Wo Ankahi Baate - 36 in Hindi Fiction Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | वो अनकही बातें - 36 (अंतिम भाग)

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वो अनकही बातें - 36 (अंतिम भाग)

समय कहा रूका रहता है आज दानी पांच साल की हो गई है ‌और वो डोन बास्को में पढ़ती है। दानी बहुत ही चंचल मन वाली लड़की है अपने पापा की जान है प्यार से समीर को पाॅप बुलाती है। पढ़ाई खेल कूद सब में आगे रहती है हमारी दानी।
शालू को किसी भी चीज के लिए दानी को कहना नहीं पड़ता। पांच साल की लड़की सबकी नानी बन जाती है। शालू ने फिर से आफिस भी जोय्न कर लिया है।
दानी स्कूल से आते ही विनय काका को देखने में लगी रहती है ‌विनय काका अब बुढ़े हो गए हैं तो अब एक नया शेफ कुणाल आया है। दानी ने कहा कुणाल चाचू जल्दी से दादू के लिए हल्दी वाला दूध लाओ। कुणाल ने कहा हां अभी लाया । फिर दानी ने विनय काका को दूध पिला दिया और साथ में एक दवा भी।

अब क्या करें डाक्टर के साथ रह कर दानी भी डाक्टर बन गई है।आप सबको लगता होगा कि एक पांच साल की लड़की को क्या पता?पर जनाब हमारी दानी को सब कुछ उसके पोप ने सिखाया है।
दानी ने कहा अरे बाबा अब आंखें तो बन्द करो। फिर मैं जाऊंगी खाना खाने। विनय काका ने कहा हां ठीक है बिटिया अब जा ।

फिर जब काका सो गए तो दानी धीरे धीरे कमरे से बाहर आ गई।
कुणाल ने कहा दानी खाना खा लो। दानी ने कहा हां चाचू दे दो। फिर दानी आराम से खाना खाने लगी।

उसके बाद ऊपर अपने कमरे में जाकर सो गई। समीर ने अपने रूम के बाद वाले रूम को दानी का रूम बना दिया था। दानी को वो हर तहजीब, अच्छी आदतें सब कुछ समीर ने समय समय पर सिखाया था इसलिए दानी इतनी समझदार बन गई है।
शालू शाम को छह बजे तक घर पहुंच जाती है। फिर फेश् होने के बाद दानी के रूम में देखा तो दानी अपनी स्कूल की पढ़ाई कर रही है। शालू ने मन में कहा इस चीज के लिए मैं भगवान को सत् सत् नमन करती हुं।
दानी के घर आने के बाद उसके पापा उसे फोन करके सब चीज पुछ लेते हैं। कुछ देर बाद समीर भी आ गए। फिर दोनों एक-दूसरे के साथ बैठ कर चाय पीने लगे।

फिर दानी अपनी आंख मलते हुए अपने पापा की गोद में बैठ गई। समीर ने कहा ओह मेरी गुड़िया उठ गई क्या। आज तो काका को भी सम्हाल लिया मेरी गुड़िया ने।। मैं अब निश्चित हो कर जा सकता हूं। शालू ने सुनते ही कहा कि कहां जाना है सोमू हमारे बिना? समीर ने कहा ओह मैं तुम लोगों को बताने वाला था पर नहीं बता सका। शालू ने कहा अब पहेलियां मत बुझाओ क्या बात है? समीर ने कहा वो मुझे एक साल के लिए अमेरिका जाना होगा। दानी सुनने ही रोने लगी और फिर बोली नहीं पापा आप कहीं भी नहीं जाओगे। समीर ने कहा अरे बाबा जाना होगा बहुत जरूरी काम है। शालू गुस्से से देखने लगी और फिर बोली ऐसा क्या जरूरत है तुम तो कभी हम दोनों को छोड़ कर नहीं जाते हो पर ये कैसे? समीर ने कहा अरे बाबा मैं बताने वाला था किसी और को जाना था पर मुझे जाना पड़ेगा।
शालू ने कहा ये बहुत ग़लत बात है मुझे लगता है कि तुम कुछ छुपा रहे हो। समीर ने कहा नहीं बाबा तुम भी ना।। अच्छा चलो चाय पी लें। शालू ने कहा जाना कब होगा। समीर ने कहा इस महीने की २५तारिख को। शालू ने कहा ओह माई गॉड सोमू ऐसा कैसे कर सकते हो। समीर ने कहा अरे बाबा मैंने क्या किया ऐसा। एक साल की बात है। शालू ने कहा आज तक कभी मुझे अकेले छोड़ कर नहीं गए तो पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा है कि कुछ छुपा रहे हो। समीर ने कहा अरे बाबा शालू तुम भी ना देखो दानी कितनी समझदार है।

