Technical life in Hindi Motivational Stories by Rekha k books and stories PDF | तकनीकी जिन्दगी

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तकनीकी जिन्दगी

मेरा नाम सावित्री है ,मेरी उम्र करीबन 45 वर्ष के बीच की है। मै मध्यम वर्ग परिवार से हूँ।

कोरोना काल से पहले मै एक घर में नौकरानी का काम करती थी। सब कुछ अच्छा चल रहा था। परन्तु देश में फैली इस महामारी ने सभी के जीवन में उथल पुथल मचा कर रख दी। सभी को इस महामारी ने अपना निशाना बनाया। लॉकडाउन के रहते सभी लोग अपने घर में ही कैदी बन गए। मेरा भी काम काज छूट गया। और मेरे जैसे और ना जाने कितनी सावित्री का काम पर जाना छूट गया ,मैने ज्यादा पढ़ाई लिखाई भी नहीं की थी। बस 10 वी कक्षा तक ही मैने पढ़ाई की थी। घर से बाहर नहीं जा सकती थी | .धीरे धीरे घर का राशन भी खत्म हो रहा था ,मेरी चिन्ता बढ़ने लगी। क्या करु कुछ समझ में नहीं आ रहा था। वही घर के ठीक सामने एक लेडिज जो शर्मा जी की पत्नी है। उनकी उम्र करीबन 50 के करीब होगी। उन के दो बेटे है। पर वह बाहर रहते है। शर्मा जी के गुजर जाने के बाद वह अब अकेली घर पर रहती है। वह अपना सारा घर का समान जैसे बिजली ,पानी सिलेंडर ,केबल टीवी का बिल अपने मोबाइल पर नई तकनीक की सहायता से सभी बिल का भुकतान करती है .वह मोबाइल की तकनीक सहायता से यूट्यूब पर बढ़िया बढ़िया फ़िल्म और स्वस्थ से संबधित वीडियो देखती है और वह अपनी मन पसंदी गाने सुना करती है । फेसबुक आई डी भी है। वह वीडियो चैट कर अपने बच्चो से तस्वीरें देख कर बाते करती है सुबह सुबह वह योगा वीडियो देख कर योगा करती है यह सब देख मेरे मन में भी मोबाइल तकनीक को सीखने की इच्छा हुई। परन्तु यह सब कैसे सम्भव हो। यह सोचने लगी। लेकिन ये सब करने के लिए इंटरनेट की बुनियादी जानकारी होना जरूरी है. फिर मैने अपने बेटे से बोला की तुम मुझे ये इंरटरनेट के बारे में सीखो गे क्या? वह अभी 12 साल का है। उसे मोबाइल कैसे इस्तमाल करते है सब पता है।उसने बताया कि इंटरनेट बहुत सारी जानकारी से भरा पड़ा। बस अपको क्या चाहिये। ये पता होना चाहिये। आज जितनी इसकी जरुरत इस युवा पीढ़ी के लिए है। अब उतनी ही जरुरत बुजुर्गो के लिये भी होने लगी है कई बार उम्र का दौर पार हो जाने पर हम नई चीजों को सिखते समझते हुये हम लोग बहुत ज्यादा खीझने लगते है। क्योंकि हम नये जमाने में जी तो रहे है परन्तु अपनाने में थोड़ा सा सोचते है। और यही सोच हमे इसकी आदि नहीं होने देती है। मुझे केवल फोन करना आता था। घीरे -घीरे मैने फोन पर मैसेज करना सीखा फिर मै ने स्मार्ट फोन पर उंगलिया चलाना सीखा थोड़ा वक्त तो मुझे लगा पर मानो बहुत काम की चीज है। बेटा ,बोला माँ अब तक तुमने मुझे सिखाया है अब मेरी बारी है. तुम्हे सीखने की और फिर वह हसते हुए बोला। खीझने की जरूरत नहीं |एक बार में तो तुम सब कुछ नहीं सीख पाओगी। थोड़ा थोड़ा सीखते है। जब किसी एक साइट को चलाने का अभ्यास हो जाए तब दूसरा कुछ सीखेंगे। हमे सीधी सच्ची जिन्दगी में इंटरनेट में होने वाले फ्रॉड के बारे में भी सिखना और पता होना बहुत जरूरी है मोबाइल में इंटरनेट किस तरह काम करता है। सिखना इतना भी मुश्किल नहीं है। थोडा सा समय दो सिखने के लिए और देखोगे कि किस तरह आपकी जिन्दगी बदल जाती है ,आपके सोच भी बदल जाती है जरूरत पड़ने पर यह एक जादू की झड़ी बन जाती है। जो चाहो वो सब मिल जाता है वो भी घर बैठे बिना किसे दिकक्त के। सच में अब मेरी सारी समस्या हल हो गई है अब मै मोबाइल की नई तकनीक से सारा घर का समान बिजली बिल पानी का बिल घर का राशन आदि सभी को घर बैठे अपने स्मार्ट फोन से मंगवा लेती हूँ ,सभी बिल का भुक्तान अपने मोबाइल से करती हूँ। मोबाइल पर इंटरनेट सम्ब्न्धी काम ऐसे धड़ल्ले के साथ करती हूँ कि नई उम्र के लोग शरमा जाएं।

समाप्त

रेखा चौहान की कलम से