step brother... in Hindi Short Stories by निशा शर्मा books and stories PDF | सौतेला भाई...

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सौतेला भाई...

जच्चा ननदी बुलाया करो, ननदी बिन शोभा नहीं चाहे लाख व्यवहार करो !
आज शर्मा जी का पूरा घर मंगल गीतों से गूंज रहा था।

अरे कमला चलो ये तुमनें बहुत अच्छा किया कि सत्यनारायण भगवान की कथा भी रखवा ली वरना आजकल तो भईया सब लोग चाहे बच्चा हो चाहे शादी ब्याह हो बस पालटी कर देते हैं ।

अरे मम्मी पालटी नहीं पार्टी !

अरे हाँ हाँ वही पारटी और तू यहाँ कहाँ बैठी बैठी मुंह चला रही है चल जा अपनी सहेली संगीता से अंदर जाकर मिल और उसका हाथ बटा, जा। बहुत बोलने लगी है आजकल!

अरे कमला तुम्हारी बहू के मायके से कौन आया है? कोई दिख नहीं रहा ,अरे छोछक( बच्चे की पैदाइश पर बहू के मायके से आने वाली भेंट) नहीं भेजी क्या ?

आये हैं न जीजी बहू के भईया आये हैं। वो देखिए पीछे कुर्सी पर बैठा है न वही है बहू का भाई।

अच्छा!! तभी हम कहें कि यहाँ भगवान की कथा बीच कौन कुर्सी में बैठा है। समझ गयीं ये है बहू का सौतेला भाई, बड़ा ही अजीब सा मुंह बनाकर उसनें कुर्सी पर बैठे हुए शख्स पर एक टेढ़ी निगाह डाली।

नमस्ते आंटी जी!

जीती रहो बहू!

माफ़ कीजिए आंटी जी मगर आपनें जो अभी अभी कहा वो सच नहीं है ।

मतलब !!

मतलब ये कि आंटी जी वो जो कुर्सी पर बैठे हैं न वो क्यों कुर्सी पर बैठे हैं मैं ये आपको बताना चाहती हूँ अगर आपकी इजाज़त हो तो!

हाँ हाँ बताओ बताओ, हम भी तो जानें!

आंटी जी जब मैं आठ साल की थी तब मेरी एक आँख में इन्फैक्शन हो गया था और मुझे लखनऊ के सारे डॉक्टर्स ने जवाब दे दिया था तब मुझे एक डॉक्टर ने दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल के लिए रेफर किया और आप जानती हैं आंटी जी तब मेरे भईया ने अपना सारा काम काज छोड़कर मेरे इलाज की जिम्मेदारी ली। वो ही मुझे महीने में दो बार और कभी कभी तो तीन बार भी दिल्ली ले जाते थे और आपको पता है आंटी जी कि एम्स हॉस्पिटल में दिखाने के लिए कितनी लम्बी लाइन लगती है !

मेरे भईया मुझे गोद में लेकर कभी कड़ी धूप में तो कभी बारिश में सुबह से शाम तक खड़े रहते थे और एक बार सिटीबस से मुझे गोदी में लेकर जब वो उतर रहे थे तभी लड़खड़ा कर गिर पड़े। उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया था और पैर में दर्द ऐंसा बैठा कि वो आज भी कभी जमीन पर नहीं बैठ पाते हैं और हाँ आंटी जी एक और बात मेरी शादी भी मेरे भईया ने ही की थी क्योंकि आपको तो पता है न कि मेरे पापा उस वक्त सख्त बीमार थे।

मेरी शादी से लेकर मेरी ननद की शादी तक की सारी जिम्मेदारियां आज तक मेरे भईया ने ही निभाई हैं और मेरे भईया,इसके आगे वो कुछ बोल पाती उससे पहले ही पीछे से आकर भईया ने उसे रोक लिया और अपने गले से लगा लिया। भाई बहन के बहते हुए आंसुओं नें आज वहां मौजूद सबकी आंखों में नमी ला दी थी।

★ हमेशा याद रखिए किसी के भी बारे में अपनी कोई भी राय कायम करने से पहले एक बार विचार अवश्य कीजिए!🙏🙏

निशा शर्मा...