Part - 24 Pawan in Jail
पवन को पुलिस जेल ले जा रही होती है | गाडी कुछ ही दूरी पे पोह्ची होती है कि सड़क पर चलती हुई मायूस दिख रही अवनी पवन को पुलिस की जीप में देख कर हक्की बक्की रह जाती है | एक बार को तो उसे लगता है कि ये उसकी आँखों का कोई भरम है,और सोचती है कि आखिर पवन यहाँ केसे हो सकता है, वो यहाँ क्यों आएगा | फिर वो दुबारा जीप की तरफ ध्यान से देखती है तो वह पवन ही होता है |
पुलिस ( पवन से ) – मिस्टर आलोक ने आपके ऊपर वायलेंस का केस किया है | अपना पूरा नाम और डिटेल्स बताइए ताकि हम FIR रजिस्टर कर सके |
पवन ( घबराते हुए ) – सर, प्लीज मुझे छोड़ दीजिये | में तो कल ही इंडिया से यहाँ अपनी फ्रेंड को ढूंढने आया हूँ और आलोक ही एक जरिया है जिससे पता चल सकता है की मेरी दोस्त कहाँ है | पर आलोक की वजह से अवनी पता नही कहाँ चली गयी है इसलिए मैंने गुस्से में आलोक पर हाँथ उठा दिया |
I am really sorry sir, प्लीज मुझे जाने दीजिये | वरना अवनी को में कैसे ढूंढगा ?
पुलिस – क्राइम तो क्राइम होता है, वजह कुछ भी हो | आप प्लीज को-ऑपरेट कीजिये |
पवन – सर, क्या मैं अपने फ्रेंड को कॉल कर सकता हूँ |
पुलिस – यस ! पर सिर्फ एक बार |
(पवन अजय को कई बार कॉल करता है पर वो उठाता ही नही है)
पुलिस – काफी देर हो चुकी है मिस्टर पवन, आप हमारे साथ आइये |
(पुलिस पवन को लॉकअप में बंद कर देती है)
तभी अवनी पुलिस स्टेशन पहुँच जाती है |
अवनी ( पुलिस ऑफिसर से ) – सर, मेरा एक फ्रेंड जिसका नाम पवन है, आपने उसे थोड़ी देर पहलें अरेस्ट किया है, वो यहाँ पर है | क्या में उससे मिल सकती हूँ ?
पुलिस – ओके, आप उससे मिल सकती है लेकिन सिर्फ 5 मिनट के लिए | प्लीज अपना नाम और डिटेल्स लिख दीजिये |
(एक पुलिस वाला अवनी को पवन के लॉकअप तक ले जाता है |)
(अवनी को वहां आता देख पवन चौंक जाता है | उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रह जाता है | )
पवन ( मुस्कुराते हुए ) – अवनी ! तुम यहाँ ? तुम्हे कैसे पता चला की में यहाँ हूँ ?
अवनी ( पवन से ) – मेने तुम्हे पुलिस की जीप में यहाँ आते वक़्त देख लिया था | इसलिए मैं यहाँ आ गयी |आयन अच्छा ये सब छोडो, तुम कैलिफ़ोर्निया कब आये ? और पुलिस ने तुम्हे अरेस्ट क्यों किया है ?
पवन – ये सब आलोक ने किया है | उसने मुझपे FIR करवाई है | यह एक लम्बी कहानी है | तुम पहले मेरी यहाँ से निकलने में मदद करो तब में तुम्हे सब बताता हूँ |
अवनी – Don’t worry ! में अभी तुम्हे यहाँ से बहार निकलवाती हूँ | में एक इंडियन पुलिस ऑफिसर को जानती हूँ, वो हमारी मदद जरुर करेंगे |
( इतने में पुलिस ऑफिसर वहां आ जाता है और अवनी से जाने को बोलता है | )
( अवनी इंडियन पुलिस ऑफिसर को कॉल करती है और पूरी बात बताती है | अवनीं की बात सुन कर पुलिस ऑफिसर उसे वुश्वास दिलाता है कि वो पवन को वहां से निकलवा देगा | और उसे चिंता करने की कोई ज़रूरत नही है | )
थोड़ी देर में पुलिस पवन को जेल से निकाल देती है | पवन को पुलिस स्टेशन से बहार आते देख अवनी बहुत खुश हो जाती है |
(पवन और अवनी ख़ुशी के मारे गले लग जाते हैं )
पवन – थैंक्स यार अवनी ! आज में तुम्हारी वजह से बच गया वरना ये लोग तो बात ही नही सुनते और पता नही कब तक यहाँ रहना पड़ता |
अवनी ( मुस्कुराते हुए ) – मेरे होते हुए भला ऐसा हो सकता है की तुम यहाँ जेल में सड़ते रहो | आज मैंने हिसाब बराबर कर दिया है | उस दिन ब्रिज पर तुमने मुझे बचाया था और आज मैंने तुम्हे बचा लिया | अब में तुम्हारी कर्ज दार नही रही | अच्छा ये सब छोड़ो ये बताओ तुम यहाँ कर क्या रहे हो ?
पवन – यार चलो कहीं बैठ के आराम से बात करते हैं अभी बहुत भूक लगी है |
( इसके बाद पवन और अवनी एक रेस्टोरेंट में जाते है और कुछ खाने के लिए आर्डर करते हे )
अवनी – अच्छा अब बताओ तुम्हारा यहाँ कैसे आना हुआ ? और जेल केसे चले गए ?
