No Smile Please in Hindi Moral Stories by Neelam Kulshreshtha books and stories PDF | नो स्माइल प्लीज़ !

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नो स्माइल प्लीज़ !

नो स्माइल प्लीज़ !

नीलम कुलश्रेष्ठ

"आप ऑरेंज क्यों नही लाती ?" कीवी ने उसका बैग टटोलते हुए पूछा.

"ऑरेंज का सीजन गया. "

"आप ग्रेप्स भी नही लाती ?

"बाबा ! उसका भी सीज़न गया. "

"क्या मैगी का भी सीज़न गया ?"

"क्या ?------"उसकी हंसी निकल गयी. ," मैगी का सीज़न कभी नही जाता. "

"तो मैगी बनाइये,मुझे बहुत भूख लगी है. "

वह् ऑफ़िस की थकान भूल कर किचिन में चली गई.

बाउल से मैगी खाते अपने लाड़ले के होठों से दो चार लटकती बलखाती मैगी पर उसका दिल अटक गया, भगवान ने उसके ' क्यूटी पाई 'के एक एक नक्श को नफासत से बनाया है. वह अपने को रोक नही पाई उसने मोबाइल' क्लिक 'कर दिया.

साहबज़ादे भौंहें चढ़ा कर बोले,"फिर फ़ोटो ?"

"ओ सॉरी ?"

वह और अकडे,"मैंने कहा था न ! जब मेरा मूड हो तब फ़ोटो खींचिये. "

थोड़े दिन पहले ही उसने एक रेस्तरां के मेनू कार्ड में प्लेन डोसे के पिरामिड के फ़ोटो पर उँगली रक्खी,"ये खाना है. "

बेयरे के लाये डोसे की तरफ जैसे ही उसने काँटा बदाया,वह् तुरंत बोली इसकी तो टोपी अच्छी बन जायेगी. उसने डोसा उठाया और उसके सिर के कुछ ऊपर रख दिया और पापा ने कैमरा क्लिक करके तुरंत दोसे के टोपी वाले फ़ोटो को फेसबुक पर लोड कर दिया. कीवी मुस्कराते तो रहे लेकिन उन्होंने थोड़ा डोसा ही खाया. जिस घर में जब एक ज्योतिपुंज प्रसफुतित होता है ---जब कोई छौना अपनी काली रेशमी पलकें खोलता है ---तो वह् घर उमग उठता है --बच्चे के साथ वह् भी किलकारिया भरने लगता है. वह् तो हैरान थी अभी अभी तो वह् उसके उदर में हाथ पैर समेटे पड़ा था ==कैसे बगल में गाल पर हाथ रक्खे सो रहा है.. नीरव उसकी फ़ोटो लेते दीवाने हुए जा रहे हैं, नव् प्रसूता के चेहरे की ममत्व भरी लुनाई को भी कैद कर रहे हैं. 'सुबह शाम फ़ोटो लेते समय कहते है,"ये तुम पर गया है. "

शाम होते ही और कुछ कहने लगतें हैं,"मेरा शेर मुझ पर गया है. "

उनकी मम्मी जी हँसकर कहती हैं,"तुम देखना अभी कितनी शकल बदलेगा. "

थोड़ी ताकत आते ही वह भी सुबह की पीली धूप में अपने गुलाबी हाथ पैर हिलाते, या दूध पीकर होठों के ऊपर बन गई मूँछ वाले कीवी की या लार गिराते हुए उसकी फ़ोटो लेती रह्ती है. डि़जिटल कैमरा क्या आ गया है कि जैसे सबके हाथों जादू की छड़ी लग गई है.. सब कोई अपने मोबाइल में भी उसका फ़ोटो लिए घूमते रहते हैं. पन्द्रह वर्ष पूर्व उसकी रिश्तेदार अपनी गोल मटोल बेटी बार्बी को गोदी में भींचते हुए अकड़ी थी. ,'इसके दो सौ फ़ोटो इसके एलबम में हैं. "

अब सोचकर भी हंसी आती है. कीवी के तो इतने फ़ोटोज़ दस पन्द्रह दिन में ले लिए गए होंगे. ये बार्बी जितना बड़ा होगा तो इसकी फ़ोटो ज़ की सी डी संभले नही सम्भलेंगी. घर का कोई छोटा या बड़ा उत्सव हो सब फ़ोटो लेने दौड़ पड़ते है. मम्मीजी तभी तो हँसती है,"लो प्रेस आ गई. क्या ज़माना आ गया है जिसे देखो हाथ में कैमरा या मोबाइल लिए फ़ोटो ग्राफर बन गया है ब्लॉग लिखकर लेखक. ये प्रतिभा का विस्फोट है जीनियस लोगों का भीड़ में खो जाना ?"

