Confession - 4 in Hindi Horror Stories by Swati Grover books and stories PDF | Confession - 4

Featured Books
  • रिव्हॉल्व्हर - प्रकरण 13

    प्रकरण १३ न्यायाधीश सक्षमा बहुव्रीही यानी नावाप्रमाणेच एक सक...

  • सप्तरंगी गंध

    सप्तरंगी गंधभाग १: माधवाची जीवनयात्राचंद्रपूरच्या डोंगरदऱ्या...

  • चकवा - (अंतिम भाग )

    चकवा  अंतिम भाग 6तासभर दम खावून ते उतरणावरून पुढे निघाले. गा...

  • चकवा - भाग 5

    चकवा भाग 5 ती सात एकर जमिन दोन एकर गुरवाकडे,दोन एकर देवस्थान...

  • दंगा - भाग 4

    ३                       मुलांच्या आत्महत्या......  मुलांचा ब...

Categories
Share

Confession - 4

4

 

ओ. माई  गॉड! शुभांगी  का मुँह  खुला  का खुला  रह गया ।  एक  फोटो में  उसे  पॉल एंडरसन  दिखाई  दे रहे  हैं । दूसरी  फोटो  छोड़कर  तीसरी  फोटो  में   पॉल  एंडरसन  अपने  कॉन्फेशन  बॉक्स  के पास  खड़े  है । चेहरे  पर एक  हँसी है । उनकी  उस मुस्कान  को देख शुभांगी  इतना डर  गई  कि  लैपटॉप  से पीछे  होकर  गिरी।  उसने  ज़ोर  से आवाज़  लगाई, रिया, विशाल तभी उसे  कमरे  में  एक साया  महसूस  हुआ । उसने  लैपटॉप  बंद किया और  हाथ में  लेकर  नीचे  की और  दौड़ी  भागकर  बाहर  मैदान  में  आ गई । जब उसने  देखा कि  सामने एंडरसन के घर  की लाइट  चल रही है, उसे  समझ  आ गया  कि  शायद  सब वही है । अंदर  जाकर  देखा  तो  चारों अंदर  थे , रिया , अतुल, विशाल  यह  देखो ! पॉल एंडरसन  ज़िंदा  है या  फिर  उनकी आत्मा । क्या कह  रही हों । उसने  लैपटॉप खोला  फोटो  दिखाई  । सब  के होश  उड़  गए  । मतलब इस घर  में ????? अतुल कहते  हुए  रुक गया । तभी मैं  सोचो  मुझे  धक्का  किसने  मारा  था । क्या बक  रहा है  तू  यार? एक तो अनन्या  नहीं  मिल रही  है  । दूसरा  यह  सब  अब विशाल  भी परेशां  हो  गया । अनन्या!  रिया  फ़िर  चीखी । मुझे  लगता है  यहाँ  से निकलना  चाहिए । सागर  भी डर  चुका  है। पर सागर  अनन्या  को छोड़कर  कैसे  जाए?  रिया  ने ज़वाब  दिया । कही  उसे  कुछ  हो तो नहीं गया  । अपनी बकवास  बंद कर। वो ठीक  होगी । विशाल  सागर  पर चिल्लाया ।   तभी सामने सीढ़ियो  से  अनन्या  उतरती  नज़र  आई।

तुम कहाँ थी ? ऊपर तो  हमने  देखा  था ? तुम  यहाँ  कैसे  पहुची ? विशाल  इतने सवाल । मुझे  घर की लाइट  जलती  दिखी । नींद  नहीं आ  रही  थीं । फ़िर  देखा, कोई  यहाँ  पर खड़ा  मुझे  बुला रहा है  और मैं यहाँ  आ गई । उसने  बड़े  आराम से  कहा  । जैसे  कुछ हुआ  ही नहीं ।  मगर  तुम्हे  ऊपर  से उतरते  हुए  देखा नहीं  शुभांगी  ने सवाल  किया  । यार ! इन  सबका  टाइम  नहीं  है  । आउटहॉउस  जाकर  अपना सामान लेते है  और निकलते है  यहाँ  से। मुझे  तो वहाँ  भी कोई नज़र आया  था  । शुभांगी  ने सबको बताया। जाना  तो पड़ेगा  ही जीप  की चाभी  वहीं है  । पैसे , सामान  सब वही है । हिम्मत  करके  निकलते है।  घर से  निकलकर  सीधे  वह  ऑउटहॉउस  पहुँचे। विशाल  सीधे   कमरे में  गया  । शुभांगी, रिया अतुल  ने भी सामान  समेटा । विशाल  ने अपना  वॉलेट  उठाया  जीप  की चाभी  ली । और जाने  लगा । मगर  उसने  देखा  कि  बाथरूम  का पानी  कमरे  तक आ गया  है, अनन्या  ने टूटी  खुली  छोड़  दी  क्या ? यह  लड़की  भी न ? वह  बाथरूम  के  अंदर  जाने  को हुआ ।  मगर  उसे  अनन्या  की पहले  वाली  बात  याद आ गई  और  वह  दौड़कर  नीचे  जाने  लगा ।