पवन – यार मैं कल ही हूँ |
अवनी ( जोर से हस्ती है ) – वाह ! मेरे फ्लॉप राइटर तुम कल ही आये और आते ही सीधा जेल चले गए ! हा ! हा ! हा !
पवन – में अब कोई मामूली राइटर नही हूँ | मैं एक फेमस राइटर बन चूका हूँ | मेरी बुक दूसरी मोहब्बत लॉन्च हुई है और लोगो को काफी पसंद आ रही है | अब मैं कोई मामूली आदमी नही रहा |
अवनी – क्या बात है यार ! सच में ! मुझे तो विश्वास नही हो रहा | में बहुत खुश हूँ तुम्हारे लिए |
पवन – यार ये सब छोडो ! तुम पिछले एक साल से कहाँ हो ? तुम्हे पता है सब कितने परेशान हैं तुम्हारे लिए | तुम्हारे घर वाले, तुम्हारे दोस्त |
अवनी – घरवाले ? तुम मिले उनसे ? कैसे है सब ?
पवन - तुम्हे कोई आईडिया भी है कि तुम्हारी माँ कितनी परेशान है, उन्होने खाना पीना भी छोड़ दिया है, दादा जी की तबियत ख़राब है | वो दिन रात अवनी अवनी करते रहते हैं |
(यह सब सुन कर अवनी को बहुत दुःख होता है, उसकी आँखों में आंसू आ जाते हैं |)
अवनी – कब मिले तुम उनसे ?
पवन – तुम्हारे पापा और चाचा जी आये थे मेरी बुक लॉन्च में ! मेरी हड्डियाँ तोड़ने के लिए | उन्हें लग रहा था की हम साथ भागे थे, मुझे तो आईडिया भी नही था की उस रात मैं अकेले नही भागा था तुम भी भागी थी | न लोगो ही बताया कि घर पे सब कितने परेशां हैं | वो तुमसे मिलना चाहते है और मैंने उनसे वादा किया है की मैं तुम्हे इंडिया वापस ले कर आऊंगा |
अवनी – I am sorry pawan ! मेरी वजह से ही सब दुखी है, तुम्हे भी इतनी तकलीफ उठानी पड़ी | पर में अब वापस नहीं जा सकती | क्या मुह ले कर वापस जाऊ | घर से भागी थी यह सोच कर की आलोक को मना लुंगी, मानना तो दूर उसने मिलने से भी इनकार कर दिया | हो सकता है कि आलोक का मन बदल जाए, और वो मेरे पास वापस आ जाये |
पवन ( गुस्से से ) – क्या हो गया है तुम्हे अवनी ? तुम ऐसे इन्सान का वेट कर रही हो जिसे तुम्हारी कोई परवाह ही नही है, जिसे कोई फर्क ही नही पड़ता की तुम मरो या जियो ! ऐसे इंसान के लिए तुम अपनी लाइफ ख़राब कर रही हो, जो तुम्हे छोड़ कर किसी और से शादी कर चुका है |
( यह सुन कर अवनी चौक जाती है )
अवनी – शादी ? ये तुम क्या कह रहे हो ! आलोक ऐसा नही कर सकता, माना वो मुझसे नाराज है पर वो मुझे कभी धोका नही दे सकता | जरुर तुम झूट बोल रहे हो ताकि में तुम्हारे साथ घर वापस चली जाऊ | तुम उससे कब मिले ?
पवन – यहाँ आते ही मैं सबसे पहले आलोक के घर ही गया था | तुम्हरी दोस्त पूजा ने मुझे उसका एड्रेस दिया था | जब में आलोक के घर पहुंचा,तो मैंने उससे तुम्हारे बारे में पूछा, तब उसने बताया की वो तुमसे मिला भी नहीं, और वो मूव ऑन कर चुका है | तभी मेरी नज़र दीवार पर लगी उसकी और उसकी वाइफ की फोटो पर गयी | और गुस्से में आ कर मैंने उसपर हाँथ उठा दिया | इसलिए उसने मुझपर पुलिस कंप्लेंट कर दी | बाकी आगे सब तो तुम जानती ही हो |
( यह सब सुन कर अवनी फूट फूट कर रोने लगती है | पवन उसे संभालता है| )
अवनि – यार मेरी तो किस्मत ही ख़राब है ! जिससे सबसे जादा प्यार किया उसी ने बार बार धोके दिए|
पवन – अवनी ! दो दिन के प्यार के लिए इतना रो रही हो | जिसे तुम्हारी कोई परवाह भी नही है | सोचो तुम्हारे घर वालो का क्या हाल हो रहा होगा जिन्होंने तुम्हे इतने साल पाला पोसा प्यार किया, तुमने उनको धोका दे दिया, उनके दिल पर क्या बीत रही होगी | अभी भी वक़्त है, चलो मेरे साथ इंडिया वापस चलो ! सब ठीक हो जायेगा |
अवनी – पर यार में क्या मुह ले कर जाऊँगी उनके सामने !
पवन – चिंता मत करो | उन्हें कुछ नही पता, उन्हें लगता है की तुम यहाँ काम के सिलसिले में आई हो| में तो तुम्हारे साथ ही हूँ, डरने की क्या बात
अवनी अभी भी कंफ्यूज होती है
क्या अवनी पवन के साथ इंडिया वापस चली जाएगी ?