Adhura prem in Hindi Love Stories by Dakshal Kumar Vyas books and stories PDF | अधुरा प्रेम

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अधुरा प्रेम

गांव कि सबसे सुंदर लड़की जिस पर में पहली कक्षा से ही मोहित था कभी उसे बोला नहीं ,,,,, 

 

विद्यालय जाने का एक यह भी महत्वपूर्ण उद्देश्य था की सुनीता मिल जाए वैसे नहीं मतलब दर्शन हो जाए,,,,,  ,,,,, ,,,, ,,,, ,,,,, 

 

उस ने कभी मेरी तरफ देखा भी नहीं रोज़ जाता उसे देखता और वापस आ जाता हां वो मुझ से दो कक्षा आगे भी थी कभी कभी माता पिता के सामने दिदी भी बोलना पड़ता था।

 

डर जो था माता पिता का आज तो वो मार भी कहां जो पहले पड़ती थी ऊ ऊ ऊ ,,,,,,,,,,, स्कूल में भी बड़ी जोर से पड़ती थी।

 

हालाकि सुनीता पढ़ने में भी और खेलने में भी मुझ से आगे थी और वो सभी प्यारी थी में रोज़ मार खाता था और उसे रोज़ स्टेज पर सम्मानित किया जाता था।

 

,,,,,,,, इसलिए कभी बोला भी नहीं की में उससे प्यार करता हु हां एक बार प्रेम पत्र लिखा था और वो पत्र sir के हाथ लग गया पर कोई बड़ा माहोल नहीं हुआ क्योंकि सुनीता तो मुझ से दो वर्ष बड़ी थी इस लिए किसी ने भी इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, उस दिन बच गया था..........।

 

ओर सुनीता की भारहवी हो गई वह शहर चली गई..................................... शहर , , , मेने कभी सोचा ही नहीं मेने तुरंत उठ कर मोबाइल फोन उठाया और सोशल मीडिया पर खोज शुरू कर दि।,.................

 

Sunita Sunita Sunita Sunita बहुत खोज के बाद उस का पता मिल ही गया ,,,,,,,,,,,,,,,,, में खुश था ..

 

पहले तो मेने उसे फॉलो कर दिया पूरी रात मोबाइल देख देख कर निकल गई की कब वो मुझे फॉल बैक दे पर कोई नोटिफिकेशन नहीं,,,,,,,,  

 

सुबह सुबह उसने मुझे फॉलो बैक दे दिया में उछाल पड़ा और तुरंत ही वापस उस का मैसेज आया की hello में में में में कुछ बोल ना पाया और फिर मेने हाय लिख कर send कर दिया।

 

सामने से मैसेज आया की कहा हो आज कल मेने बताया और बताते ही मैसेज आया की कॉफी पीने आओगे में केसे माना कर सकता था मेने जल्दी से हां करा और उसने एड्रेस बताया और कहां की शाम को 6 बजे ,,,,,,,, आज का क्या दिन है मेने सुबह ही अपने कपड़े तैयार कर दिए।

 

खाना खाते खाते सोचा की उस की शादी तो नहीं हुई होगी अब कैसी लगती होगी काफी सवाल मेरे मन में आए। बिना किसी देरी के सुनीता के लिए एक प्यारा सा पौधा गिफ्ट के लिए लिया .. हा में सभी कोई को पौधे ही देता हु गिफ्ट में।

 

जिस घड़ी का इंतजार था वो घड़ी आ गई में बाजार में उसी कॉफी शॉप पर चला गया अभी 5 बज के 55 मिनट हो रहें है मुझे किसी भी कम के लिए टाइम पर जाना पसंद है ओर सभी के जीवन में ये समय बाध्यता होनी ही चाहिए।

 

