Murder @night - 3 in Hindi Crime Stories by Abhishek Hada books and stories PDF | Murder @night - 3

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Murder @night - 3

Murder @night

3rd Part

3 जनवरी 2020 दोपहर 1.30 बजे।

अनिरूद्ध की पत्नी दीक्षा नागेश के सामने बैठी थी। उसके चेहरे से लग ही रहा था कि वो बहुत उदास, थकी हुई है। रोने की वजह से उसकी आंखे भी सूज चुकी थी। पर पूछताछ जरूरी थी। इसलिए नागेश को उससे बात करना जरूरी था।

दीक्षा भी इस बात को जानती थी और अपने पति के कातिल का पता लगाना चाहती थी। और उस सजा दिलवाना चाहती थी। इसलिए वो नागेश को पूछताछ में सहयोग के लिए तैयार हो गई।

देखिए। मुझे पता है ये सब आपके लिए बहुत मुश्किल है। आपके लिए बहुत दुख का समय है लेकिन फिर भी हमें अपना काम करना पड़ेगा।

हां मैं समझती हूँ, आप पूछिए। आपको क्या पूछना है ?- दीक्षा ने अपनी आंखे पांछते हुए कहा।

उस दिन जो कुछ भी हुआ क्या आप बताएंगी ? आप उस दिन कहां थी ? और अनिरूद्ध से कौन कौन मिलने आया था ? - नागेश ने कहा।

दीक्षा अपने पति के फोटो की तरफ देखते हुए बताने लगी।

1 जनवरी 2020 दोपहर 3 बजे

उस दिन में घर पर अकेली थी। अनिरूद्ध ऑफिस गए हुए थे। और मैं टीवी देखने में लगी थी। उसी वक्त मेरे पास एक अनजान नम्बर से कॉल आया कि मेरे भाई की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है। और वो सिटी हॉस्पिटल में भर्ती है। पहले तो मुझे कुछ समझ नही आया। मैंने तुरंत मम्मी को कॉल किया लेकिन मम्मी ने कॉल नही उठाया। मैं डर गई। कहीं सच में तो भैया को कुछ नही हो गया। इसलिए शायद मम्मी कॉल नही उठा रही हो। मैं उसी वक्त ड्राईवर को लेकर सिटी हॉस्पिटल गई। लेकिन वहां जाने पर पता चला कि किसी ने मेरे साथ बहुत घटिया मजाक किया था।

ओह, क्या आप वो नम्बर बता सकती है ? - नागेश ने कहा।

मुझे लगता है कोई फायदा नही, क्योंकि वो नम्बर उस दिन के बाद से ही स्विच ऑफ आ रहा है। मैं नम्बर देती हूं। - दीक्षा ने अपना मोबाइल, हाथ में लेते हुए कहा।

मोबाइल नम्बर लिखने के बाद नागेश ने पूछा - उसके बाद आपने क्या किया ?

1 जनवरी 2020 शाम 4.20

मैंने एक बार फिर मम्मी को कॉल किया। पर मम्मी ने फिर से कॉल नही उठाया। इसलिए मैंने जल्दी से घर जाने का फैसला किया। लेकिन वहां पहुंचने के बाद मैंने देखा कि मम्मी एकदम ठीक है। और भैया भाभी के साथ बातें कर रही है। मुझे अचानक देखकर उन्हें भी कुछ समझ नही आया। जब उन्हें मैंने सारी बात बताई तो भैया ने उस नम्बर पर कॉल किया। भैया तो उसकी शिकायत करने की कह रहे थे। लेकिनये मम्मी ने कहा कि कोई बात नही। इसी बहाने तू आज मायके तो आ गई। वरना अनिरूद्ध का नाम ले लेकर मिलने भी नही आती है।

तो आप फिर वहीं रूक गई। - नागेश ने पूछा।

1 जनवरी 2020 शाम 5.32

जी, मैंने सोचा तो यही था कि आज मैं वहीं रूक जाती हूं। इसलिए मैंने अनिरूद्ध का फोन किया।

हैलो, अनिरूद्ध। एक बात पूछना था आपसे ? - मैंनें कहा।

हां, कहो माय डिअर। क्या हुआ ? - उधर से अनिरूद्ध ने कहा।

आज किसी कारण से मुझे मम्मी के घर आना पड़ा। अब मम्मी जिद्द कर रही है कि मैं आज यहीं रूक जाऊं ? - मैंने कहा।

