए
एक दूसरे का चैन कभी नहीं लूटेंगे

दस्तक दे देकर थक भी गए तो भी
मयखाने में शराब पीकर नहीं टूंटेंगे
११-७-२०२३

सुनो ना जिंदगी तुम्हें बुलाती है
अपनी बाँहों में समाने के लिए

शख्सियत निखारने के वास्ते
नयी खुशियाँ दिखाने के लिए

कहती हैं कि बेफिक्री जी लो
प्यारा ख़ज़ाना लुटाने के लिए

सखी बड़ी सी क़ायनात में
एक दूसरे से मिलाने के लिए

बहतरीन जिंदगी लेकर आई
रोज हँसना सिखाने के लिए
१२-७-२०२३


सब कुछ कुर्बान है तुम पर मान जाओ
दिल का चैन ओ सुकून हो जान जाओ

पलको को बिछाएं इंतजार करता है
कब से कोई तुम्हें रहा है पुकार जाओ
१३-७-२०२३

अमीरी का ख्वाब देखते रहना चाहिए
सदा सच के रास्तों पर चलना चाहिए

आज़माते रहना अपनी कार्यदक्षता
कड़ी मेहनत से काम करना चाहिए

दुनिया में कामियाब दिखना है तो
तन मन में हौसलों को भरना चाहिए

दिल की नज़रों को खुली रखके
चारों दिशाएँ घूमना फिरना चाहिए

ख़ुदा नाम जिंदा रखने के लिए सखी
ख़ुद की कहानी को लिखना चाहिए
१४-४-२०२३

आमदनी से बचत होनी चाहिये
कमाई से बरकत होनी चाहिये

कुछ भी खो खुद को मत खोना
बातों में लज्जत होनी चाहिये

महफ़िलों की लालच छोड़ दो
समाज में इज्जत होनी चाहिये

कितने ही बड़े ख़ासा बन जाओ
लोगों की खिदमत होनी चाहिये

आसमाँ को भले ही छु लो पर
घर में ही जन्नत होनी चाहिये
१५-७-२०२३