6 बज चुके थे और सुनीता आ गई है बहुत सुंदर और वैसी ही भोली लग रही थी दिल मानो सुन्न हो गया हो उसे देखते ही और तो और वह साड़ी पहन कर आई थी खुल्ले बाल और माथे पर छोटी सी बिंदी और इन सब पर उस की प्यारी सी मुस्कान हहह म,,,,,,,,,,,, 

 

वह मेरे सामने कुर्सी पर आकर बैठ गई मेरी हिम्मत तो आज भी नहीं हुई की बात कर लू पर बात तो उसी ने ही शुरू कर दी 

 

सुनीता:- केसे हो 

 

मैं:- हा हां नही थोड़ा रुक कर फिर अच्छा हूं ,,,,, आप नही तुम आ अ ऊ तुम कैसी हों

 

सुनीता:- में में तो बहुत ही बड़ियां हूं .. कैसा चल रहा है जीवन और क्या करते हो 

 

मैं:- सवाल का जवाब देता हुआ मेने एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन करी है और अभी खेती कर रहा हूं

 

सुनीता वा वा ये तो बहुत ही अच्छा है

 

मैं :-\मेने आज तक मेरे इस काम के लिए तारीफ नहीं सुनी फिर दिल में सुनीता के लिए प्रेम और भी बढ़ गया 

 

मैं: तुम क्या करती हो और शादी हो गई 

 

सुनीता :- थोड़ी हस कर बुद्धू तुम्हे में इतनी बूढी लग रही हूं की शादी करी हुई लग रही हूं हां अभी में devolpment sector me काम कर रही हूं 

 

कॉफी खत्म ,,,,,, सुनीता ने उस का कार्ड देते हुए बोली की कॉल में ......  मुझे अभी काम है i have to go

 

मैने उसे बोला की कल शाम को चाय मेरे घर पर ........ उसने बोला कि सोचती हूं और मुस्करा कर चल दि

 

पूरी रात उसी की मुस्कराहट ही सपनों आई बस नींद इतने दिनो बाद और इतनी प्यारी आई सुबह घर को पूरा साफ करके और व्यवस्थित करा फिर सुनीता का फोन आया कि कहां रहते हो। मेने अपना पता send किया आज तो दिल बड़ी जोर से धड़क रहा है उसी समय दवाजा बजा सुनीता के बेल बजने से पहले ही गेट खोल दिया आज सुनीता का रूप काफी ऊर्जा वान दिख रहा है और उस के भीगे काले बाल और वही पानी उस साड़ी को भीगती हुई शरीर से चिपक गई 

 

,, बाहर वर्षा नही पर हल्की बूंदे पड़ रही थी फिर मेने जल्दी से सुनीता को टावेल दे कर उसे रूम की ओर इशारा किया

 

मेने तब तक चाय बना ली फिर हम दोनो ने खूब गप्पे लड़ाए मुझे ये दिन हमेशा खुसिया देंगे।

 

सुनीता से अब शादी करने की तमन्ना थी और क्या था मेने मोबाइल उठाया और अपने दिल का हल लिख दिया 

 

जिस दिन से तुम्हे देखा तब से किसी और के बारे में सोचा भी नहीं मेने तुम्हारी चाहत में मरने का ख्याल नही है बस तुम्हें देख पूरा जीवन निकल लूंगा बस ...... मैं तुमसे प्यार करता हूं।

 

 

 

 

मेने फोन रख दिया और दिल की धड़कन जोरो से धड़कने लगी और कुछ दिखाई नहीं दे रहा है क्योंकि आज से पहले कभी मेने ऐसा कुछ नहीं किया ।

 

में थोड़ा डर के मारे किसी काम में मन नहीं लग रहा था बिलकुल पागल सा होगया और उसने मैसेज देखा और कोई रिप्लाय नहीं दिया ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, पसीने से पूरे कपड़े गीले हो गए 

 

वो क्या सोच रही होगी क्या करूं ये सारे सवाल उठ रहे हैं,,,,,,,,,,,,,,, 

 

पूरा दिन निकल गया रात को फोन आया सुनीता का।,,,