Sapne - 24 in Hindi Fiction Stories by सीमा बी. books and stories PDF | सपने - (भाग-24)

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सपने - (भाग-24)

सपने......(भाग-24)

आदित्य यूँ उठ कर कभी जाता नहीं, वो तो हमेशा इंतजार करता है सबका खाना खत्म होने के बाद......फिर कुछ देर सब टी.वी देखते हैं या बातें करते रहते हैं.......सब उसके ऐसे जाने से हैरान थे.........पर कोई कुछ नहीं बोला। सबका खाना हो जाने के बाद नवीन उठ कर आदित्य के रूम में चला गया उसे बाहर बुलाने के लिए.......आदित्य ने मना कर दिया तो नवीन उसके कमरे में चला गया और पूछ बैठा, " क्या हुआ आदित्य भाई, सब ठीक है न? ऑफिस में कोई प्रॉब्लम है क्या"? "नहीं यार, ऐसा कुछ नहीं है, बस मूड नही है टी वी देखने का".....! नवीन के सवाल का जवाब आदित्य ने दिया तो नवीन ने एक और सावल पूछ लिया, " हम में से किसी की बात बुरी लगी है क्या"? "नहीं यार.....ऐसा कुछ नहीं है...बस पता नहीं क्यों आज कल जल्दी गुस्सा आ जाता है? आदित्य ने कहा तो नवीन ने बोला, "गुस्सा तुम्हें नचिकेत का नाम सुन कर ही आ जाता है, ये मैंने नोटिस किया है, खास कर जब से आस्था ने बताया कि उसने आस्था को प्रपोज किया है.......पर मुझे समझ नहीं आता कि नचिकेत तुम्हें पसंद क्यों नही है"? नवीन की बात सुन कर आदित्य बोला, "पता नही वाकई मेरी दिक्कत क्या है? शायद वो कम उम्र में इतना फेमस हो गया है, हर चीज में वो मुझे परफेक्ट लगा और जब कोई बंदा इतना परफेक्ट होता है तो शायद मेरे जैसे कुछ उनसे चिढने वाले भी पैदा हो जाते होंगे"......कह कर आदित्य हँस दिया। "ऐसा नहीं है आदित्य भाई तुम्हारे जैसे इंसान बहुत कम होते हैं.....और दोस्ती निभानी तो हमें तुमसे सीखी है.......बात ये है कि शायद तुम आस्था को पसंद करते हो, इसलिए तुम्हें उसका नचिकेत के साथ घुलना मिलना पसंद नहीं"......! नवीन की ये बात आदित्य को चुप करा गयई, यही बात ही तो है, "तभी तो ये मानने से भाग रहा हूँ कि इस दुनिया में कोई लड़की है जिससे वो वाकई प्यार करने लगा है.....वरना तो उसे हमेशा लगा कि वो किसी से प्यार कभी कर ही नहीं सकता, अब तक जिन लड़कियों के साथ रिलेशन में रहा है सब उसके स्टेटस और पैसे की लिए उसके पास आती थी.....आस्था के प्यार में है वो, ये बात तो वो तभी समझ गया था जब उसने दिल्ली में उसका शो देखा था........काफी अलग सी लड़की लगी उसे आस्था"....! आदित्य के किसी सोच में डूबा देख नवीन ने उसके कंधे पर हाथ रख कर पूछा," क्या सोचने लगे? मैं ठीक कह रहा हूँ न"? आदित्य बोला, "हाँ यार, तुमने ठीक कहा, पर ये बात तुम अपने तक रखना, अभी आस्था के दिल में क्या है, मुझे पता नहीं....क्या पता उसके दिल में नचिकेत के लिए फीलिंग्स हो"! "तुम चिंता मत करो मैं किसी को कुछ नहीं कहूँगा, पर मुझे नहीं लगता कि उसके दिल में नचिकेत के लिए रिस्पेक्ट के सिवा कुछ और है", नवीन ने अपने दिल की बात आदित्य को बता दी......और आदित्य भी नवीन से बात कर के हल्का महसूस कर रहा था.....! आदित्य के बाद नवीन भी उठ कर चला गया तो राजशेखर भी आस्था और श्रीकांत को गुडनाइट बोल कर अपने कमरे में चला गया। आस्था और सविता किचने समेटने में लग गए......श्रीकांत भी उठ कर राजशेखर के कमरे में चला गया......."क्या हुआ राज? तुम कुछ उदास नजर आ रहे हो"!......श्रीकांत ने राजशेखर को चुपचाप पलंग पर लेटे हुए देख कर पूछा......राजशेखर ने उसे बैठने का इशारा किया और आस्था से क्या क्या बात हुई सब बता दिया.......श्रीकांत ने उसकी पूरी बात ध्यान से सुनी और बोला," राज हम किसी को पसंद करे तो जरूरी नहीं वो भी हम को पसंद ही करे.....कोई बात नहीं, आस्था ने मना कर दिया, पर उसने दोस्ती तो नहीं तोड़ने को कहा और न ही तुम पर गुस्सा किया.....ये तो अच्छा हुआ कि तुमने पहले ही पूछ लिया नहीं तो अगर ज्यादा सीरियस हो जाते तुम आस्था को ले कर तो आस्था का प्यार तो मिलता ही नहीं साथ ही दोस्ती भी खो देते.......चलो कोई तुम्हें पसंद करने वाली भी मिल जाएगी और हमारी दोस्ती को एंजाय करो"! "तुम बिल्कुल बराबर बोले "श्री"आस्था बहुत अच्छी दोस्त है और मैं उससे दोस्ती हमेशा निभाऊँगा, कह कर राजशेखर ने जरा सा मुस्कुरा दिया"। श्रीकांत ने उसकी बात सुन कर राहत की सांस ली..! उधर नवीन भी आदित्य से बात करके श्रीकांत के रूम में आ कर लेट गया.......