Chudel - Invitation of Jungle - 15 in Hindi Mythological Stories by Parveen Negi books and stories PDF | चुड़ैल -इनविटेशन ऑफ जंगल - भाग 15

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चुड़ैल -इनविटेशन ऑफ जंगल - भाग 15

कहानी का भाग 15

इस वक्त अहंकारा साम्राज्य में विष्णु शंकर के साथ इंस्पेक्टर सावंत और हवलदार बाबूराम भी आ पहुंचे थे, पर यह उनसे दूर इस वक्त एक सन्यासी साधू के पास थे जो इन्हें बता रहा था कि अब यह अपनी दुनिया में तभी लौट सकते हैं जब वह चुड़ैल चाहेगी।

ऋषि पवन,,"" क्या तुम दोनों एकदम स्वस्थ महसूस कर रहे हो"",

इस्पेक्टर सावंत ,,"'हां हम एकदम ठीक है पर यह सब क्या है हम कौन से समय में आ गये हैं"",

ऋषि पवन,,'" तुम उस चुड़ैल की शक्ति से इस समय 1000 वर्ष पूर्व आ पहुंचे हो"",

हवलदार बाबूराम आंखें बड़ी करते हुए ,"आपके कहने का मतलब है हम 1 हजार साल पहले की धरती पर हैं",,,,

ऋषि पवन,,", हां और अब तुम दोनों का क्या होगा कुछ समझ में नहीं आ रहा है, आखिर तुम्हें क्या जरूरत थी उस चुड़ैल के तिलिस्मी घेरे में प्रवेश करने की,,''

हवलदार बाबूराम अब इंस्पेक्टर की तरफ देखने लगा था ""मुझे तो साहब जबरदस्ती ले आए हैं"",


इंस्पेक्टर सावंत,," फिकर मत करो हम वापस जाएंगे और उन दोनों लड़कों को भी अपने साथ लेकर जाएंगे"",

ऋषि पवन की आवाज का भाव बदल जाता है ,,""उन दोनों लड़कों का जाना नामुमकिन है'',,

इस्पेक्टर सावंत,," यह आप क्या कह रहे हैं"",,

ऋषि पवन,," वे दोनों युवक उस चुड़ैल के सवालों का जवाब दे चुके हैं इसलिए चुड़ैल अब उन्हें किसी भी हालत में वापस नहीं जाने देगी और अब अपना वह महत्वपूर्ण कार्य अवश्य कराएगी,, जिसके लिए वह उन्हें यहां लेकर आई है"',

इस्पेक्टर पवन ,,""और यह महत्वपूर्ण काम क्या है यह भी बताने का कष्ट कीजिए",,,

ऋषि पवन अब एक गहरी सांस लेते हैं और अपनी आंखें बंद कर लेते हैं,"" दरअसल वह चुड़ैल अपने क्षेत्र से निकलकर इस पूरे अहंकारा साम्राज्य पर अपना आधिपत्य स्थापित करना चाहती है"",,,

इस्पेक्टर पवन ,,""अच्छा ऐसी बात है पर मेरी तो यह समझ में नहीं आ रहा है कि वह हमारे समय काल में उस जंगल में क्या कर रही है ,,आखिर यह सब क्या माया है इस बारे में बताइए,,'''

ऋषि पवन ,,"अवश्य मैं इसके बारे में भी तुम दोनों को अवश्य बताऊंगा,, पर अभी नहीं,, आज मुझे एक अनुष्ठान करना होगा और उस चुड़ैल को अपना उद्देश्य पूरा करने से रोकना होगा"",,

फिर इन दोनों को गहरी नजरों से देखते हुए ,,"तुम दोनों को भी मेरा साथ देना है जैसा मैं कहूं तुम्हें वैसा ही करना होगा"',,,,,

इंस्पेक्टर सावंत एक पल कुछ सोचता है और ,,"'ठीक है हम आपकी मदद करने के लिए तैयार हैं"",,

ऋषि पवन के चेहरे पर चमक आ गई थी,,"तो फिर ठीक है आओ मेरे साथ""", और इन दोनों को लेकर एक पर्वत की तरफ बढ़ गया था,,,,

दूसरी तरफ

तांत्रिक शक्ति अपने चारों सेवकों के साथ इस वक्त भयानक जंगल के पास खड़ा नजर आ रहा था।


सिकंदर और उसके तीनों साथी इस वक्त आंखें फाड़े चारों तरफ देख रहे थे ,,उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह इस वक्त कहां है"",,

बिल्ला अब एकदम से चिल्लाते हुए ,,""उधर देखो वह क्या है"',,

सबका ध्यान उस तरफ गया था जहां से धूल उड़ाता हुआ एक बड़ा भयानक जीव इन्हीं की तरफ भागता चला रहा था,, और जैसे ही वह थोड़ा और समीप पाया था उसे देखकर इन चारों की आंखें फैलती चली गई थी ।

