The Author Pari Boricha Follow Current Read क्या लिखूं खूद के बारे में By Pari Boricha Hindi Poems Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books Babes, Blood and Bots - 3 Episode : 3Step BackO X LAlex replayed that moment over and... The Town That Forgot Time - 3 The moment they stepped in, it felt like they had crossed in... Insta Empire Reborn - 1 Episode 1: Echoes of ApexThe sterile scent of St. Mary’s Hos... Split Personality - 96 Split Personality A romantic, paranormal and psychological t... The Girl Who Came Unwillingly - 1 ---Hello everyone,This story is entirely fictional. It has n... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Share क्या लिखूं खूद के बारे में (8) 2.5k 7.4k 2 क्या लिखूं खूद के बारे में कैसे लिखूं खूद के बारे में अभी तो आधा भी नहीं जानती हूँ मैं खूद कि, सच में,मैं क्या हूँ ?मैं कैसी हूँ और क्या है मुझमें ...और क्या लिखूं खूद के बारे में ...किसी की नज़र के हिसाब से या फिर,किसी की सोच के हिसाब से अपने बारे में लिखूं तो, ये गलत होगा !यह सारी तो समझ है मुझमें ...और क्या लिखूं खूद के बारे में ...न मैं संपूर्ण हूँ न मैं अपूर्ण हूँ ,न मैं ज्ञानी हूँ न मैं गँवार हूँ ,वैसे तो लोग समझ जाते है मुझे पर सच तो यह कि ,आज तक कोई नहीं समझ पाया मुझे और न ही किसी ने झाँका मुझमें ...और क्या लिखूं खूद के बारे में ...न ही मेरी जिंदगी में इतनी तकलीफ़ है न ही इतनी खूशी है ,न ही जिंदगी से शिकवा है न ही कोई शिकायत है ,यही तो सोच रही हूँ में ...और क्या लिखूं खूद के बारे में ...दिखने में तो सब अपने है पर सच में , कोई अपना नहीं !और मुझे किसी से कोई उम्मीद भी नहीं इस दूनियाँ में ...और क्या लिखूं खूद के बारे में ...न मैं पूरी हूँ न मैं अधूरी हूँ ,न मैं संपूर्ण खाली हूँ न मैं संपूर्ण भरी हूँ ,अब सोच रही हूँ मैं ....और क्या लिखूं खूद के बारे में ....सिर्फ दिखावे के लिए दूनियाँ साथ है ये सत्य बात है !इस छोटी सी उम्र में मेरा खूद से ये सवाल है ;क्या है मुझमें ??खूद के सवाल में और खूद के जवाब में बहुत ही उथल-पुथल मची है मेरे दिमाग में ...और क्या लिखूं खूद के बारे में ...मैं सिर्फ मेरे बारे में इतना जानती हूँ कि ,किसी के चेहरे की मुस्कान हूँ मैं किसी के मुस्कुराने की वज़ह हूँ मैं ,किसी की शोहरत हूँ मैंकिसी की दौलत हूँ मैं किसी की इज्जत का ताज हूँ मैं तो, किसी की ममता का राज हूँ मैं किसी के जीने का जरिया हूँ मैं तो,किसी की खूशी का दरिया हूँ मैं किसी इन्सान के लिए कुछ भी नहीं तो,किसी इन्सान की पूरी कायनात हूँ मैं किसी की नज़र में अच्छी हूँ मैं तो, किसी की नज़र में बूरी हूँ मैं अक्ल से तो कच्ची नहीं क्योकि, मैं अब बच्ची नहीं,सबकुछ तो समझतीं हूँ मैं फिर भी लगता है अभी भी नासमझ हूँ मैं ...और क्या लिखूं खूद के बारे में ...पापा के प्यार में माँ की ममता में भाईयों के साथ में लगता है ; सबकुछ है हाथ में फिर भी,उलझन है,कैसे लिखूं में खूद के बारे में ...सोच रही हूँ कि,इस दूनियाँ में मेरे परिवार के सिवा कोई मेरा अपना है ??नहीं ..!!ये तो सिर्फ,एक खूबसूरत,झूठा सपना है....न ही मुझे दूनियाँ का साथ मिला न ही दूनियाँवालो का सहयोग मिलाफिर भी,मैं आगे बढ़ती रही क्योकि,मुझे मेरे माँ-बाप का आशीर्वाद मिला...अब और क्या चाहिए इस जनम में जैसे लगता है सबकुछ तो आ गया अपने हिस्से में ...अभी भी सोच रही हूँ मैंऔर क्या लिखूं खूद के बारे में ....अब इससे ज्यादा क्या लिखूं मैं खूद के बारे में .....!!!! 💟🌟 @PARI BORICHA 🤔💐 Download Our App