naughty bear monkey in Hindi Animals by Rajesh Rajesh books and stories PDF | शरारती भालू बंदर

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शरारती भालू बंदर

मसूरी से आगे चंपा के जंगलों में भालू बंदर के शरारती बच्चे रहते थे। भालू और बंदर के बच्चे अपने जंगल में बहुत शरारत करते थे। वह अपनी शरारत से जंगल के बाकी जानवरों का बहुत दुखी करते थे।

जंगल में जब सब जानवर सो जाते थे, और पूरे जंगल में सन्नाटा छा जाता था, तो यह दोनों शरारती बच्चे जानवरों के कान के पास इतनी तेज सिटी मारते थेे, कि उनके कान गुम हो जाते थे।

और जंगली जानवरों की नींद खराब करने के बाद इतनी तेजी जंगल की झाड़ियो में गायब हो जाते कि कोई भी जंगल का जानवर उन्हें ढूूंढ नहीं पता था।

जिस जंगल में यह शरारती भालू बंदर के बच्चे रहतेेे थेे, उसी जंगल में एक बहुत सीधी-सादी बिल्ली रहती थी।

इन शरारती बच्चों की शरारत के डर की वजह से बिल्ली रात को कभी झाड़ी के अंदर चुप कर कभी पेड़़ के ऊपर छुपकर सोती थी।

रात को जंगल में जब जानवरोंं के सोने के बाद सन्नाटा हो जाता था, तो भालू बंदर के शरारती बच्चे उस सीधी-सादी बिल्ली से शरारत करनेेेे के लिए उसे जगह-जगह ढूंढते थे।

जब कभी सीधी-सदी बिल्ली इनको पेड़ के ऊपर या झाड़ियों में छुप कर सोती हुई मिल जाती थी, तो उसकी पूूंछ पकड़ कर बंदर और भालू के शरारती बच्चे उसे जंगल मेंं घसीटते थे।

और बिल्ली को घसीटतेेे हुए जब बिल्ली की कमर में जंगल केे नुकीले कांटे घुस जातेेे थे, तो बिल्ली इनसे गुस्सेे में कहती थी कि "ओह कल मुुहो मुझे छोड़ दो।" और यह दोनोंं बच्चे बिल्ली के साथ पूरी शरारत करने के बाद वहां जमीन पर पड़ी बिल्ली को छोड़कर वहां सेेे भाग जाते थे।

जब बिल्ली एक-दो दिन तक नुकीले कांटो के जख्मो की वजह से दर्द सेे तड़पती थी, तो भालू और बंदर का बच्चा जंगल से जड़ी बूटी लाकर उस जड़ी-बूटी को अपने दांतो से चबाकर बिल्ली के जख्मों पर मरहम की तरह लगाते थे।

जंगल का एक गैंडा भालू बंदर के बच्चों से उनकी शरारत की वजह से उनसे बहुत नफरत करता था।

गैड़ा जब इन दोनों बच्चों की शरारत कि वजह सेे बिल्ली को दर्द से तड़पता हुआ देखता था, तो भालू और बंदर के शरारती बच्चों को जमीन पर पटक-पटक कर पीटता था। और बिल्ली शरारती भालू और बंदर के बच्चों पर रहम खा कर गेंडे से पिटने से उन्हें बचाती थी।

लेकिन जब गैंडा बिल्ली के कहने से भी इन बच्चों को पीटतेे पीटते नहीं छोड़ता था, तो सीधी साधी बिल्ली मजबूर होकर इन बच्चों की गेेंडे से जान बचाने के लिए जंगल के बाकि जानवरोंं को आवाज देकर वहां बुला लेती थी।

जब कभी जंगल के जानवर भी गेंडेे का गुस्सा शांत नहीं करा पातेेे थे, तो जंगल के जानवर उस हिरणी को ढूंढ कर लाते थे, जिसकी आवाज बहुत सुरीली थी।

और जैसे ही हिरणी अपनी सुरीली आवाज में गाना गाना शुरू करती थी तो गैंडा उसका गाना सुनकर उन दोनों शरारती बच्चों को पीटते पीटते छोड़कर वहां से चला जाता था। क्योंकि हिरणी का गाना सुनते ही गेंडे का गुस्सा छूमंतर हो जाता था। इसलिए सत्य कहतेे हैै कि "मारने वाले से बचानेेे वाला ज्यादा ताकतवर होता है।"