Is childhood alive now? - 2 in Hindi Motivational Stories by Heena_Pathan books and stories PDF | क्या बचपन अब ज़िंदा है? - 2

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क्या बचपन अब ज़िंदा है? - 2

अब तक आपने देखा एक युवक उस मासूम के पास आता है और उसकी ग़रीबी का वीडियो बनाता है ! उस मासूम का मजाक बना कर और उस का वीडियो बना के वोह चला जाता है ! वह मासूम सोचता है कि शायद यह भईया कुछ देते नहीं पर गुबारा ही खरीद लेते ! उसका दोस्त वहा आता है ! वाह तू तो हीरो हो गया कैसे हा फोटो तो उसका लिया जाता है जो हीरो हो अच्छा कैसे मे हुआ है मैने देखा है! उसे फिर वह दीदी दीदी कर के पास आता है ! दीदी यह खरीद लोना आप वह लड़की उसे कहती है हा मे यह खरीदुग और तुम्हारे लिए में कुछ लेकर आई हूं मैने देखा तुम्हे कब से तुम्हे ही देख रही हूं कि क्या करू मे तुम्हारे लिए ! यह खरीद लो अच्छा कितने का दिया यह 10₹ अच्छा लाओ! और आओ मेरे साथ यहां अंदर तुम्हे भूख लगी है ना हा दीदी ! पर वहा मालिक मुझे मारेगा अभी मे गया था तो उठा के बहार फैक दिया!


आओ लो यह मास्क पहनो दीदी यह पहने से क्या होगा ! चलो आया मे एक मिनट मेरे दोस्त को ले लूं साथ ! हा क्यू नहीं आओ दोनों मास्क पहनो ! और उस कैफे मे गया बच्चा तो उसे देख वेटर आया पास और लड़की ने उस के हाथ को पकड़ के उसे कुर्सी पर बैठा दिया और पूछा क्या खाना है आपको ! अच्छा मे पिज़्ज़ा खाओगे उसे पेट भर जाएगा ! या कुछ और भी अच्छा यह क्या होता है? उस मैनेजर ने उस लड़की के पास आता है मैडम आप यह क्या कर रही है ! मेरे कस्टमर नही आयेंगे इनको देख कर ! देखो भाईसाब जिसे आना होगा वह आएगा और यह भी यह खाने आया है ना कि भीख मांगने आपसे ! और जो ऑर्डर दिया वह जल्दी लेकर आओ मुझे दूसरे भी काम है ! वह बड़बड़ाते हुई किचन कि तरफ गया !

वेटर लेकर आता है और वह लड़की उसे कहती है मैनेजर को बुलाओ ! क्या हुआ मैडम बुलाओ ! मैनेजर आता है क्या हुआ अब देखिए यह भी इंसान है कोई चोर नहीं जो आपकी चीज़ चुराए बस दो वक्त का खाना दे।दिया करो कस्टमर आयेंगे आपके खुद हीं ! अरे मैडम ज्ञान मत दिजिए यह तो आदत है इनकी आदत बना लेंगे फिर ! देखो भाई साहब यह मासूम है इसकी कहा कुछ गलती तो हमारे समाज कि है जो ऐसे छोड़ देते है इन मासूम को बेसहारा और उन लोगो को जो इन्हे खराब समजते है ! आप का अगर बेटा ऐसे करता तो आप भी चाहते है तो ! ऐसे बच्चो कि मदद करे उन्हे किसी बाल विकाश मे दो ताकि वह पढ़ पाए ! गलती समाज कि है उनकी सोचकी ! मैनेजर को शर्मिंदगी हुई और उसे उसके लिए भावना जागी और उसे बोला मुझे माफ़ कर दो !

बच्चे ने बोला साहब आप क्यू बोल रहे हो ऐसा ! चलो अब हमे चलना चाहिए ! वह बचा खाते हुए बोला दीदी पेट भर गया ! और यह बचा हुए में ले सकता हूं ! हा क्यू नहीं तुम्हारा ही है ! बचे हुए सैंडविच और पिज़्ज़ा को लेकर वह इतने खुश हुई मानो कोई कुबेर का खजाना मिल गया हो !

उस बच्चे कि ईमानदारी फ्री में पैसे नहीं लिए बोला आप यह रख लो गुब्बारा नहीं इश से आप खेलना और यह पैसे रखो ! नहीं में कैसे ले सकता हूं ! आप रखो यह और पैसे नहीं चाइए बस अच्छा लगा आज खाना खा के इसलिए यह मेरी तरफ से आपके लिए ! लड़की ने उन लडको को पढ़ाई करने का पूछा तो बोले पसंद है पर कैसे ! उसने बोला मे तुम्हे एक अच्छी आंटी के पास भेजुगी वह आपका ध्यान रखेगी खाना देगी पढ़ाएगी !

आगे देखिए......
भाग- 3