Golu Bhaga Ghar se - 9 in Hindi Children Stories by Prakash Manu books and stories PDF | गोलू भागा घर से - 9

Featured Books
  • The Devil (2025) - Comprehensive Explanation Analysis

     The Devil 11 दिसंबर 2025 को रिलीज़ हुई एक कन्नड़-भाषा की पॉ...

  • बेमिसाल यारी

    बेमिसाल यारी लेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००१गाँव...

  • दिल का रिश्ता - 2

    (Raj & Anushka)बारिश थम चुकी थी,लेकिन उनके दिलों की कशिश अभी...

  • Shadows Of Love - 15

    माँ ने दोनों को देखा और मुस्कुरा कर कहा—“करन बेटा, सच्ची मोह...

  • उड़ान (1)

    तीस साल की दिव्या, श्वेत साड़ी में लिपटी एक ऐसी लड़की, जिसके क...

Categories
Share

गोलू भागा घर से - 9

9

दुखी गोलू

कीमतीलाल होटल वाले के इनकार ने सचमुच गोलू का मन बहुत दुखी कर दिया था। क्या अब वह किसी लायक नहीं? जूठे बर्तन माँजने लायक भी नहीं?

उसके मन की आखिरी उम्मीद भी अब टूटने लगी थी। ऐसे भला कब तक जिंदा रहेगा वह? घर से कोई डेढ़ सौ रुपए लेकर चला था, जिनमें पचास रुपए तो पिछले तीन-चार दिनों में खर्च ही हो गए। ऐसे तो धीरे-धीरे कुछ नहीं रहेगा उसके पास और उसे वापस घर की ओर रुख करना पड़ेगा। इस हालत में घर लौटना कितना खराब लगेगा। सोचकर गोलू की आँखें गीली हो आईं। उसका स्वाभिमान बार-बार कह रहा था, ‘कुछ भी हो, दिल्ली में काम तो खोजना ही है। टिकना यहीं है।’

इस हालत में घर लौटने का मतलब तो है सबकी उपेक्षा, उपहास और व्यंग्यभरी नजरों का सामना करना। क्या वह कर सकेगा ऐसा? सोचकर उसके मन में सिहरन-सी होने लगी।

नहीं, नहीं, नहीं...! वह कोई भी, किसी भी तरह का छोटा-मोटा काम कर लेगा, पर...वापस नहीं लौटेगा। वापस हरगिज नहीं लौटेगा।

तो फिर कुलीगीरी ही क्या बुरी है गोलू!

कुली...? कहते-कहते जैसे वह खुद ही चौंका।

हाँ, क्या बुरा है? कोई भी काम आखिर तो काम है! लेकिन...फिर घर के हालात, घर की इज्जत और प्रतिष्ठा की बात उसे याद आ आई। उसके पापा को यह पता चलेगा कि गोलू अब दिल्ली में कुलीगीरी कर रहा है, तो उन पर क्या बीतेगी?