muskarate chahare ki hakikat - 17 in Hindi Fiction Stories by Manisha Netwal books and stories PDF | मुस्कराते चहरे की हकीकत - 17

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मुस्कराते चहरे की हकीकत - 17

इंदौर
इंदौर की एक बड़ी कंपनी में मीटिंग ऑर्गेनाइज की गई थी। जिसमें देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के मेंबर आए हुए थे, विवान और यश भी पहुंच चुके थे। यश बाकी सब के साथ बाहर बैठता है और विवान अंदर कॉन्फ्रेंस रूम में जाता है जहां पहले से बहुत लोग मौजूद थे एक व्यक्ति सामने खड़ा था और बाकी सब बैठे थे, विवान को देखकर सामने खड़ा व्यक्ति, जिसके हाथ में माइक था- तो अब आपके सामने आ रहे हैं Agrawal sons group company के CEO मिस्टर विवान अग्रवाल,, वेलकम टू मिस्टर अग्रवाल....
सब लोग तालियां बजाते हैं, विवान बाकी लोगों के पास आकर बैठ जाता है,,,,,
विवान के बाद चार पांच लोग ओर आते हैं सबको टाइमिंग दिया गया था तो सब उसी के अनुसार आ रहे थे। उनके बाद एक लड़की आती है जिसने वाइट शर्ट, ब्लैक पैंट पहना हुआ था, हाथ में एक फाइल थी।
सामने स्टेज पर खड़ा व्यक्ति- अब आपके सामने आ रही है आज की मीटिंग कि सबसे यंगेस्ट मेंबर एंड R.K. कंपनी की नई COO, मिश अवनी... जिनका काम पहले से ही चर्चा में रह चुका है तो वेलकम टू मिश अवनी...
विवान,अवनी का नाम सुनकर हैरान रह जाता है उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि अवनी इतनी बड़ी मीटिंग में उसके सामने होगी, विवान अवनी की तरफ देखता है लेकिन अवनी अभी भी इस बात से अनजान थी की विवान भी यहां है, वह उसी के सामने आकर बैठ जाती है अवनी के बाद कुछ मेंबर्स और आते हैं सबका इंट्रोडक्शन हो चुका था। पूरी मीटिंग में केवल चार पांच औरतें और थीं जिनकी उम्र अवनी से बहुत ज्यादा थी,, सब लोग एक एक करके सामने आकर अपनी कंपनी की तरफ से तैयार की गई वर्क की रिपोर्ट प्रेजेंट कर रहे थे....
अवनी चारों तरफ देख रही थी अचानक उसकी नजर विवान पर पड़ती है जो कब से उसे ही देख रहा था
अवनी, उससे नजरें चुराते हुए मन ही मन- क्या सच में विवान यहां है... शायद अपनी कंपनी की तरफ से आया हो,, मुझे मीटिंग खत्म होते ही यहां से निकलना होगा (और सामने देखने लगती है)
कुछ देर बाद विवान अपने प्रोजेक्ट के बारे में समझाता है, अवनी का पुरा ध्यान विवान की प्रेजेंटेशन पर था, बाकी लोग भी उसे ध्यान से सुन रहे थे,, उसके बाद अवनी अपना प्रोजेक्ट सबके सामने रखती है अवनी का समझाने का तरीका, उसका प्रोजेक्ट सबको बहुत पसंद आता है सब उसकी तारीफ़ कर रहे थे और वह उसकी हकदार भी थी,, विवान भी अवनी की प्रेजेंटेशन से काफी इंप्रेस था...... कुछ घंटों तक मीटिंग चलती है और उसके बाद सब एक एक करके बाहर निकलते हैं और अवनी भी विवान से छुपकर बाहर आ जाती है विवान भी उसके पीछे-पीछे आ रहा था
बाहर यश विवान का वेट कर रहा था, अचानक उसकी नजर अवनी पर जाती है जो उसी की तरफ आ रही थी।
यश,अवनी को देखकर- अवनी... तुम यहां....
अवनी यश के पास आ जाती है और उससे हाथ मिलाते हुए- हा, वो मै मीटिंग में आई थी.. कैसे हो तुम..?
यश- क्या यार अवनी... एक बार कॉल तो कर लेती सब कितना मिस करते हैं तुम्हें....
अवनी- बहुत काम था यश.. मैं अपने कैरियर के साथ तो कंप्रोमाइज नहीं कर सकती ना... बॉस ने मुझ पर ट्रस्ट करके मुझे प्रोजेक्ट दिया था तो मुझे जाना पड़ा...
करियर से ज्यादा और कुछ नहीं है तेरे लिए,,,, पिछे से विवान की आवाज आती है जो उनके पास ही खड़ा था,,,
अवनी, पीछे विवान की तरफ देखकर- तुम....
