अब हर कोई वो नहीं बन सकता .
जो मेरे ख्यालों में है ,
जो एक दिन भी मुझसे बात ना हो तो
एक कप चाय पे रहे !!
जब मेरे नाराज़ होने पर मुझे मानेने के बजाये वो खुद गुससा हो ! उसके इंतजार में भी प्यार हो..!
स्टेम् पेपर जेसा उसका करार नामा हो...
खुदा जाने, आजकल का प्यार है या फीवर
ना जाने कब चढ़ता है, कब उतर जाता है
चंद मुलाकातों में ही बन जाते हैं
लैला-मजनू और फिर,
चंद रोज़ में ही, चेहरा भी इक-दूजे का नहीं भाता ..
पर,
शेर जैसी आवाज़ वाला वो
मेरे मुह फेर ने से भी डरे !
जिंदगी मैं कभी हो शके में बेवफा निकलू ..!
पर मुझे पता है वो आखिरी दम तक चाहेगा! सबको अपनी आवाज से चुप कराने वाला
वो मेरी चुप्पी से डरता हो.
बक बक करने वाला वो मेरी चूपी का वो दीवाना हो!
वो आलश से भरा मेरा मोटू हो !!
मेरे पास होने वक्त वो इधर-उधर
देखने से भी डरे !😁😁😁
हो - उसके 70-80 दोस्त फिर भी
उसकी हर खुशी मुझसे जूडी हो.
नादानी में रहता हो ,जीता वो हमेंसा शान से हो,
मुझसे कितना प्यार है वो शब्दों मैं ना बया कर पाये..
मेरा दोस्त फिर मेरा साथी हो
जीवनसाथी ना बने मेरा वो फिर भी
दोस्ती हमेशा कायम हो!
पूरी दुनिया में खोया रहने वाला वो
मेरे से सरु उसकी दुनिया हो..
टेंशन हो उस को आने वाले कल की
फिर वो , बड़े मजे में रहने वाला
मेरा राजा ओ का राजा हो..!
मुझे जिंदगी भर साथ देने का वादा उसका हो,
कहे बिन ही बहुत कुछ निभाए जाएं,..
मेरी नादानी से उसको प्यार हो
मेरे दिए हुए तोहफे बड़े प्यार से संभालता वो ,
उसकी जान मेरी हर मुस्कान मैं बसी हो.
दुसरी लड़कियों के बारे में बात करने में भी डरता वो
जीवन की किताब में मेरा ख़ूबसूरत सा वो हिसा हो
पूरी दुनिया गुमने के उसके अरमान हो
फिर भी मेरे साथ
आम रस और रोटी से , पेट भर जाए☺️
आने वाली हर परेशानी में मेरे साथ हो
शेर जेसी आवाज वाला..
मेरे साथ ऊंची आवाज में बात करने में भी गभराये..
उसके मिलने के बाद,
मुझे ये अहसास हुआ की
प्यार को प्यार ही रहने दो,
कोई नाम ना दो
प्रेम को केवल प्रेम रहने दो।
उसे कोई नाम न दो।
जब आप प्रेम को नाम देते हैं,
तब वह एक संबंध बन जाता है,
और संबंध प्रेम सीमित करता है।
आपमें और मुझमें प्रेम है।
बस, उसे रहने दीजिये। यदि आप प्रेम को भाई, बहन, माता, पिता, का नाम देते हैं,
तब आप उसे संबंध बना रहे हैं।
संबंध प्रेम को सीमित कर देता है।
स्वयं अपने साथ आपका क्या संबंध है?
क्या आप अपने भाई, पति, पत्नी या हैं?
प्रेम को प्रेम ही रहने दो।
उसे कोई नाम ना हमारा ये रिश्ता बेनाम सा होगा..!
पर ये हमें सा कायम रहे मेरा साया जेसा हो..
हमेसा मेरे साथ बिन कहे
प्यार नए युग के लोगो के द्वारा प्रयोग में
लाया जाने वाला शब्द है। ये जानती हूं में
फिर भी उसे पुकारना भी प्यार से भी ज्यादा लगता है
बस अब यही है कामना:
रहना है ,उसके दिल मैं
गल्ती से भी कोई गलती ना हो
और अगर हो जाए तो आपकी
मैडम जी को माफ़ कर देना...!!