शालू ने कहा हां ठीक है फिर शालू ऊपर चली गई। समीर ने कहा ओह।। दानी को गोद ले लिया और फिर दानी बोली कि पापा जाना जरूरी है क्या? समीर ने कहा हां बाबा। दानी ने कहा ओके पापा आप जाओ मां को मैं सम्हाल लूंगी। समीर ने कहा एस मेरी गुड़िया।
फिर दोनों ऊपर बेडरूम में आकर देखा तो शालू एक दम खामोश हो गई थी। समीर ने कहा अरे शालू तुम ऐसा कर रही हो जैसे मैं हमेशा के लिए जा रहा हुं। शालू ने कहा अच्छा ठीक है एक बार मेरी आंखों में देख कर कहो। समीर ने कहा ये कैसा पागल पन है। शालू ने कहा हां वही तो मुझे तुम्हारे अनकही बातें समझ आ रही है कुछ है जो तुम छुपा रहे हो। एक रात मैं ने तुमको फोन पर बात करते हुए देखा था उसके बाद से मैं तुमको नोटिस कर रही हूं। समीर ने कहा अरे बाबा शालू ऐसा कुछ भी नहीं है यार।। समीर ने कहा चलो डिनर कर ले। शालू ने कहा हां तुम लोग जाओ मैं आती हूं। शालू सोचने लगी कि ऐसा क्यों किया सोमू ने सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक एक साल के लिए अमेरिका जा रहा है। मैं एक पल भी उसके बिना नहीं रह सकतीं हुं। ये नहीं समझता है। शालू रोने लगी। फिर कुछ देर बाद नीचे पहुंच गई।सोमू ने रोज की तरह आज भी अपने प्लेट से निवाला तोड कर शालू को खिलाने लगा पर शालू ने कहा अब आदत बदल लो। कुणाल एक प्लेट लाओ मेरे लिए। समीर ने थोड़ा सा मुंह बनाकर खुद खाने लगा। शालू भी अपने प्लेट से खाने लगी। पहली बार शायद आज टेबल पर एक दम सन्नाटा था।।
फिर खाना खा कर सोने चले गए। समीर ने कहा शालू आज तुमने अच्छा नहीं किया। शालू ने कहा ओह अच्छा और तुम जो कर रहे हो उसका क्या। कोई बात है तो अनकही बातें बन कर न रह जाए बता दो।। समीर ने कहा तुमसे तो बात करना बेकार है। तीनों ही सो गए। समीर जल्दी उठकर तैयार हो कर निकल गए।
शालू जब उठी तो देखा समीर नहीं था अरे ऐसा कैसे कर सकता है समीर आज तक कभी ऐसा नहीं किया।

फिर इसी तरह दिन निकलते गए।इन दिनों समीर और शालू में काफी दूरी आ गई थी। दोनों एक दूसरे से इतना प्यार करते हैं पर अचानक क्या हो गया।
आज समीर अमेरिका जा रहें हैं। दानी बहुत रो रही थी।सारी पैकिंग पुरी हो गई थी। शालू ने कहा बस एक बार कह देते जो दिल में है। ऐसा क्या हो गया समीर इतने बरसों बाद तुमने मेरे साथ ऐसा किया। समीर ने कहा शालू अपना ख्याल रखना मैं आकर सब बताता हूं। शालू की आंखें नम हो गई थी वो समझ गई कि समीर के अन्दर वो अनकही बातें हैं जो वो बता पा रहा है। फिर समीर दानी को गोद ले कर बहुत प्यार करता है और फिर बाहर ओर निकल जाता है।
शालू और दानी अकेले रह जाते हैं इस इन्तजार में एक साल बाद सोमू लौट कर आएगा और अपने साथ क्या लाएगा।

दोस्तों ये प्यार भरी कहानी को आगे जानने के लिए मैं लेकर आऊंगी। फिर से वो अनकही बातें सीजन 2।।आप लोगों से फिर बहुत जल्दी मिलूंगी। नमस्कार 🙏।


समाप्त