सब  जाने  को तैयार है  । मगर अब  सागर  नज़र  नहीं  आ रहा है । कहाँ  गया वो  ? मुझे  नहीं  पता।  रिया  के चेहरे  पर चिंता है । मेरे  बाथरूम  से पानी  निकल रहा है  ।  मगर  मैं  तो  अंदर  गया  ही नहीं  । विशाल   ने भी अपनी  बात बता  दी  । यार ! यह पॉल एंडरसन  बथरूम  की कोई  मिस्ट्री क्रिएट  कर रहे  हैं या  उन्हें   पानी  ज़्यादा पसंद  है ? अतुल  यह  मज़ाक  का  टॉपिक  नहीं  है । क्या  करे ! सब ऊपर चलते  है ।  मैं  सागर  को छोड़कर  कहीं  नहीं  जाऊँगी  । रिया  ने  रोते  हुए  कहा  । फिलहाल  तो विशाल के  कमरे में  जाकर  देखते  हैं क्या  पता सागर का पता चले   ।  अतुल ने कहा  ।   सब हिम्मत  करके  ऊपर पहुँचे । बाथरूम  से पानी   बंद  हो  चुका   है। विशाल  ने दरवाज़ा  खोलना  शुरू किया । रिया  ज़ोर  से बोली  सागर   तुम  हों ? कोई  आवाज़  न आने  पर दरवाज़ा  पूरा  खोल  लिया गया । शुभांगी  ने  देखा  उसके  पीछे खड़ी  अनन्या  फ़िर  गायब  है  ।  लगता  है, नीचे  रह  गई  होगी । तभी  सबने  बाथरूम  में  देखा , फ़िर  बाथटब  में  देखा  तो हैरान  हों गए  अनन्या  वहां  उल्टी  लेटी  हुई  है, अनन्या!  सुनते  ही उसकी खोपड़ी  घूम  गई  और  वह  हँसने  लगी । सब  समझ  गए कि  अनन्या  के साथ  क्या हुआ  है । भागते  हुए  नीचे  आये  । सागर  पहले  ही जीप  में  बैठा  हुआ है । सागर  तुम  यहाँ,  टाइम नहीं  है  रिया  । बाद  में  इससे  लिपट  जाना,  अभी बैठो जीप में ।   अतुल ने बैग  सामान जीप में  फेंका और  विशाल  ड्राइव करने  लगा ।

शुभांगी  मैं  तो शुरू  से कह रही  हूँ  कुछ गड़बड़  है । शायद  पॉल  एंडरसन  को पसंद  नहीं  आया की  हमने  उन्हें अपने  टॉपिक  के लिए  चुना  । शुभांगी  ठीक  कह रही  है । रिया  ने सागर  को देखते हुए  कहा । अब  तो  सब  शुभांगी  की साइड  लेंगे । अगर  हम ज़िंदा  बच गए  तो यह एक्सपेरीन्स  भी  बड़ा  काम  आएगा। अतुल  मुँह  बंद कर । बेचारी  अनन्या  हमारे  चक्कर  में  मारी  गई  । रिया  ने मायूसी से  ज़वाब  दिया । अब हम खतरे के बॉर्डर से बाहर  है । यार! गाने  चला । विशाल ने गाने  चला  दिए ।  रिया  ने सागर  का हाथ  पकड़  लिया । तुम्हें  क्या हो  गया  । आई.एम.सॉरी माय लव ।  मेरी  वजह  से तुम  इतना  कुछ  सह  रहे  हों  । उसने  प्यार  से सागर  का हाथ  दबा लिया । मगर उसने  मुँह  पलट  लिया । लगता  है, सागर  नाराज़  है अतुल ने मुस्कुराते हुए  कहा । एक  काम  करो, जीप  रोककर  इसे  कोने  में  ले जाओ  । फिर  मान  जाएगा ।  अतुल  की बात सुनकर  विशाल  हँसा । शुभांगी ने उसे  एक पीठ  पर थप्पड़  मारा । रिया  ने अतुल  को घूरकर देखा ।  मगर  सागर   जो  पीछे  बैठा  हुआ  है. उसने  आगे होकर  जीप  का स्टेरिंग  घुमा दिया।  विशाल उसे  रोकता रह गया । पागल  साले ! क्या कर रहा  है  । विशाल  और अतुल  ने उसे  धक्का  देने की कोशिश  की, मगर  वो स्टेरिंग  घुमाता   रहा । विशाल !! शुभांगी  और   रिया चीखे । मगर वो लोग  अब फिर  से एंडरसन  के घर  के सामने  हैं  । जीप  के रुकते  ही  सबने  सागर  को घेरना चाहा। मगर सागर   का चेहरा  देखते  ही देखते  बदल  गया । उसने  अपने  हाथ  लम्बे  कर अतुल  की गर्दन  पकड़  ली।  तीनों समझ गए  पॉल  एंडरसन  अब उन्हें  यहाँ  से जाने  नहीं  देंगे  ।

