Pyaar ka Zeher - 39 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | प्यार का ज़हर - 39

Featured Books
  • ભાગવત રહસ્ય - 279

    ભાગવત રહસ્ય -૨૭૯   ઇશ્વરને જગાડવાના છે.શ્રીકૃષ્ણ તો સર્વવ્યા...

  • આત્મનિર્ભર નારી

    આત્મનિર્ભર નારી નારીની ગરિમા: "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन...

  • ધ વેલાક

    ભૂતિયા નન - વડતાલના મઠની શાપિત વાર્તાવડતાલ ગામ, ગુજરાતનું એક...

  • શેરડી

                         શેરડી એ ઊંચા, બારમાસી ઘાસની એક પ્રજાતિ...

  • પ્રેમ અને મિત્રતા - ભાગ 11

    (નીરજા, ધૈર્ય , નિકિતા અને નયન..) નીરજા : બોલો...પણ શું ?? ધ...

Categories
Share

प्यार का ज़हर - 39

《 अगली शुभ... 》

राहुल : आखिर कार इस घर मे सब ठीक हो ही गया. इस घर को ना किसी की नज़र लग गइ थी. जो अब हट गइ अब कुच बुरा नही होगा हमारे साथ देखना दादी आप.

संतोष : अरे बेटा ऐसा तो क्या हुआ था. हम कुच दिनो के लिये बहार क्या गई. हमे कुच बताना भी जरुरी नही समझा. की घर इतनी सारी मुसिबते आ पडी थी.

राहुल : अरे दादी आपको क्या बताता आप बहार घूमने गई थे. बेहना और दादा जी के साथ. और तो बाकी घर वालो ने भी कुच नही बताया आपको. आप खामखा परेशान होते फिर आपके घूमने जो मन था वो भी बिगड़ जाता तो अच्छा नही लगता ना.

संतोष : पर बेटा इस परिवार के आगे हमारे लिये. और कुच ज्यादा महत्व नही रखता.

राहुल : बस आप बड़ो की यही बाते अच्छी लगती है. मे भी अब यही काम सबसे पहले करूंगा देखना आप.

गोविंद : अरे बेटा तुम जब शादी कर लो गे ना तब तुम्हे भी समझ मे आ जायेगा की अशल मे जिन्दगी क्या है.

राहुल : जी दादा जी जरुर हम अपना कर्तव्य बहुत अच्छे निभायेंगे.

संतोष : अच्छा बेटा ठीक है. लेकिन सब लोग कहा गई नज़र नही आ रहे है. देखो ना हम जल्दी शुभ मे आगाई लेकिन सब अभी तक आये नही.

राहुल : लेकिन दादी एक बात आपको शौकाने वाली है. जो मे आपको कहने जा रहा हू. वो बात ज़रा हिम्मत रखना.

संतोष : हा बेटा बोलना इतना घबरा क्यू रहा है. और काफ क्यू रहा है.

राहुल : दादी वो ना राज की शादी हो गई.

संतोष : क्या? क्या? क्या?...

गोविंद : क्या?...

राहुल : शांत शांत दादी और दादू.

संतोष : अरे बेटा शांत तो तुम रहो हमने तो अपने चेहरे के आकर इस लिये बदले. क्यू की हमे पता है की राज की शादी हो गई. और किस हालातों मे हुइ. ये भी जानते है.

गोविंद : हा बेटा हमे फोन आ गया था आपके पापा. और मम्मी का उन्होने सब बताया हमे बस ये नही बताया की ये मुसीबत कौनसी है. जिसकी वजह से ये शादी करनी पड रही है. वो भी इत्नी जल्दी.

राहुल : हे भगवान मे तो डर ही गया था.

संतोष : हा तुम्हरा डरना भी सही है बेटा क्यू की अब राज को हम पुछ ने वाले है. की इतनी जल्दी शादी कर ली. बस थोडा चिडायेंगे उसको.

राहुल : अच्छा ठीक है फिर.

राज : अरे दादी दादू आप लोग आगई. और हमे पता भी नही चला. बता तो देते की आप आने वाले हो. तो हम कुच बना देते.

संतोष : अच्छा तुम बनाते हमारे लिये कुच. क्या बात है. जिस ने हमे अपनी शादी मे बुलाना जरुरी नही समझा. वो अब हमारे लिये कुच करेगा.

राज : दादी हमे माफ करना हम मजबुर थे हम आपको मेरि शादी मे नही बुला पाया. और फोन भी नही किया.

गोविंद : नही बेटा इस चिज के लिये कोई माफी नही है. तुम्हारे लिये.

राज : दादू ऐसा क्यू बोल रहे हो. आप लोगो के बिना ये शादी नही करना चाहता था. लेकिन मेरि मजबुरी थी पुरा परिवार मुसीबत मे था. तो हमे ये शादी जल्द मे करनी पडी.

आगे जान्ने के लिए पढते रहे प्यार का ज़हर और जुडे रहे मेरे साथ