Pyaar ka Zeher - 68 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | प्यार का ज़हर - 68

Featured Books
  • સોલમેટસ - 10

    આરવને પોલીસ સ્ટેશન જવા માટે ફોન આવે છે. બધા વિચારો ખંખેરી અન...

  • It's a Boy

    સખત રડવાનાં અવાજ સાથે આંખ ખુલી.અરે! આ તો મારો જ રડવા નો અવાજ...

  • ફરે તે ફરફરે - 66

    ફરે તે ફરફરે - ૬૬   માનિટ્યુ સ્પ્રીગ આમતો અલમોસામાં જ ગ...

  • ભાગવત રહસ્ય - 177

    ભાગવત રહસ્ય-૧૭૭   તે પછી સાતમા મન્વંતરમાં શ્રાદ્ધદેવ નામે મન...

  • કુંભ મેળો

    કુંભ પર્વ હિન્દુ ધર્મનો એક મહત્વપૂર્ણ પર્વ છે, જેમાં કરોડો શ...

Categories
Share

प्यार का ज़हर - 68

"कुच 10 होने के बाद पुलकित चला गया अपने घर" और फिर राहुल की मम्मी ने राहुल से पुछा की बेटा ये जो आया था वो कौन था" राहुल ने बोला,

" हा मम्मी था कोई पुलकित बता रहा था मेहमान बन कर आया है" राहुल की मम्मी ने घबराइए हुए बोला,

" पू पुलकित ये वही पुलकित है" जिसने हमे बर्बाद कर दिया था अब ये वापस आगया है" पता नही उसको इस घर क्या दुश्मनी है" राहुल ने पुछा"

" मम्मी आप इस शक्स को जान्ते हो क्या " राहुल की मम्मी ने कहा, हा बहुत अच्छे से, इसने हमे एक केस के चकर मे फसा दिया था और तुम्हारे पापा को जेल भिजवाया था, राहुल ने कहा ऐसा क्या हमे तो इसके बारे मे नही पता बिल्कुल भी, लेकिन अब उसकी खैर नही है, अब इसका बदला तो हम लेकर रहेंगे. उसको शायद पता नही है. उसने किस के साथ पंगा लिया है" ऐसे बोलते ही राज आ गया और कहने लगा की"

" क्या हुआ आप लोग इतना ज़ोर छोर से क्यू बोल रहे है, राहुल ने कहा ज़ोर छोर से बाते ना करे तो क्या करे, एक हल्कट इन्सान की हिम्मत तो देखो जीस घर मे आकर उसने पापा को जेल भिजवाया था, और वही इन्सान आकर आज हमारे घर पर आकर चला गया, और इसके बारे मे हमे कुच पता भी नही वाह क्या बात है" राहुल काफी गुस्से मे लग रहा था, फिर राज ने कहा पहले तो तुम शान्त हो जाओ, भाभी राहुल के लिये ज़रा पानी लेकर आइये तो, हा लाते है रुकिये. इसके बाद राज राहुल और प्रणाली यानी राहुल की माँ ये तीनो बैठ कर सब बाते करने लगे"

" राज बेटा सुनो ये सब अच्छा नही हुआ था, लोगो के अंदर तुम्हारे पापा की इज्जत बहुत बढ चुकी थी, लेकिन इस पुलकित के झूठे फरियाद के कारन तुम्हारे पापा ने वो इज्जत गवा दी थी. " ऐसा सुनते ही राहुल गुस्से मे आ गया और गाडी निकाल ने को बोल दिया, काकू भी आ गया था तुरंत फिर प्रणाली यानी उनकी मा ने बोला की अरे रुको ऐसे जल्दबाजी करना ठीक नही है, ये बोल कर प्रणाली ने राहुल को रोक दिया, और कहने लगी की"

" उस पुलकित को सबक शिखाने का हमारे पास बहुत वक़्त है, लेकिन उससे पहले थोडा सब्र रखो" राहुल ने कहा ठीक है मम्मी लेकिन मे ज्यादा देर तक इन्तज़ार नही करूंगा. ये कहते हुए राहुल शान्त हो गया.

"और कुच देर बाद वहा रितेश के अड्डे पर रितेश रिहान और देवेन्दर तीनो के तीन आराम से बैठे थे, उतने रिहान की परिवार वाले आ गए, और रिहान को सुनाने लगे. की

"रिहान तुम्हे हमारी कोई फिक्र है की नही हमारा छोडो कम से कम अपने बारे मे तो सोचो" रिहान ने कहा ठीक है बताओ अब मे क्या करू वैसे भी जो मेने चाहा था वो काम हो गया है. मतलब की मुझे रितेश भाई को सही रास्ता दिखाना था जो मेने दिखा और अब मे घर वापस आ सकता हू, मुझे कोई परेशानी नही है. तब रिहान की अम्मी ने बोला की.

आगे जान्ने के लिए पढते रहे प्यार का ज़हर और जुडे रहे मेरे साथ