Unsolved Case - Season 2 - Part 10 in Hindi Detective stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | Unsolved Case - Season 2 - Part 10

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Unsolved Case - Season 2 - Part 10

एपिसोड 10 ( लेडी बॉस ...)
शौर्य को किसी के आने की आहट आई | उसने अपना सर घुमा कर देखा ... की कौन है | तो शौर्य वहीँ बैठा बैठा जैम सा गया था | वहीँ आँखें | वहीँ चेहरे की चमक | ओर वही स्माइल | उस इंसान को देख ... शौर्य की ऑंखें नम हो गईं थी | वो अपनी रूवांसी आवाज़ में बोला |
शौर्य : माया .....
वहीँ माया वहां बहुत ही स्टाइल से आ रही थी | उसके चेहरे पर स्माइल थी | ओर जब उसकी नज़र शौर्य पर पड़ी | तो माया हस्ते हुए बोली |
माया : हा हा हा हा ... माय डिअर हसबंड ... आप यहाँ ?
राजीव : ( माया की तरफ जाते हुए ) हाँ मेरी जान | लो मैं तुम्हारे पति को ले ही आया |
माया : ओह ... प्लीज़ राजीव | ऐसा तो मत बोलो | माना की ये मेरा पति है | पर फिर भी ... जितना टाइम मैं इसके साथ थी | सांस लेना भी मुश्किल हो गया था |
शौर्य उन दोनों को बात करता देख .... बहुत हैरान था | उसे तो समझ ही नहीं आ रहा था | की यहाँ क्या हो रहा है | तो माया शौर्य से बोली |
माया : क्या हुआ पति देव | यहाँ क्यूँ बैठे हो | जान नहीं है क्या |
राजीव : मैं इतनी मुश्किल से इसे यहाँ लाया हूँ ... ओर तुम |
माया : मेरा काम हो गया | मुझे इसकी आँखों में अपने लिए तडप देखनी थी | जितना हम दोनों एक दुसरे के लिए तरसे हैं | मैं देखना चाहती थी | की ये भी तडपे | ओर अब मेरा काम हो गया | तो अब इसे जाने दो |
माया ने राजीव का हाथ पकड़ा .. ओर वहां से जाने लगी | पर जाते जाते वो रुकी ... ओर शौर्य की तरफ देखते हुए बोली |
माया : हाँ शौर्य ... एक बात ओर | वो बच्चा तुम्हारा नहीं | राजीव का था |बाय |
ओर ये कहते ही ... माया ओर शौर्य वहां से चले गये | शौर्य वहीँ बैठा बैठा .... जम सा गया था | अभी कुछ देर पहले जो भी यहाँ हुआ था | शौर्य को ये सब किसी सपने से कम नहीं लग रहा था | वो अभी भी .. अपनी आँखों ओर कानो पर भरोसा नहीं कर पा रहा था | इसका मतलब | माया कभी मरी ही नहीं थी | माया ने शौर्य से कभी प्यार ही नहीं किया था | माया ने शौर्य को धोखा दिया था | शौर्य वेसे ही ... गुमसुम सा वहां से उठा | ओर चला गया | वहीँ दूसरी तरफ |
मेहक ... एक बड़ी सी गाड़ी से ब्लैक हील्स . पैन्ट्स , हाथ में फ़ोन पकड़े ... उतरी | जैसे ही वो गाड़ी से उतरी ... मेहक ने अपना गोगल्स उतारे ओर अपने पीछे खड़े आदमी को दे दिया | उस आदमी ने भी वो अपना सर निचे झुका कर पकड़ लिए | फिर दोसरे आदमी ने मेहक को कोटे पहनाया | ओर मेहक के आगे दोनों साइड्स में लाइन में खड़े हो गये | वहां कम से कम 20 लोग ,,, ब्लैक सुते पहने खड़े थे | ओर जैसे जैसे मेहक आगे जा रही थी | सब से अपना सर झुका रखा था |
कुछ ही देर में मेहक एक बड़े से घर में .... अपने स्टडी रूम में टेबल के पीछे बैठी थी | उसके सामने उसका लैपटॉप खुला था | जिसमे वो कुछ देख रही थी | तभी वहां एक मेड आई | ओर मेहक से बोली |
मेड : मैम .... खाना लग चूका है | आप चल के कहा लीजिये | सब आप ही की पसंद का है | इतने टाइम बाद आप आये हो |
मेहक : शुक्रिया काकी | आप चलिए ... बस थोड़ी देर में आती हूँ |
तभी वहां एक आदमी आया | वो मेहक का असिस्टेंस था ,,, वीर ... वीर मेहक से बोला |
वीर : बॉस ... कम्पनी में सब ठीक है | बस कुछ लोग हैं ... जो ...
मेहक ने अपनी सर्द ओर कोल्ड नजरों से वीर की तरफ देख ... जिसे देख वीर कांप गया | ओर उसकी आगे कुछ भी बोलने की हिम्मत ही नहीं हुई |
मेहक एक बहुत ही सक्सेसफुल बिज़नस वीमेन थी | जिसका नाम ही लोगो के लिए ... काफी था | मेहक एक ऐसा नाम था ... जो इंडिया में ही नहीं ... बल्कि पूरी दुनिया में .. एक श्राप से कम नहीं था | मेहक किसी डेविल से कम नहीं थी | वीर मन ही मन सोचने लगा |
“लगता है ... बॉस गुस्से में है | वर्ना इस कमरे का तापमान इस तरफ गिरा हुआ नहीं होता | कितना डरावना है ये सब | मन कर रहा है की यहीं जमीन में खडा खोद कर ... खुद को दफना दूँ | पर अगर मैंने ऐसा किया | तो मेहक डेविल .... मेरे साथ साथ मेरे परिवार को भी ..... नही नही नही | ये मैं क्या सोच रहा हूँ | अगर बॉस को पता लगा न ... तो आज तो मेरी मौत पक्का है |”
आखिर मेहक कौन थी ?