Mere Mahiya - Trailer in Hindi Fiction Stories by Anjali Lingayat books and stories PDF | Mere Mahiya - Trailer

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Mere Mahiya - Trailer

इसका एक सीक्रेट है। यदि अपने धोखेबाज एक्सलोवर को छोड़ने के बाद सब कुछ प्लान के अनुसार होता है, तो वो ये एश्योर कर सकती है कि किसी को भी पता ना चले। प्यार को दूर रखने के लिए दृढ़ संकल्प, उसने खुद को बिना किसी वायर लाइफ के लिए रेजिग्नेशन दे दिया, लेकिन जैसे ही वो अपने नए प्रेमहीन रास्ते पर चल पड़ती है, उसके दिल की परीक्षा होती है - फिर से।
ईशा एक खूबसूरत युवा लड़की जो अपने अच्छे समय आयेगा जो खु़शी भरा होगा ये सपना था, लेकिन अद्विक मेहरा अन्य लड़कोओं की तरह नहीं हैं। लंबे समय में पहली बार, उसे कोई ऐसा मिला है जिसके बारे में वो सोचना बंद नहीं कर सकता और बेहतर जानने के लिए इंतजार नहीं कर सकता। एकमात्र समस्या ये है कि उसने अपने दिल के चारों ओर दीवारें बनाई हैं और कोई भी वादे या किसी प्यार के बिना अधूरी है, वो रोमांटिक रातें किसी भी लड़की के करीब आने के लिए माना नहीं।
रोहन जो अद्विक का दोस्त है उसने एक छोटा सेलिब्रेशन पार्टी रखी, क्यों की उसके कंपनी को अच्छा काम मिलने लगा है वो भी अद्विक के वजह से। अद्विक ने तब ईशा को देख उसके प्यार में पड़ गया।
अद्विक को पहली मुलाकात में ही ईशा पसंद थी, क्योंकि वो उसके साथ एक रात बिताना चाहता था। दर्द में ईशा काफी नशे में धुत हो गई और रोहन ने अद्विक को उसे संभालने के लिए कहा।
ईशा ने अद्विक को देखा और पूछा कि वो यहां क्या कर रहा है? अद्विक ने उसे अपने साथ चलने के लिए कहा। ईशा नज़रअंदाज करती है और कहती है, "अच्छा, तुम कौन हो? ओह...रोहन ने बताया कि... कि... वो नए दोस्त को इंट्रोड्यूस करवा रहा है, जो कि तुम हो! हम्म... दूर रहो हर कोई मुझसे नफरत करता है। कोई मुझसे प्यार या शादी नहीं करेगा… ओह… मैंने क्या कहा? खैर, मुझे डांस करना है।"
अद्विक ने उसे अपनी बाहों में उठाया और उसके कमरे में ले गया, उसने उसे उसके कमरे के दरवाजे के पास खड़ा कर दिया, उसने उसके पर्स में से चाबी ढूंढ ली और दरवाजा खोल दिया। ईशा कमरे में जाती है, और अद्विक को अंदर आने के लिए कहती है, और कहा की वो साथ में बातें करेंगे। अद्विक ने अपना सिर हिलाया ।
अद्विक और ईशा ने अपने दर्द और स्ट्रगल की बातें की, ईशा उसके पास आई और गले लगाकर रिलीव महसूस किया। अद्विक को ये सब अच्छा लगा की ईशा को उसका साथ अच्छा लग रहा है।
वो दोनो ने वो रात एक साथ बिताई, वो भी एक हसनी रोमांटिक पल के साथ। ईशा जब नींद से उठी तो एक नोट जो गुलाब के साथ बिस्तर के पास एक टेबल पर रखा हुआ था वो पढ़कर खुश हुई। अद्विक ने उसे खोजने को कहा वो भी बिना किसी की मदत से।

अद्विक और ईशा अपनी जरूरत और जरूरत के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं, वे खुद को अपने अतीत के लोगों के खिलाफ पाते हैं और सच्चाई का सामना करने के लिए मजबूर हो जाते है, चाहे कुछ भी हो क्यों ना।

अद्विक कोइ बात चुपा राहा था ईशा से पता नहीं क्यों ?

क्या उनका रिश्ता इतना मजबूत है कि उनके सामने जीवन की बाधाओं से बच सके?

क्या दोनों याने अद्विक और ईशा एक हो पायेंगे ?