My father in Hindi Children Stories by दिनू books and stories PDF | मेरे बाबा

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मेरे बाबा

दिवाली पर एक बच्ची का अपने पापा से आने का गुहार मेरे अल्फ़ाज़ में शायद अच्छा लगे!

सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!
हर दिवाली की तरह, इस बार भी हमें न तड़पाओ पापा!

कितनी आस लगाए बैठे है, जल्दी से घर आओ ना पापा!
घर आकर अपनी गुड़िया को, गले से गले लगाओ ना पापा!
बुड्ढी दादी के आंखें हूई पत्थर,उनको कंधा लगा टहलाओ ना पापा!
गुमसुम पड़ीं मां के माथे चुम, चेहरे पर थोड़ी खुशी लाओ ना पापा!

सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!

जहां करते हो काम, उनको भी मेरी दुखड़ा सुनाओ ना पापा!
उदास गुड़िया के बारे में, जरा अंकल को भी बताओ ना पापा!
बहुत कर लिए काम, अब सब छोड़-छाड़ घर आओ ना पापा!
नहीं चाहिए मुझे कोई खिलौना न चाहिए कोई पटाखा!
कपड़ा तो मम्मी ही सील दी, काटकर कीमती साड़ी अपना!
पहन कर मैं इसे परी दिखती, आप भी आकर देखो ना पापा!

सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!

होने लगा आस-पास साफ-सफाई सजेगा गांव मोहल्ला!
झिलमिल-झिलमिल कर चारों तरफ, खुशियों का दिप जलेगा!
मुझे कंधे पर बिठा, चारों तरफ का ये नजारा दिखाओ ना पापा
सर मेरा रख अपने गोद में, घुमा-घुमाकर लोरी सुनाओ ना पापा!

सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!
अपने इस बेजान गुड़िया को, प्यार से पुकार लगाओ ना पापा!
बैठाकर अपने गोद में, बहुत सारा प्यार हम पे बरसाओं ना पापा!

सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!
इस दिवाली दिपक सा, घर सभी रौशन कर जाओ ना पापा!
हम सभी के खुशियों का, यादगार पल बन जाओ ना पापा!

सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!
इस गुड़िया के आंसुओं का किमत, समझ जाओ ना पापा!
सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!

दिवाली पर एक बच्ची का अपने पापा से आने का गुहार मेरे अल्फ़ाज़ में शायद अच्छा लगे!

सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!
हर दिवाली की तरह, इस बार भी हमें न तड़पाओ पापा!

कितनी आस लगाए बैठे है, जल्दी से घर आओ ना पापा!
घर आकर अपनी गुड़िया को, गले से गले लगाओ ना पापा!
बुड्ढी दादी के आंखें हूई पत्थर,उनको कंधा लगा टहलाओ ना पापा!
गुमसुम पड़ीं मां के माथे चुम, चेहरे पर थोड़ी खुशी लाओ ना पापा!

सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!

जहां करते हो काम, उनको भी मेरी दुखड़ा सुनाओ ना पापा!
उदास गुड़िया के बारे में, जरा अंकल को भी बताओ ना पापा!
बहुत कर लिए काम, अब सब छोड़-छाड़ घर आओ ना पापा!
नहीं चाहिए मुझे कोई खिलौना न चाहिए कोई पटाखा!
कपड़ा तो मम्मी ही सील दी, काटकर कीमती साड़ी अपना!
पहन कर मैं इसे परी दिखती, आप भी आकर देखो ना पापा!

सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!

होने लगा आस-पास साफ-सफाई सजेगा गांव मोहल्ला!
झिलमिल-झिलमिल कर चारों तरफ, खुशियों का दिप जलेगा!
मुझे कंधे पर बिठा, चारों तरफ का ये नजारा दिखाओ ना पापा
सर मेरा रख अपने गोद में, घुमा-घुमाकर लोरी सुनाओ ना पापा!

सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!
अपने इस बेजान गुड़िया को, प्यार से पुकार लगाओ ना पापा!
बैठाकर अपने गोद में, बहुत सारा प्यार हम पे बरसाओं ना पापा!

सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!
इस दिवाली दिपक सा, घर सभी रौशन कर जाओ ना पापा!
हम सभी के खुशियों का, यादगार पल बन जाओ ना पापा!

सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!
इस गुड़िया के आंसुओं का किमत, समझ जाओ ना पापा!
सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!