दोनो आपस में आदित्य और राजशेखर की बात करने को कुलबुला रहे थे, पर उन दोनो ने ही वादा किया था कि ये बात किसी को नहीं बताएँगें.........तो दोनो बेचारे एक दूसरे से नजरे चुरा रहे थे कि कहीं सामने वाला कुछ समझ न जाए और मुँह फेर कर सो गए....। आस्था अपने कमरे में लेटी राजशेखर के बारे में सोच रही थी......"क्या राजशेखर उसकी बात समझा होगा"! यही सोच कर परेशान हो रही थी........पहले नचिकेत अब राजशेखर का प्रपोज करना आस्था को परेशान तो कर ही गया था हालंकि उसने दोनो को ही अपनी तरफ से जवाब दे दिया था.......इसी उधेड़बुन में कब वो सो गयी, पता ही नहीं चला । सुबह आस्था जब उठ कर आयी तो नवीन नाश्ता कर रहा था....."नवीन ने बताया कि कुछ देर पहले सोफिया आयी थी वो ये पैकेट दे गयी है........दोपहर को वो लंच टाइम में यहाँ आएगी"! एक बड़ा सा पैकेट सोफे पर रखा था, वो लेकर आस्था अपने रूम में आ गयी, सोफिया ने 3 ड्रैसेस भेजी थी और उनके साथ कि मैंचिग ज्यूलरी भी थी......! एक गाउन और दो घुटने तक की ड्रैस थी.....अब आस्था को देखना था कि क्या पहना जाए.....तीनो ड्रैसेस ट्राई करने कै बाद उसने नेवी ब्लू कलर की ड्रैस को फाइनल किया और उसके साथ सिर्फ कानों में इयररिंग्स पहनना काफी है सोच कर उस ड्रैस को अलग कर बाकी ड्रैसेस वापिस पैकेट में रख दी.......!! सोफिया के आने तक वो नहा कर तैयार हो गयी....कॉफी और सैंडविच खा कर उसने नाश्ता किया और एक मैगजीन ले कर बैठ गयी......सविता ताई ने दोपहर के लंच में कढी चावल बनाए थे......! 2:30 बजे घंटी बजी तो आस्था ने सोचा सोफिया आ गयी होगी....यही सोचते हुए गेट खुला तो सामने आदित्य खड़ा था। "तुम्हें क्या हुआ आदित्य? आज इस वक्त घर पर? तबियत तो ठीक है न तुम्हारी"? न जाने कितने सवाल आस्था ने एक साँस में पूछ लिए। " मुझे कुछ नहीं हुआ, सब ठीक है....
आज काम खास नहीं था तो हॉफ डे में आ गया......कई दिनों से मेरी बॉस डिनर डेट पर बुला रही थी तो मैंने कहा कि आज चला जाता हूँ, तो उसने इसी खुशी में मुझे जल्दी आने दिया.....अब शाम को मिलना है उससे एक क्लब में....... आदित्य ने सोफे पर बैठते हुए कहा......तब तक सविता उसके लिए पानी ले आयी तो आदित्य ने उसे लंच लाने के लिए कह दिया और खुद बाथरूम चला गया।
कुछ ही देर बाद सोफिया भी आ गयी तो सोफिया और आस्था ने भी पहले लंच किया फिर दोनों आस्था के रूम में चली गयीं.....! आस्था ने सोफिया को राजशेखर के बारे में सब बताया तो सोफिया भी हैरान हो गयी और अपनी बड़ी बड़ी आँखो को और बड़ा करते हुए बोली, आस्था तुम कितनी लकी हो? 2-2 इतने अच्छे लड़के तुम्हारे प्यार में हैं और तुम कंफ्यूज हो कि अपना दिल किस को दूँ कह कर वो ताली बजा कर हँसने लगी। बातों में टाइम कब बीत गया, पता ही नहीं चला......सोफिया ने आस्था की तैयार होने में हेल्प की फिर वो अपने घर चली गयी। उधर आदित्य भी तैयार हो रहा था अपनी बॉस के साथ डिनर करने जाने के लिए.....। दोनो तैयार हो कर बाहर हॉल में आए तो एक दूसरे को देखते रह गए.....आस्था को आदित्य बहुत हैंडसम लग रहा था और आदित्य को आस्था बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी।
"Wow....Aaditya you are looking very handsome". मैं तो हमेशा से ऐसे ही दिखता हूँ कभी शायद तुमने ही ध्यान नहीं ......! आदित्य ने अपनी टी शर्ट के कॉलर को ठीक करते हुए एटिट्यूड दिखाते हुए कहा......तो आस्था मुस्कुरा दी। तभी नचिकेत का फोन आस्था के फोन पर आया कि, "वो नीचे आ गया है तुम जल्दी नीचे आ जाओ"! अच्छा आदित्य मैं जाती हूँ, नीचे नचिकेत वेट कर रहा है....."तुम एंजाय करना अपनी डेट विद बॉस"! आस्था ने कहा तो आदित्य बोला, "तुम भी डिनर एंजाय करना अपने डायरेक्टर और उसकी बहन के साथ"!
आदित्य कहना तो चाहता था कि आस्था तुम बहुत सुंदर लग रही हो, पर कह नहीं पाया। शायद सच में प्यार हो जाए तो इजहार करना मुश्किल हो जाता है, सोच कर आदित्य मन मार कर रह गया और वो भी गाड़ी की चाबी ले चल दिया.....क्लब की तरफ।
क्रमश: