Hotel Haunted - 20 in Hindi Horror Stories by Prem Rathod books and stories PDF | हॉंटेल होन्टेड - भाग - 20

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हॉंटेल होन्टेड - भाग - 20

जयदीप के बारे में जानकर उसकी आंखों में खून उतर आता है, उसे अपने गुस्से पर कंट्रोल नहीं रहता। वह मिस्टर पाटिल को जल्द से जल्द जयदीप को पकड़ने के लिए कहता है। वह सभी लोग अभी बातें कर ही रहे थे कि तभी एक स्टाफ बॉय दौड़ते हुए कमरे के अंदर आता है और निकुंज की ओर देखते हुए कहता है 'सर वह पीछे जंगल में जयदीप की लाश मिली है।'

उसकी बात सुनकर सभी लोगों को एक ओर झटका मिलता है क्योंकि रिया की मौत के बाद जयदीप के बारे में जानकर इंस्पेक्टर पाटिल को आगे इन्वेस्टिगेशन करने के लिए यह एक अच्छा सुराग मिला था। पर जयदीप की मौत की बातने फिर से उन्हें सोच में डाल दिया था। उन्हें ऐसा लगा जैसे जहां से शुरुआत की थी वापस वहीं पर आकर रुक गए हैं। पाटिल ने फोन करके अपनी इन्वेस्टिगेशन टीम को जगदीप की बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के लिए कह देता है।

सभी लोग सीसीटीवी रूम से बाहर हॉल में आकर खड़े हुए थे। तभी निकुंज स्टाफ बॉय को अपने पास बुला कर उससे कहता है 'देखो यह जयदीप की मौत वाली बात किसी को पता नहीं चलना चाहिए,क्योंकि अगर यह बात सबको पता चल गई तो सब लोग बेवजह डर जाएंगे' निकुंज की बात सुनकर वह स्टाफ बॉय अपनी गर्दन बस हां मैं हिला देता है।

निकुंज और राज नीचे हॉल में खड़े थे कि तभी वहां पर अंकिता आ जाती है।इन सभी भाग दौड़ में मनीष अंकिता से सुबह से नहीं मिला था। मनीष अंकिता से गले मिलते हुए कहता है 'तुम ठीक तो हो ना अंकिता, तुम्हें कोई प्रॉब्लम तो नहीं हुई ना?'
'हां मनीष मैं बिल्कुल ठीक हूं मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हुई।' वह मनीष से अलग होती है और राज के पास जाते हुए कहती है 'राज मुझे रिया के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ, पर अचानक यह सब कैसे हो गया?तुम्हें कुछ पता चला?'

राज अंकिता की ओर देखते हुए कहता है 'अब होनी को कौन टाल सकता है? कल तक रिया मेरे पास मेरे साथ थी और आज अचानक वो एक बेजान लाश पड़ी हुई है, पुलिस इन्वेस्टिगेशन कर रही है पर अभी तक कुछ पता नहीं चला है।' वह पाटिल की ओर देखते हुए कहता हैं 'सर बस अब बहुत हो गया मुझे नहीं जानना कि रिया के साथ क्या हुआ और किसने किया मुझे बस रिया भी दीजिए, मैं जल्द से जल्द अपने शहर वापस चले जाना चाहता हूं।'

पाटिल राज से कहता है 'मैं ऐसा नहीं कर सकता मिस्टर राज क्योंकि पोस्टमार्टम अभी तक कंप्लीट नहीं हुआ है और कातिल के बारे में भी हमें कोई सबूत नहीं मिला है, तो मैं केस बंद भी नहीं कर सकता।'
'मैं यह सब कुछ नहीं जानता सर, मुझे जल्द से जल्द मेरी रिया दे दीजिए और मुझे यहां से जाने दीजिए। रही केस की बात तो मैं केस वापस ले लेता हूं,तब तो आपको कोई प्रॉब्लम नहीं होगी ना?' इतना कहते हुए राज की आखें नम हो जाती है।

राज की क्या बात सुनकर पीछे खड़ा हुआ राजीव मन ही मन खुश हो रहा था क्योंकि इस बात को दबाने के लिए इस बार उसे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। वह सोच रहा था कि 'इंसान पता नहीं दर्द और पीड़ा में क्या कुछ कर जाता है जो उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा।कुछ तकलीफ और दर्द इंसान को पूरी तरह बेबस और लाचार बना देती है।'

राजीव अपने मन में बहुत खुश हो रहा था ,पर उसे क्या पता था की जिस खेल की शुरुआत हुई थी,उस खेल का तो सिर्फ यह पहला हिस्सा था। अभी आगे की चाले चलनी तो अधूरी थी और वह सिर्फ एक प्यादे के अलावा और कुछ नहीं था।।खेल तो कोई और ही खेल रहा था, जिस तक वह कभी पहुंच नहीं सकता था।


होल मैं अभी कुछ लोग और स्टाफ बॉयज खड़े हुए थे कि तभी गार्डन की ओर से कुछ लोगों के चीखने की आवाज आती है। यह आवाज इतनी तेज थी कि वह हॉल तक सुनाई देती है और वहां खड़े सभी लोग डर जाते हैं। वह सब दौड़ते हुए पीछे गार्डन की ओर पहुंचते हैं ,वहां पहुंच कर देखते हैं तो पता चलता है कि वहां पर एक स्टाफ बॉय की लाश पड़ी हुई थी,सभी लोग उस लाश को घेर कर खड़े हुए थे, पाटिल उन सबको साइड में करते हुए सभी को दूर रहने के लिए कहता है।

निकुंज उस स्टाफ बॉय को पहचान जाता है।यह वही था जिसकी जान जयदीप ने ली थी, पर उसकी लाश अचानक यहां कैसे आ गई या उसे समझ नहीं आ रहा था। तभी राज आगे आते हुए कहता है 'शायद उन सभी लोगों का कहना सही था,इस जगह पर सच में कोई आत्मा है क्योंकि पहले मेरी पत्नी रिया, उसके बाद जयदीप और अब यह, यहां से जल्द से जल्द निकल जाना ही हमारे लिए अच्छा होगा।' वहां खड़े सभी लोग राज की बात सुनकर डर जाते हैं।

जिन बातों को राजीव छुपाने की कोशिश कर रहा था। वह इस तरह से सामने आ जाएगी उसने कभी सोचा भी नहीं था। राज की बात सुन कर वहां खड़े सभी लोग उसकी बात में हामी भरने लगते हैं। निकुंज को पता था कि अब सभी लोग नहीं मानने वाले पर फिर भी वह एक कोशिश करते हुए कहता है 'सभी लोग शांत हो जाइए अभी तक जो हादसे या मौत हुई है वह सभी उस जंगल में हुई है तो आप सभी लोग यहां पर सुरक्षित है।'

वहां खड़े सभी लोगों में से एक आदमी कहता है 'आप अपने सामने पड़ी हुई लाश को देखते हुए भी ऐसा कह रहे हैं।'
'मैं ठीक कह रहा हूं, यह भी जयदीप के साथ 2 दिन पहले उस जंगल में गया था तब से यह गायब था।शायद कोई जंगली जानवर ने इन सभी को मारा है।' तभी भीड़ में से एक लड़की आगे आते हुए कहती हैं 'तो फिर आज अचानक उसकी लाश यहां कैसे आ गई?' उसकी बात सुनकर निकुंज चुप हो जाता है क्योंकि उसके पास इस बात का कोई जवाब नहीं था। वह निकुंज की ओर देखते हुए कहते हैं 'हमें माफ कीजिए सर हमें घूमने से ज्यादा हमारी जिंदगी प्यारी है।'

धीरे धीरे सभी लोग वहां से चले जाते हैं और कुछ कपल्स तो उस रात ही होटल को छोड़कर अपने घर की ओर निकल पड़ते हैं। अब कोई भी वहां एक रात भी रुकना नहीं चाहता था कि तभी एक लड़की चलती हुई होटल के अंदर आती है। उसने ब्लू कलर की जींस पहनी थी, उसके बाल खुले हुए थे और हाथों में बैग लिए हुए रिसेप्शन पर आकर कहती है 'मुझे 1 वीक के लिए रूम चाहिए।'


To be continued.....