The Author Er.Bhargav Joshi અડિયલ Follow Current Read बेनाम शायरी - 5 By Er.Bhargav Joshi અડિયલ Hindi Poems Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books Whispers of the Diary - 2 Chapter 2 – The Voice Between the LinesSleep was a stranger... Data Science vs. Artificial Intelligence: What’s the Difference As the demand for technology-driven skills grows, two fields... Split Personality - 122 Split Personality A romantic, paranormal and psychological t... The Philosophy of Purushkaar (Award-ism) The Philosophy of "Purushkaar" (Award-ism) Every award des... 7Day of Spring - Part 3 4th Day — The Silence We SharedSpring wore a softer color to... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Er.Bhargav Joshi અડિયલ in Hindi Poems Total Episodes : 6 Share बेनाम शायरी - 5 (2.7k) 3.4k 11.3k 1 बेनाम शायरी💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐हम चांद को पाने की हिमाकत लिए बैठे है।हम धरती पर रहकर आसमान लिए बैठे है।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐डूबने का डर लिए समन्दर किनारे बैठे है।टूटने का डर लेकर वो इश्क किए बैठे है।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐तुम क्या जानो चाहत की गर्दिश।दिन में भी सितारे नज़र आते है।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐उम्मीदों के पंख आज आसमानों पर छाए है।"बेनाम" डर से आज मेरे होंसले टकराए है।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐बेनाम, मै मोत का मुंह कब तलक मोडू।ये बक्षिस कुदरत ने जन्म के साथ भेज है।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐जाने के बाद हम दुआ सलाम का वादा नहीं करते।जीते जी चाह लेते है मौत तक तकाजा नहीं करते।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐भूल भी गए हमें और हमारी यादों को भी।और अब भी हमसे इश्क का दावा करते है!?💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐चाहते सिर्फ अपने मतलब से नहीं की जाती है।ये वो शमा है जिस में ताउम्र खपा दी जाती है।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐हर रोज नापा जाए जो अपने हिसाब से।इश्क है मोहतरमा कोई कमीज़ तो नहीं।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐सोच खुद की तुम इतनी छोटी बनाए बैठे हो।हरदम हरपल जैसे तुम खुद को गंवाए बैठे हो।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐क्यों तृष्णा थी मुझे उसे बेइंतेहा चाहने की !?क्या जरूरत थी खुद को इतना गिराने की !?💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐साफ दिलो को चैन कहां नसीब होते है।घाव खरोच के बिना दर्द नसीब होते है।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐वक्त भी बड़ा ही बेरहम घाव है यारों,दर्द में भी हसने की एक छांव है यारो।ये शाम है छोटी सी निकाल देना,फिरदेखना आसमान पे तेरे पांव है यारो।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐ये डरपोक जिंदगी तो हमसे नहीं जी सकेंगे।हम तो आखरी दिन भी बेजिझक ही रहेंगे।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐बुझदिलो के नाम कभी इतिहास कहा लिखता!?जीत का सहारा अक्षर सरफिरे को मिलता है।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐तुम साथ दोगे तो हम आएंगे जरूर,रूठ ने पर भी तुम्हे मनायेगे जरूर।एक दफा ही सही देख लेना तुम हमें,फिर तेरी राहों से लौट जाएंगे जरूर।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐माना कि तेरे हुस्न के आगे कमीदार हम निकले।बात दिल की आई तो बड़े जमीदार हम निकले।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐साकी अगर महफ़िल के जाम खाली है तो भरा कीजिए।ये दिल में जाम बाकी है तो फिर किसी पर मरा कीजिए।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐ये कयामत के दिन में नहीं उलझना हमें।तेरी बाहों के आंचल में सुलझना है हमें।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐क्या ये उम्मीद लगाई खुद के टूट जाने के लिए!?दिल क्यों जलाया गैरो के रोशन दानो के लिए।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 Thank you 😊 ... ✍️ Er Bhargav Joshi "benaam"💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 [ क्रमशः ] ‹ Previous Chapterबेनाम शायरी - 4 › Next Chapter बेनाम शायरी - 6 Download Our App