Pyaar ka Zeher - 46 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | प्यार का ज़हर - 46

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प्यार का ज़हर - 46

फटेला : एक और कदम पास आये ना तो इस लड्की की गर्दन दान करूंगा तुमको. भलाई इसमे है. की रुक जाओ वहा के वहा पर.

रिहान : ले फ़ीर तू भी मर. खतम

कार्तिक : अरे भाई ये कैसा इंसान है. मारने से पेहला सोचता ही नही है. मुझे तो अब इसे डर लगने लगा है.

राज : सरस तुम ठीक तो हो ना.

सरस : भैया...

राज : अरे रोते नही पागल अब हम आगये है. ना अब डरने की जरुरत नही है.

रिहान : मे तुम्हारे साथ काम करने के लिए तैयार हू.

रितेश : ये हुइ ना बात. अब आयेगा मज़ा.

कार्तिक : अरे भाई क्या बोल रहे हो. आपको इन गुंडो के साथ काम करने की जरुरत नही है. चलो अब घर.

राज : नही रिहान जी आप इन गुंडो के चक्कर मे मत पडो ठीक है. ये कब जेल चले जायेंगे पता नही चलेगा. और मे अभी पुलिस को फोन करता हू.

रिहान : रेहने दो यार भाई पुलिस भी इसकी गुलाम होगी. देखना आप झूठी मेहनत मत करो.

राज : लेकिन रिहान जी ऐसे कैसे चलेगा. इनको पुलिस को तो पकड़वाना पड़ेगा.

रिहान : रेहने दीजिए भाई. हम इनके साथ अब काम करेंगे. और आप हमारी फिकर मत करिए. हमे कुछ नहीं होगा. हमे यहा पर कोई छू भी नहीं सकेगा.

राज : ठीक है. लेकिन रिहान भाई आप इन गुंडों के साथ करोगे क्या? यही ना गुंडा गर्दी वाला काम और खून. और लोगो को लूटोग. नहीं नहीं में ये सब नहीं करने दूंगा आपको.

रिहान : सही बोला भाई आपने में यही करूंगा.

रितेश : फटेले कल से तुम इसको छुपारी दिलवाओगे ठीक है.

फटेला : जी जरूर आप फिकर मत करिए सब अच्छे से करेंगे.

[ कुछ देर बाद...]

राहुल : यहा पे कोई है. कोई नजर क्यू नही आ रहा है.

दक्ष : जी साहब बोलिए हम आपके लिए क्या कर सकते है.

राहुल : जी यहा के आचार्य साहब कहा गए. मुझे उनसे बात करनी है.

दक्ष : जी हम ही है. यहा के आचार्या. बोलिए क्या सेवा कर सकते है. आपकी.

राहुल : दरअसल. मुझे ना मेरी छोटी बहन को पढ़ाने के वास्ते आपके स्कूल में भेजना है.

दक्ष : जी जरूर आप लड़की का नाम लिखवा दीजिए.

राहुल : जरूर में महेर को कल लेके आऊंगा.

[ कुछ देर बाद... ]

सरस : राज भैया इनसे कहिए. कि ये ऐसे काम ना करे. वरना फिर इनमें और इस गुंडे में क्या फर्क रेह जाएगा.

राज : लेकिन सरस वो रिहान भाई मान भी तो नहीं रहे है ना.

सरस : रिहान जी आप ऐसा मत करिए कृपया करके ऐसे काम मत करिए. आपको जेल भी हो सकती है.

रिहान : कोई बात नहीं. लेकिन में ये काम करूंगा.

सरस : राज भैया ये तो नहीं मानने वाले. अब क्या करे.

राज : अब हम ज्यादा तो कुछ कर नहीं सकते. अब उनको यही करना है. तो ठीक है. यही सही. आप करो अब आपको कोई नहीं रोकेगा.

रिहान : धन्यवाद. और हा कार्तिक इनको बाहर तक छोड़ आना ठीक है.

कार्तिक : हा भाई बिल्कुल क्यू नही जरूर छोड़ आएंगे.

रितेश : अरे नहीं रिहान इसकी कोई जरूरत नहीं इनको अब कोई चुएगा भी नहीं. तुम लोग बेफिक्र हो कर जाओ.

विकी : चलो रे सब लोग. रिहान भाई तो अब आने से रहे.

आगे जान्ने के लिए पढते रहे प्यार का ज़हर और जुडे रहे मेरे साथ