विवान- क्यों.. इतना चौक क्यों रही हो, अंदर भी देखा था तुमने मुझे,, लेकिन अब कैसे पहचानोगी अब तुम R.K. कंपनी की COO जो बन गई हो,,,,
यश, विवान की बात सुनकर अवनी की तरफ देखकर ख़ुशी से- congratulation Avni, I am very happy for you,,,
अवनी, मुस्कुराते हुए- थैंक्स.. घर पर सब कैसे हैं नित्या, काव्या, रिया, श्रेया....
विवान, बिच में ही - जैसा तुमने छोड़ा था,,,
अवनी, विवान की बात को इग्नोर करते हुए- अब मुझे जाना होगा यश, बाहर ड्राइवर वेट कर रहा होगा...
विवान कुछ बोलता उससे पहले ही यश विवान को चुप रहने का इशारा करता है,,,,,
यश,अवनी से- अवनी, नित्या और विवान की शादी के लिए घर वाले सब तैयार है, लेकिन नित्या ने मना कर दिया कि जब तक तु नहीं आएगी वह शादी नहीं करेगी... अब भी नहीं चलोगी उसके पास...
शादी की बात सुनकर अवनी की आंखों में आंसू आ जाते है जिन्हें वो यश से छुपा रही थी पर ज्यादा देर नहीं,,, अवनी विवान के पास आकर, एकटक उसे देखते हुए- बहुत लक्की है नित्या.. और तुम भी... तुम दोनों की जोड़ी परफेक्ट लगेगी...,
विवान चुपचाप अवनी की बातें सुन रहा था, उसकी नज़र अवनी के चेहरे पर टिकी हुई थी जो बहुत कुछ बयां कर रहा था,,, यश भी उन दोनों को ही देख रहा था।
अवनी, वापस यश की तरफ देखकर- कब फिक्स हुई शादी...?
यश- अभी हुई नहीं है, सब तुम्हारा ही वेट कर रहे हैं एक बार घर आ जाओ रुकना मत.. वापस आ जाना.. पर प्लीज... एक बार,,,,,
अवनी- मैं जरूर आउंगी आख़िर नित्या मेरी बेस्ट फ्रेंड है उसकी शादी में तो आना ही होगा,,,
विवान मन ही मन- प्लीज अवनी एक बार बात करो मुझसे... आखिर तुम मुझे क्यों अवॉइड कर रही हो...
तीनों वहीं खड़े थे निशा भी अवनी के साथ आई हुई थी वह अवनी को देखकर उसके पास आ जाती है।
निशा, बिना विवान और यश को देखें अवनी से- तू यहां... कब से वेट कर रही हूं तेरा बाहर...
अवनी का कोई रिप्लाई नहीं सुनकर निशा विवान और यश की तरफ़ देखती है।
निशा, विवान के पास जाकर- विवान सर, आप यहां... क्या आप जानते हैं अवनी को....?
अवनी, निशा की बात पूरी होने से पहले ही- क्यों तुम्हें इन्वेस्टिगेशन करनी है मेरी.. मैं जा रही हूं आ जाना.., (अवनी वहां से निकल जाती है)
निशा,अवनी को जाते हुए देखकर धिरे से-अवनी मैम तो गुस्सा हो गई अभी पता नहीं क्या क्या सुनाएगी... (फिर विवान की तरफ देखकर) नाइस टू मीट यू सर....
विवान, निशा के पास आकर- तुम्हें पता है वह कहां रहती है....?
निशा, हैरानी से- हां सर.. लेकिन आप उसे पहले से जानते हैं क्या है...?
यश- हा.. वो पहले हमारे साथ ही रहती थी दोस्त है हम उसके....
निशा, थोड़ी सिरियस होकर- सर.. मुझे आपको अवनी के बारे में कुछ बताना है, आप उसकी फैमिली को जानते हो तो बता देना प्लीज,,,,,
विवान हैरानी से- क्या...
निशा- अवनी को डेढ़ महीने का प्रोजेक्ट मिला था हैदराबाद के लिए, लेकिन एक महीने में वहां का वर्क कंप्लीट होने के बाद बॉस ने बोला था कि वह भोपाल वापस आ सकती है लेकिन अवनी ने वही काम करने को बोला, कुछ दिन वही काम किया फिर उसे मुंबई की कंपनी में भेजा गया अभी चार-पांच दिन पहले ही हम वापस आए थे ऑफिस में सबको अवनी का काम काफी पसंद आया तो उसे COO बना दिया गया अब वह दिल्ली जाने के लिए बोल रही है वहीं से अपना काम देखेगी अभी वह मेरे साथ ही भोपाल में रहती है मैंने पूछा था उससे कि वह पहले कहां रहती थी लेकिन उसने नहीं बताया और एक बात सर... इन दो महीनों में उसकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब रहती है...,
यश विवान की तरफ हैरानी से देखकर- तबियत खराब... और दिल्ली जा रही है...,
निशा- सर उसकी फैमिली को बता देना, मैं चलती हूं।
निशा जाने लगती है तभी पीछे से विवान की आवाज आती है,,,, सुनो, तुम थोड़ी देर वेट करो मैं अवनी से बात करता हूं,,,,
विवान वहां से चला जाता है,,,,
विवान बाहर आता है उसकी नज़र अवनी पर पड़ती है जो कार के पास खड़ी थी।
विवान, अवनी के पास आकर- चले....