हां तो क्या प्रोब्लम है ? रूक जाओ। हां लेकिन कल आ जाना। हमें कल मार्केट से शॉपिंग करना है। - अनिरूद्ध ने कहा।

हां, मैं आ जाऊंगी। आप खाना टाइम से खा लेना। और कहीं पार्टी के लिए बाहर मत जाना। - मैंने कहा।

अरे नही। आज तो मैं जल्दी घर जाने वाला हूं। रोहित और मेरे बाकी दोस्त मिलने आने वाले है। - अनिरूद्ध ने कहा।

रोहित ?? पर उससे तो आपकी बहसबाजी हुई थी न। और उसने तो आपको मारने की धमकी तक दी थी। फिर भी आप उसे घर बुला रहे है। - मैंने कहा।

अरे, दीक्षा, वो पार्टी में आया था तब उसने माफी मांग ली थी। और दोस्ती की फिर से एक नई शुरूआत करने की कह रहा था। - अनिरूद्ध ने कहा।

अच्छा, मैं फोन रखता हूं। कुछ काम है। - कहते हुए अनिरूद्ध ने फोन रख दिया।

दीक्षा वो पल याद करके फिर से रोने लगी।

क्या हुआ ? - नागेश ने कहा।

वो फोन पर मेरी उनसे आखिरी बात थी। उसके बाद मैंने उन्हे . . . दीक्षा आंसू पोछने लगी।

संभालिए खुद को। और आगे बताने की कोशिश कीजिए। ये आपके पति के असली कातिल को सजा दिलवाने में मदद करेगा। - नागेश ने कहा।

दीक्षा कुछ देर चुप रही, उसके बाद फिर से बताना शुरू किया।

1 जनवरी 2020 शाम 8.40

मैंने मम्मी के साथ खाना खा लिया था। सोचा अनिरूद्ध से भी कॉल कर के पूछ लूं। लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा था। उनके दिन भर कॉल आते रहते है तो हो सकता है बैटरी लॉ हो गई हो। यह सोच कर मैंने कॉल काट दिया। लेकिन फिर मैंने आधे घंटे बाद कॉल किया। तो भी स्विच ऑफ आ रहा था। - दीक्षा ने कहा।

तो आपने किसी और को कॉल करने की कोशिश नही की -नागेश ने पूछा।

हां, मैंने अपने नौकरों को कॉल किया, गार्ड को कॉल किया। लेकिन सभी ने यही कहा कि घर आते ही अनिरूद्ध ने उन सभी को छुट्टी दे दी थी। - दीक्षा ने कहा।

इसकी कोई खास वजह, आपके हिसाब ?? - नागेश ने पूछा।

नही, मैं खुद हैरान हूं। हां जब खुद खाना बनाने का उनका मूड होता था तो वो अक्सर नौकरों को छुट्टी दे दिया करते थे। पर उस दिन उन्होंने ऐसा क्यों किया ? पता नही। - दीक्षा ने कहा।

तो आप यहां कब आई और क्यों ? - नागेश ने पूछा।

1 जनवरी 2020 रात 11 बजे।

मैंने सोने से पहले एक बार फिर उनको कॉल किया लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ ही था। उनसे बात न हो पाने की वजह से मेरा दिल घबराने लगा। मैंने भाई से कहा कि मेरा मन बहुत घबरा रहा है और बैचेनी सी हो रही है इसलिए वो जल्दी से मुझे घर छोड़ आए। मम्मी, भैया, भाभी सभी ने मना किया लेकिन पता नही मेरे मन में न जाने क्यों अजीब सी बैचेनी हो रही थी। और फिर सब नौकरों को छुट्टी दे देना। रोहित का घर आना। मुझे बहुत ज्यादा डर लग रहा था। रोहित ने पहले उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। इसलिए मुझे डर था कि कहीं रोहित अपनी बात सच न कर दे। इसलिए भैया को मैंने जोर देकर कहा। आखिर भैया को मेरी बात मानना पड़ा। और वो मुझे घर ले आए। - दीक्षा ने कहा।

अच्छा। आप बता सकती है कि जब आप यहां आए उस वक्त कितना टाइम हो रहा होगा ? - नागेश ने पूछा।

शायद 11.30 बजे होंगे। - दीक्षा ने कहा।

आपको पक्का यकीन है ? बहुत ध्यान से सोचकर बताइएगा। - नागेश ने कहा।

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