The Author Pooja S Follow Current Read मोहब्बत By Pooja S English Love Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books Split Personality - 83 Split Personality A romantic, paranormal and psychological t... What Does Science Say About Whey Protein and Longevity? Discover the powerful link between whey protein and longevit... Positive and Negative Aspects of using Mobile phone's Using mobile phones can have both positive and negative effe... Disturbed - 26 Disturbed (An investigative, romantic and psychological thri... The Second Innings: Time Bowled Him, But He Hit It Back Arjun Shrivastava had it all. At 30, he was the golden boy o... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Share मोहब्बत (8) 1.1k 3.6k मोहब्बत नाम एक अलग ही नाम है कब कैसे कहा किस से हो जाए कुछ पता नहीं ना तजुर्बा ना ही कुछ एहसास होता है बस एक नज़र मिली और मोहब्बत हो गई ना अंजाम का डर ना ही कीसी का डर पर अफ़सोस तब होता है जब कोई इसे खोता है मेरे साथ तो ऐसा कुछ हुआ नहीं पर डर सा लगा रहता है की अपनी खास चीज़ तो अपने पास है मगर नज़र उस पे कीसी और की भी हो पर मैं ऐसा नहीं होने दुगी मेने कितने अरमानों से कीतनी तकलीफ़ से उसे पाया है ऐसे रहता तो वो मेरी नज़र में ही हैं पर वो जब नजरों से ओझल हो जाता हैं तो दिल मैं घबराहट सी होने लगती है इसी वज़ह से एक बार तो बीना घर में कीसी को बताये उससे मिलने उसके शहर उसके घर चली गई थी मोहब्बत ही इतनी है उससे उसे खोना नहीं चाहती ना उससे कभी दुर जाना चाहती हूं वैसे में कभी उस पे शक नहीं करती पर उसका काम ही ऐसा है कि वो आज यहां कल वहां मिलने भी आता है तो थोड़ी देर में जाना है यहां से फोन वहा से फ़ोन काम वो करता है परेशान मैं हो जाती हूं मेरी उसकी कहानी भी सुन लो मेने उसे आफिस में पहली बार देखा था वो नया आया था हिम्मत नहीं होती थी बात करने की मगर साईन लेने जाती थी तो थोड़ी बहुत बात होती थी फिर एक दिन हिम्मत करके बात कर ही और काफ़ी पीने के पुछ लिया मना तो नहीं किया पर इन्तजार बहुत कराया फिर मेंने उसके जाना जैसे पता चला मोहब्बत और बढ़ गई एक बार फिर उसे अपने घर ले गए थे खाने के लिए खाना अच्छा लगा उसे और उसने आई को डायरेक्ट बोल दिया आंटी खाना आप रोज़ पुजा के हाथ आफिस भेज दिया करो में तो बहुत खुश थी बता नहीं सकती खाना तो वो भी बहुत अच्छा बनाता है रुम भी उसने हमारी कालोनी ले फिर हम साथ ही आफिस जाते थे उसकी कार में मगर मैं कभी उसे ये नहीं बता पाई में तुमसे प्यार करती हूं जब मुझे पता चला कि वो पुणे से जाने वाले हैं तब मैंने कहा उसे में आपको चाहतीं हूं उससे हां तो नहीं किया क्योंकि वो कीसी और को चाहता है मगर मुझे खुद पर यकीन था क्योंकि उसने उसे देखा ही नहीं जिसे वो चाहता ना कभी उससे मिला फिर एक दिन वो चला गया बात तो रोज होती थी उससे मेरी मगर दिल उसे देखना चाहता था फिर एक दिन उसके घर ही चली गई दो दिन रही तब कहीं जाके उसने हा की मुझे घर छोड़ कर गया बात फिर नहीं करता वो मेने में आ जाऊंगी तब जाके बात करने लगा क्योंकि उसका उसकी चाहत से झगड़ा हो गया था और हमारी रोज बात होने लगीं और मुझे अब यकी है की वो और कहीं अब नहीं जाएगा क्योंकि मेने बहुत कुछ सहा है उसे पाने के लिए कोशिश नहीं हारी मेने पता सब था मुझे अब सारे काम एक साथ ही करते है जो भी चलातें दोनों साथ ही होते हैं Download Our App