अब उसे या नीरव को कहाँ फुर्सत है जो दार्शनिक बातें सोचे ----वह मगन होकर बाथ टब में बैठे कीवी की साबुन के झाग पकड़ते हुए फ़ोटो लेने लगती है. मन में बड़ा अफ्सोस होता है यदि डिजिटल कैमरे छब्बीस वर्ष पूर्व आ गये होते तो वह् भी अपने बचपन को देख् पाती. कैसा मजाक है उसके जिस बचपन पर लोग वारी जाते होंगे वह् स्वयम्‌ नही देख सकती,कीवी तो देख पायेगा अपने को दगमगाते कदमों से चलते हुए. वह् और जोश से फ़ोटो खींचने में लग जाती,वीडियो बनाती. उसकी हर वर्षगाँठ का रिकॉर्ड रख रही थी,,वह् पहली बार लाल पीली ड्रेस में प्ले सेंटर गया तब,नर्सरी में गया तब या जूनियर के जी में गया तब सबको कैद कर लिया है..

हर नई ड्रेस में फ़ोटो तो लेनी ही है. किसी शादी में गए तो वह् खुले लोन में दौड़ना चाह रहा है वह् दुल्हा दुल्हिन् की खाली रक्खी कुर्सी पर उसे बिठा फ़ोटो ले लेती है. कीवी को सामने अपनी क्लास की तनिश्का दिखाई दे जाती है,वह् बाँह छुदाकर उससे मिलना चाहता है लेकिन वह् स्टेज से उतरकर आइस के गणपति के साथ फ़ोटो ले रही है, पाईन एपल का मोर उसका दिल लुभा रहा है. पम्पकिन की टेबल लैंप कहाँ मिलेगी ?जब तक फ़ोटो सेशन समाप्त होता है तनिश्का भीड़ में गुम हो चुकी होती है. कीवीं सारे समय मुँह फुलाये रहता है.

रोबोट फ़िल्म देखकर उसे नया भूत चढ़ गया है,वह हर समय अकड़ कर मशीन की तरह चलता है. अपना गॉगल्स लगाकर 'नैना मिलें ---नैना मिलें,"गाता है. 'वह फ़ोटो लेना चाहती है तो कहता है,"एक मिनट रुकिये. "

फिर वह दोनों हाथों से अपना सिर घुमाने की कोशिश करने लगता है. मम्मी जी पूछती हैं,"क्या कर रहा है ?"

"रोबोट की तरह अपना सिर हाथ में लेना चाहता हूँ. ".

"धत्. "

. उसे रा'वन फ़िल्म देखकर जीवन का भूत चढ़ गया है. वह् कन्धे उंचा कर चलने की कोशिश करते हुए देख वह् अपना मोबाइल संम्भाल्ती है. वह् चिढ़ जाता है., "मैं जीवन नही हू,मैं डोरेमौन हूँ. फ़ोटो मत लीजिये. "

"क्या ?"

"मैं पोरो रो लग रहा हों या बेनटेन,फ़ोटो मत लीजिये. "

मम्मी जी निहाल हो जाती हैं,"हमारे कीवी नही होते तो हम इन कार्टून कैरेक्टर्स को कैसे पहचानते ?बस फैंटम व स्पाइडर मैन पर ही अटके रहते. भाई डोरेमेन की फ़ोटो मत लो. "

परिवार के मित्रों के साथ पिकनिक पर जाना होता है तो वह् आदतन कीवी को किसी झूले पर बिठाकर फ़ोटो लेना चाहती है लेकिन उसका मन उड़ते हुए पँछियों की उड़ान में, मोर की पीयू---- पीयू में,गार्डन के रंग बिरंगे फूलों मै खॊया हुआ है,वह झूले से उतरना चाहता है. वह् उसे जबरन रोक लेती है. "

वह् चिल्लाता है,"मुझे पहले झूला झूलने दीजिये. "

" एक मिनट राजा बेटा !स्माइल प्लीज़ !"

वह भावना शून्य आंखों से होठों को मुस्कराहट के नाम खींच भर देता है..

"चल अब बैंड स्टैंड में तेरी फ़ोटो लेती हूँ. "

वह जबरन बाँह छुड़ाकर बच्चों की भीड़ में गुम हो जाता है,.

एक दिन सारा परिवार होटल से डिनर लेकर लौटा है मम्मी जी भरे पेट के कारण अलसाई सी कुर्सी पर अधलेटी सी बैठ जाती हैं.. ऎसे मॆं उनका चकाचक भरा पेट और उभर आया है. कीवी जल्दी से पापा का मोबाइल लेकर आता है,"दादी ! ऎसा लग रहा है कि आपके पेट मै बच्चा बन रहा है मैं फ़ोटो ले लेता हूँ. "

"चुप बदमाश क्या कह रहा है. "वह् हँसते हुए सीधे बैठ जाती हैं.

