PYAR KA FALSAFA in Hindi Short Stories by S Sinha books and stories PDF | प्यार का फलसफा

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प्यार का फलसफा

कहानी - प्यार का फलसफा

गर्मियों की शुरुआत थी .एक दिन शाम हम अपनी पत्नी के साथ चाय की चुस्कियां ले रहे थे . मौसम कोई भी हो , चाहे गर्मी भी कितनी पड़ रही हो ,शाम के पांच और छः के बीच हम दोनों पति पत्नी साथ चाय पिया करते थे .जब तक जॉब में था सुबह साढ़े सात बजे ही घर से निकलना होता , सो सुबह की चाय हम सिर्फ छुट्टी के दिन ही उसके साथ साथ पी सकते थे .मुझे रिटायर हुए करीबन तेरह साल हो चुके थे और शादी हुए तो पैंतालीस से भी ज्यादा वर्ष . दोनों बच्चे भी पैंतीस के ऊपर और अमेरिका में वेल सेटल्ड .पर मैडम की एक शिकायत अभी तक रिटायर नहीं हुई थी .

जैसा कि अक्सर दो हफ़्तों के अंदर ही हुआ करता था , आज फिर श्रीमतीजी ने चाय पीते पीते वही शिकायत दर्ज कर दिया .उसने कहा कि मैं उसे प्यार नहीं करता हूँ .

मैंने उसे प्रेम से कहा " वो कैसे ,हमारे दो बच्चे इसके गवाह हैं ."

" नहीं ,नहीं वो तो सब के होते हैं " उसने कहा

मैंने समझाते हुए कहा कि हमने पैंतालीस साल क्या यूँ ही गुजारे हैं एक साथ . हाँ ,मियां बीबी में तो कहा सुनी होती ही रहती है . कभी मेरी तलवार म्यान से बहार निकलती थी तो कभी तुम्हारी और फिर दोनों तलवारें अपने अपने म्यान में आराम से समा जाती थीं .मैंने जब उससे पूछा सही कहा न मैंने तो मैडम की सूई फिर वहीँ अटक जाती - “ नहीं , ये भी कोई प्यार हुआ ? “

तो कैसा प्यार तुम खोज रही . इतने दिनों में हमने क्या कुछ एक साथ मिल कर सामना किया , कभी ख़ुशी तो कभी गम .पर अब तो बाकी के दिन मजे में गुजरने चाहियें खास तौर पर अब क्योंकि हमने अपनी जिम्मेदारियाँ निभा ली हैं .

मेरे जबाब से वह संतुष्ट नहीं थी और उसने कहा " फिर भी जैसा सुना है या देखा है वैसा प्यार तो आपसे नहीं मिला ".

मैंने फिर समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि इन पैंतालीस वर्षों में हम एक साथ देश के अधिकतर भाग में भ्रमण किया .और बाकी कम से कम आधी दुनिया की सैर की. गधे, साईकिल और रॉकेट छोड़ कर बाकी लगभग सारी सवारियों का साथ साथ लुत्फ़ उठाया .तो क्या ये सब बिना प्यार या लगाव के था .

उसका फिर वही रोना “ ये तो सारे पति पत्नी के साथ होता है , इसमें क्या नयी बात है . “

जब मैंने कहा कि तुम्हारे साथ ऐसा क्या नहीं होता जो प्यार में होना चाहिए .

उसने कहा “ शादी के बाद से आज तक इतने दिनों में आपने एक बार भी मुझे ' आई लव यू ' नहीं कहा है . आपने देखा नहीं सिनेमा या टी . वी . सीरियल्स में कैसे एक दूसरे के लिए हमेशा आई लव यू , आई मिस यू बोलते हैं बात बात में . और आपने अमेरिका और यूरोप टूर में भी देखा था कि कैसे 80 साल के बुड्ढे भी अपनी बीबी के लिए ऐसा बोलते थे . और एक आप , ये तीन प्यार भरे शब्द आपकी जुबान पर आज तक न आये . ”

मैंने कहा “ हाँ वहाँ तो लोग सरे आम चुम्बन भी करते थे .तो क्या मैं भी यही करूँ . तुमने उनका आई लव यू और आई मिस यू तो देखा .पर यह नहीं देखा कि कितनी जोड़ियां इतने लम्बे अर्से तक साथ रहते हैं जितने कि हमलोग .उनके यहाँ जब चाहें पति या पत्नी एक दूसरे को तलाक दे कर नया जीवन साथी चुन लेते हैं .सच तो यह है कि 'जीवन साथी ' शब्द उनके लिए उपयुक्त ही नहीं होगा .मैं प्यार का इज़हार बोल कर करना जरुरी नहीं समझता हूँ .यह एहसास तो स्वतः होना चाहिए . हमारा रिश्ता दिल से दिल का है . और हाँ विदेशों में लोग बीबियां बदलते होंगे , हमारा रिश्ता सात जन्मों का कहा जाता है . मैं प्यार की नुमाइश खुले आम नहीं कर सकता हूँ . मेरे प्यार का तो फलसफा यही है . “

हमारी चाय तो कब की ख़त्म हो चुकी थी , हल्का अँधेरा भी छाने लगा था .तभी कॉल बेल बजी . मैंने खिड़की से पर्दा सरका कर बाहर देखा तो मेरा पुराना दोस्त शर्मा चिल्ला कर बोल रहा था " अरे जोरू का गुलाम . कितना प्यार करेगा बीबी को .बाहर निकल . चल थोड़ा सिन्हा साहब से मिल लें .वो तीन चार दिन से बीमार चल रहे हैं . "

सिन्हा साहब हम दोनों के बॉस रह चुके थे .

मैंने पत्नी को कहा कि देखो शर्मा को कोई कन्फ्यूजन नहीं हमारे प्यार को ले कर और एक तुम हो जो अभी तक कन्फ्यूज़्ड हो.

इतना कह मैं अपने मित्र के साथ बॉस से मिलने चल पड़ा .