Kylian Mbappe in Hindi Short Stories by Devendra Kumar Jaiswal books and stories PDF | कीलियन एमबाप्पे

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कीलियन एमबाप्पे

नाम....कीलियन एमबाप्पे.. ! उम्र 23 साल। फुटबॉल वर्ल्ड कप के 92 साल के इतिहास में केवल दूसरे ऐसे खिलाड़ी, जिसने फाइनल मुकाबले में हैट्रिक गोल दागे। 79 मिनट तक अर्जेंटीना के सामने जो फ्रांस भीगी बिल्ली बना नजर आ रहा था, उसे एक एमबाप्पे ने शेर बना दिया। अक्सर फिल्मों में होता है कि आखिरी लम्हों में हीरो आता है और पूरा खेल पलट देता है। 80वें मिनट में अर्जेंटीनी खिलाड़ी की गलती की वजह से फ्रांस को मुकाबले की पहली पेनल्टी मिली और एमबाप्पे ने बॉल को गोलपोस्ट में डाल दिया। मेसी के पहले वर्ल्ड कप जीत के जश्न के इंतजार में बैठी दुनिया की सांसे थम गईं। इस गोल से पहले एमबाप्पे ने फीफा वर्ल्ड कप 2022 में 5 गोल दागे थे। पर पांचों ही फील्ड गोल थे। यह इस वर्ल्ड कप में पेनल्टी पर उनका पहला गोल था। फाइनल का रोमांच अपने चरम पर जा पहुंचा था।

मेसी के समर्थक कुछ समझ पाते, इसके पहले ही 97 सेकंड के भीतर उनकी पूरी दुनिया हिल गई। फ्रांसीसी खिलाड़ी कॉमॉन ने बॉल एमबाप्पे को पास की और एमबाप्पे ने थुराम को गेंद पास कर दी। थुराम ने आव देखा न ताव और गेंद फिर एक दफा एमबाप्पे के हवाले कर दी। इसके बाद एमबाप्पे वन मैन आर्मी की तरह हाफलाइन से अकेले ही फुटबॉल लेकर चल पड़े। रास्ते में अर्जेंटीना का एक भी डिफेंडर उन्हें रोक नहीं सका। गोल पोस्ट के लेफ्ट कॉर्नर के निचले हिस्से में दनदनाता शॉट। मुकाबला 2-2 से बराबर हो चुका था। फुटबॉल वर्ल्ड कप फाइनल हद से ज्यादा रोमांचकारी हो चुका था। जो फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रो दर्शक दीर्घा में अपने खिलाड़ियों के सुस्त रवैये के कारण लगातार चिंता में टहल रहे थे, एमबाप्पे ने उनके चेहरे का नूर लौटा दिया। उन्हें जीत दिखाई पड़ने लगी थी।

मौजूदा फुटबॉल वर्ल्ड के 2 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी आमने-सामने थे तो यकीन था कि कसर दोनों में से कोई बाकी नहीं छोड़ेगा। एक्स्ट्रा टाइम में 15-15 मिनट के 2 हाफ। 108वें मिनट में मेसी ने गोल कर दिया और अर्जेंटीना को मैच में 3-2 से आगे बढ़ा दिया। यह गोल भी बहुत विपरीत परिस्थिति में हुआ। दरअसल अर्जेंटीनी लौटारी मार्टीनेज के गोलपोस्ट में शॉट खेलने पर गोलकीपर से टकराकर बॉल मेसी के पास चली गई। मेसी ने भी तत्काल गोल पोस्ट पर अटैक किया लेकिन ऐसा लगा कि फ्रांस के खिलाड़ी ने गेंद को गोलपोस्ट के भीतर तक नहीं पहुंचने दिया। पर रेफरी ने इसे गोल करार दिया क्योंकि जब तक बॉल को बाहर किया गया था, तबतक वह गोलपोस्ट के भीतर टप्पा खा चुकी थी।

एक्स्ट्रा टाइम में अब केवल 12 मिनट का समय शेष था। लगा कि अर्जेंटीनी डिफेंडर अब किसी भी सूरत में गोल नहीं खाएंगे। फिर 116वें मिनट में पूरा खेल और एक बार बदल गया। एमबाप्पे का शॉट अर्जेंटीनी खिलाड़ी गोंजालो मोन्टीएल के हाथ से जा टकराया और बदले में फ्रांस को पेनल्टी नसीब हो गई। एमबाप्पे ने गेंद को गोलपोस्ट के भीतर पहुंचा कर मुकाबला फिर एक दफा 3-3 से बराबर कर दिया। दिलचस्प यह रहा कि इस वर्ल्ड कप में फाइनल से पहले एमबाप्पे ने 5 गोल दागे थे और पांचों ही फील्ड गोल थे। वर्ल्ड कप फाइनल में ही एमबाप्पे ने 2 गोल पेनल्टी पर कर दिए। इस युवा खिलाड़ी ने वक्त बदल दिया, जज्बात बदल दिए और हालात बदल दिए। नतीजा यह हुआ कि विजेता का फैसला पेनल्टी शूटआउट से किया गया।

कीलियन एमबाप्पे ने अपनी टीम की ओर से पहला अटेंप्ट लिया और फिर एक बार बॉल को गोलपोस्ट में पहुंचा दिया। उनके बाद फ्रांस के दो खिलाड़ी लगातार शूटआउट में गोल करने से चूक गए और नतीजा यह रहा कि फ्रांस 4-2 से फाइनल हार गया। एमबाप्पे निराश थे और उनकी निराशा आंखों में साफ नजर आ रही थी। वह कुछ बोल पाने की स्थिति में भी नहीं थे। ऐसे में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो खुद मैदान पर आए और अपने चैंपियन खिलाड़ी को ढाढस बंधाया। मेसी का तो शायद यह आखिरी विश्वकप था लेकिन एमबाप्पे अगले 3 वर्ल्ड कप जीत के इरादे से मैदान पर उतरेंगे। जब भी वह फील्ड पर नजर आएंगे तो समूची दुनिया कह उठेगी...द वन मैन आर्मी। गो..विन इट।🌻