अतुल  की गर्दन  इसे  पहले  चकना  चूर  होती।  शुभांगी  ने बैग से चाक़ू  निकाल  लिया । और उसके  हाथ पर दे मारा  और सागर के हाथ  का बैलेंस  ख़राब  हो गया । अतुल  की गर्दन  छूट  गई । अतुल भागो ।  सब दौड़ने  लगे  और भागकर ऑउट हाउस  पहुँचे । अंदर  पैर  रखते  ही  चार-पॉँच  विदेशी  खड़े उन्हें  देख रहे  हैं । हमें  इनसे  मदद  माँगनी  चाहिए । रिया  कहकर  उनकी तरफ़  जाने  को हुई, मगर शुभांगी  ने उसे  रोक  लिया ।  ये  सब ज़िंदा  नहीं हो  सकते, जब से  आए  है, तबसे  यहाँ  कोई नहीं था ।  अब सब यहाँ  कैसे  ? शुभांगी  ठीक  कह रही  है । विशाल  ने कहा।  तभी  सब  उनकी तरफ़  एक  साथ  बढ़ने  लगे।  वह  वहाँ  से  मुड़े  तो  सागर खड़ा  है  ।  वह  भागकर एंडरसन  के घर  की तरफ  भागे  और  अंदर  घुस  गए। सीढ़ियाँ  चढ़कर  एक  कमरे  में  घुस  गए । उन्होंने  अपने   मोबाइल   से टोर्च  जलाया  तो वहाँ  कंकाल  दिखे ।  अतुल ने  तब  ढूंढकर  कमरे  की लाइट  जला दी । डिम  सी लाइट  में  वे  एक दूसरे  को देख पा रहे  है । अब बचना  मुश्किल  है, यार ! अतुल  मायूस  होकर  बोला । रिया  भी ज़ोर-ज़ोर से रोने  लगी। शुभांगी  और विशाल  खामोश  हों गए। तभी  विशाल बोल पड़ा, हम  अब भी  ठीक है, कोशिश  करे तो  यहाँ  से निकल  जायेगे ।

तभी  दरवाज़े  पर दस्तक  हुई । सब  काँप  गए  और एक  दूसरे  के पास  आ गए । खोलो, दरवाज़ा  खोलो।  मैं  बाहर  का वॉचमन। आप  सब  लोग अंदर  हो, मुझे  पता  है । वॉचमैन  यह  यहाँ  क्या कर रहा  है । शुभांगी  ने टाइम  देखा, रात  के साढ़े  तीन बजे है। अभी इसका टाइम  नहीं  हुआ आने  का और  इसे  कैसे  पता  चला  कि  हम यहाँ  है ।  इसका  मतलब  यह कोई  एंडरसन  की ही  चाल है, हमें  यहाँ  से निकालने  की। रिया  की आवाज़  में  खौफ  है, और सब उसकी बात  से सहमत  है।  भैया, हम ठीक है। अभी थोड़ी देर  बाद  खुद ही बाहर  आ जायेगे। अतुल  ने कहा। देखिए, मुझे  आपके  साथ आये, सागर  साहब   ने सब  बता दिया  है ।  इसलिए  मैं  आपकी मदद  के लिए  आया हूँ । इसे सागर के भूत  ने  बताया  होगा  या  फ़िर  खुद  यह  ही.. अतुल बोलता हुआ  रुक  गया । रिया, मैं  सागर, दरवाज़ा  खोलो । डर  क्यों  रहे  हों ? मैं  ही हूँ। मैं  तुम लोगों  का इंतज़ार  नीचे  कर रहा  था  ।  फ़िर  जब तुम लोग  चीख  रहे  थें  तो  मैं  भाग  गया  ।  फिर  यह  वॉचमैन  मुझे  मिल गए  और मैं  इनके यहाँ  छुप  गया। अब जब तुम  सबको इस  घर  में  घुसते  हुए देखा  तो  इन्हे  लेकर  यहाँ  आ गया   ।  अब दरवाज़ा  खोलो  और मुझे अंदर आने  दो। 

अब क्या  करे ! हो सकता,  यह  सागर  ही हों  और वो  एंडरसन  होंगे, जो सागर  बनकर  हमारे  साथ थें  ।  रिया  ने सबको  देखते हुए कहा ।  मुझे  लगता है  यह  एंडरसन  हो।  शुभांगी  ने कहा।  मुझे  भी यही लगता।  विशाल ने  कहा।  दरवाज़ा  खोलना  है या  नहीं ? अतुल  ने पूछा  ।  सब  सोच नहीं  पा  रहे  है  क़ी  क्या करें? पर बाहर  से  लगातार  सागर   दरवाजा  खोलने के लिए कह  रहा  है।