वह् अपनी रौ मै है,'अब आप ऎसा करिये कि आप जल्दी बच्चा निकाल दीजिये मुझे उसके साथ खेलना है व उसकी बहुत सारी फ़ोटो ज़ लेनी है. "

"आ ठहर अभी तुझे बताती हूँ,इस उम्र मॆं मैं बच्चा पैदा करूँगी. ?"कीवी हंसता हुआ भाग जाता है.

अब वह चिढ़कर दूसरे लोगों की फ़ोटो खींचना चाहता है, उसे लगने लगा है वह् अपना सताये जाने का इसी तरह बदला लेगा. एक दिन मम्मी जी व पापा जी को घेर लेता है. कैमरा हाथ मे लेकर कहता है,"आप दोनों स्माइल करिये, आपकी इतनी अच्छे फ़ोटो लेकर कंप्यूटर में डाउनलोड करूँगा कि आप देखते रह जायेंगे. "

"कीवी अभी हम लोग बाहर जां रहे हैं,अभी हमारे पास टाइम नही है. '

"आप झूठ बोलते हैं,आपके पास टाइम है तो सही. "

"कह रहे हैं ना,अभी नही. "

"मैंने आपके पास टाइम देखा है ना. "

'टाइम देखा है ?"

"हाँ,आपके मोबाइल में टाइम है. "

"हा -----हा ----हा-------. "

दूसरे दिन ही उनकी कॉल बैल बजती है. दरवाज़ा खोलते ही वह् देखती है सामने की फ्लैट की त्रिशा खड़ी है,"ये मोनिका कीवी से मिलना चाहती है. आज इसके प्ले सेंटर मॆं फैंसी ड्रेस कॉम्पीटिशन है. "

उसके साथ लजाती हुए गुलाबी फ्रॉक मॆं,गुलाबी पंखो वाली मोनिका परी बनी खड़ी है. कीवी आवाज़ सुनकर दौड़ आता है,"अरे ! ये परी कहाँ से आ गई ?"

वह अन्दर मोबाइल लेने दौड़ गई इस नन्ही परी को कैद करने,उसने जैसे ही मोबाइल से कोण बनाया मोनिका ने अपनी मम्मी के कुर्ते मॆं मुँह छिपा लिया. प्रिशा बोली,"ये फ़ोटो नही खिंचवाती,रोने लगती है. "

तब तक मम्मी जी भी आवाज़ सुनकर निकल आयी,"तुम मॉडर्न मम्मियों ने इन बच्चों के फ़ोटो ज़ खींच खींच कर इन्हें बोर कर दिया है. कभी तुम कहती हो बेटा इधर देखो,कभी ऊपर देखो,गर्दन को बहुत मत झुकाओ,अब स्माइल प्लीज़. हमारा कीवी भी चिद्कर आँखें बंद कर लेता है या वहां से भाग जाता है. कभी अच्छा मूड हो तभी फ़ोटो खिंचवाता है. " इन्हें बातें करते देख मोनिका कैमरे से भयमुक्त हो कीवी को अपना हार,अपनी चूड़ियाँ दिखा रही है.

कीवी उसके गुलाबी पंख छू कर पूछ रहा है,"अब तुम उड़कर स्कूल जाओगी ?"

"हाँ ------मैं आसमान मॆं उड़कर जाऊँगी. "वह् इठला रही है

वह बिना आवाज़ अपना मोबाइल आँख के आगे करतीं है. गुलाबी परी अपने फ़्लैट के अन्दर भाग जाती है ,"पप्पा ---------. "

गर्मियों में वॉटर पार्क के पानी से कीवी अपनी रंग बिरंगी लाइफ़ बोट लिए निकला ही है,वह उसे वॉश रूम मॆं नल के पानी से निहलाकर उसका बदन तौलिया से पोंछ उसके कपड़े बदल देती है. कीवी काले थ्री फ़ोर्थ व पीले टॉप मॆं गदबदा बबुआ लग रहा है. उसने लॉन मॆं उसे बैंगनी व पीले फूलों वाले पौधे के सामने खड़ा कर दिया है. वह बेमन खड़ा हो गाया है. वह कहती है,"वन ---टू ---थ्री------स्माइल प्लीज़ !"

जैसे ही वह क्लिक करतीं है तब तक तो कीवी एक सतरंगे पंखों वाली तितली को पकड़ने हरी घास पर भाग चुका होता है.

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नीलम कुलश्रेष्ठ

ई –मेल—kneeli@rediffmail. com