अवनी अचानक विवान की आवाज सुनकर चौक जाती है,,
वह विवान की तरफ देखकर- कहां...?
विवान-जहां तुम पहले रहती थी,,, क्यों अवॉइड कर रही यार.. प्लीज बताओ.., तुम्हारी दोस्त ने सब कुछ बता दिया मुझे....
अवनी- क्यों चलू तुम्हारे साथ... मेरी मर्जी मैं जहां भी रहूं तुम्हें क्या...
विवान- अवनी तुम्हें मेरी किसी बात का बुरा लगा हो तो प्लीज़ आई एम सॉरी, उसकी सज़ा तुम बाकी सब को क्यों दे रहीं हो.... काव्या, नित्या, करण भाई, कुणाल रिया श्रेया सब तुम्हें बहुत मिश करते हैं एक बार उनसे मिल लो फ़िर तुम्हें जहां जाना है चली जाना.....
अवनी का कोई जवाब न पाकर, विवान को गुस्सा आ जाता हैं वह गुस्से से अवनी की बाजुए पकड़कर- अनुराग अंकल, स्वेता आन्टी, काविन, के बारे में सोचो, उन्होंने तुम्हे बेटी जैसा प्यार दिया... दादी ने तुम्हारे खातिर अभी तक शादी कि डेट भी नहीं निकलवाई, मोम- डेड, चाचू- चाची सब तुम्हारे बारे में पूछते हैं, लेकिन तुमने एक बार भी नहीं सोचा होगा किसी के बारे में...... सही कहा था तुमने... तुम बचपन से अकेली रही हो तुम्हें परिवार कि हमियत मालुम ही नही..... जिन परिवारों से तुम्हरा कोई रिश्ता नहीं था उनसे तुमने एक रिश्ता बनाया और तुम्हरा मन किया तो छोड़ दिया...... I don't know after today we again meet or not but after today I Will never talk to you again.....
अवनी बस विवान को देखे जा रही थी,उसकी आंखों में आंसू थे और विवान की बातों से उतना ही हर्ट थीं...उसके पास कोई जवाब नहीं था,,, विवान, अवनी को छोड़ देता है और वहां से जाने लगता है, अवनी पीछे से विवान का हाथ पकड़कर (अपने आंसु पोछते हुए)- अब तुम कहा जा रहे हों मिस्टर खडूस.... मै वापस आ रही हूं.... बोल देना घर पर आज का डिनर तुम्हरे घर पर ही करुंगी....
विवान, पिछे मुडकर मुस्कराते हुए- ये यूंही ना शेरनी वाली बात...
इतना कहकर विवान अवनी को गले लगा लेता है,, अवनी अपने हाथों को बांधे खड़ी थी उसकी आंखों से लगातार आंसु बह रहे थे, वह अपनी आंखे बंद करके विवान के कंधे पर सिर रख देती हैं,,,
विवान अवनी को दूर करके उसके आंसु पूछते हुए- कितना मिश किया तुम्हें...please तुम्हें मुझसे जितना लड़ना है, लड़ लेना पर इस तरह अवॉइड मत करना..... और तुम रो क्यों रही हो... उस दिन कहा था ना मैने की मै हमेशा तेरे साथ हूं... अवनी बताओ मुझे क्या हुआ....
अवनी- कुछ नहीं... अब हमे चलना चाहिए... मै निशा के रूम से अपना सामान लेकर आती हूं,,,
अवनी वहां से जाने लगती हैं, विवान, अवनी से- पक्का आओगी ना...
अवनी, बिना उसकी तरफ देखे- विश्वास नहीं है मूझपर...
इतना कहकर अवनी वहां से चली जाती है,,,,,,
विवान, मन ही मन- ख़ुद से भी ज्यादा... खाश तुम्हे कह पाता की तुम मेरे लिए क्या हो....आई रियली लव यू अवनी... पता नहीं हमारा साथ लिखा भी है या नहीं लेकिन तुम्हारे बिना मैं कैसे रह पाऊंगा यह मै ख़ुद भी नहीं जानता.....
यश, विवान के पास आकर- अवनी आ रही हैं ना.... बात हुई तेरी उससे....
विवान- हा... शाम को घर आ रही है... अब चले....
दोनों अपनी कार में बैठकर घर कि ओर निकल जाते है निशा और अवनी भी वहां से चले जाते है।।

Continue....