,क्योंकि वह कोई शिकारी जानवर नहीं था बल्किं जीता जागता शैतान था और ऐसा इन्होंने सिर्फ किताबों में पढ़ा था।

,और उस शैतान के सिर पर दो नुकीले सिंग साफ नजर आ रहे थे दांत इतने लंबे जो उसके गालों तक नजर आ रहे थे ,,और शरीर इतना भयानक,, ऐसा लग रहा था जैसे चार आदमियों को मिलाकर बनाया गया हो।

सिकंदर डरते हुए,,"' बाबा कुछ कीजिए वरना शैतान हमें मार डालेगा",,

तांत्रिक शक्ति चेहरे पर खतरनाक मुस्कान लाते हुए," "फिक्र क्यों कर रहे हो, तुम लोग मेरे साथ हो, तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता है,,'''

तांत्रिक शक्ति ने अब अपने कमंडल से जल निकाला था और उसे अपने सामने बिखेर दिया था और उसके ऐसा करते ही एक भयानक अग्नि वहां प्रज्वलित हो गई थी और वह शैतान पीछे ही रुक गया था ।

अब वह शैतान वहीं खड़े होकर गर्जना करने लगा था, ऐसा लग रहा था जैसे वह अपने साथियों को बुला रहा हो,

सिकंदर ,,"'यह क्या कर रहा है तांत्रिक बाबा ,कुछ कीजिए आपकी शक्ति इसे रोक सकती है,, वरना यह हम सब को मार डालेगा''

तांत्रिक शक्ति ,,"मैं यहां आया हूं मरने के लिए नहीं"',,

और फिर अगले ही पल उसने कुछ मंत्र का उच्चारण शुरू किया था ,जिसकी आवाज से आसपास का पूरा क्षेत्र गुंजायमान होने लगा था,

,, और देखते ही देखते उनके चरणों से निकली ऊर्जा उस धरती पर फैलने लगी थी और उस उर्जा ने एक बड़ी जगह को अपने कब्जे में ले लिया था ।


वह शैतान जो उस उर्जा के बीच में आया था ,उसका शरीर उड़ता हुआ बाहर जा गिरा था,,,

यह देखकर अब सिकंदर, बिल्ला, मदन और जगत बेहद खुश हो रहे थे उन्हें अपने बाबा की शक्ति पर अब भरोसा बढ़ता जा रहा था।

उस शैतान ने जो ऊंची आवाज में शोर मचाया था, उसकी वजह से अब जंगल की तरफ से भयानक राक्षस भागते हुए वहां आ गए थे,, जिनकी संख्या तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा थी,,,

और अब अपने साथी की हालत देखकर भी बेहद हैरानी से इन पांचों को देख रहे थे,,, फिर कुछ सोचकर वह सब बड़े-बड़े पत्थर उठाकर इन्हें मारने लगे थे,,,,,

पर उनके द्वारा फेंका गया हर पत्थर शक्ति क्षेत्र के अंदर आते ही नष्ट होता जा रहा था।

शैतानों ने अब पेड़ तक उखाड़ कर इन के ऊपर फेके थे, पर उनका भी हाल वही हुआ था, सब शैतान अब आश्चर्य में पड़ गए थे और अजीब तरह की हरकतें करने लगे थे।

तांत्रिक शक्ति ,,अब बेहद ऊंची आवाज में ,,""जाओ भाग जाओ यहां से वरना,, मैं तुम सब को जलाकर राख कर दूंगा और हां जाकर अपनी चुड़ैल रानी को बोलना बहुत जल्द में उसे अपना गुलाम बना लूंगा,,""'

शैतान यह सुनकर क्रोध में आ गए थे और फिर अपने साथी को लेकर वहां से जंगल की तरफ भाग गए थे.।

सिकंदर,,,"" वाह मजा आ गया, मुझे तो विश्वास नहीं हो रहा है कि इतने भयानक शैतान हमें बिना नुकसान पहुंचाए यहां से भाग निकले,,'''

तांत्रिक शक्ति,," मुझे अब जल्द से जल्द अनुष्ठान शुरू करना है ताकि तुम सबको मैं शक्तियां प्रदान कर सकूं ,तुम सबको अब मेरे लिए लड़ना होगा,,"'''

अब तांत्रिक शक्ति की यह बात सुनकर चारों के चेहरे बदल रहे थे ,,वह दूसरे की तरफ देखने लगे थे,,,,

क्रमशः

आखिर क्या मकसद है तांत्रिक शक्ति का,, कौन है यह चुड़ैल रानी,, जानने के लिए बने रहे हो ,इस तांत्रिक हॉरर के साथ