Daastaan... in Hindi Love Stories by Sohail books and stories PDF | दास्तां....

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दास्तां....

दास्तां.....।


कश्मीर के पोचाल में तूफान आया है, 10 साल का जियान अपने पापा वीरेंद्र के साथ घर से निकल रहे है। रात काफी हो गई है । चारो तरफ बर्फ गिर रही है ।और तेज़ हवाएं चल रही है । सभी लोग अपने घर से जा रहे है ।तूफान तेज़ी से बढ़ रहा है जियान को बहुत डर लग रहा है । वीरेंद्र उसे अपने साथ एक ट्रक की तरफ ले जा रहा है । सारे लोग ट्रक की तरफ भाग रहे है ।तूफान बढ़ चुका है ।अचानक से वीरेंद्र ज़मीन पर गिर गया और लोग उसके उपर से जाने लगे वीरेंद्र जख्मी हो गया और अब वो चल नहीं पा रहा है वो जियान को भागने के लिए कह रहा है लेकिन जियान जाने को ताय्यार नहीं है ।वीरेंद्र ने उसे अपनी कसम दी और कहा " प्लीज़ जियान चले जाओ यहां से अपनी मां के लिए वो जिंदा है " जियान हैरान हो गया उसने वीरेंद्र से कहा "लेकिन मां की तो मौत हो चुकी थी पापा " वीरेंद्र ने कहा "मुझे माफ़ कर दो मैने तुमसे झूट कहा था "सोनिया" तुम्हारी मां नहीं थी , तुम्हारी मां "आरज़ू" है " यह सुन कर जियान वाहा से भाग गया और ट्रक में बैठ गया ।ट्रक के निकलने के कुछ देर बाद वीरेंद्र के साथ साथ उसका घर और उसका गांव पोचाल भी तबाह हो गया ।
ट्रक कश्मीर से निकल चुका था। जियान कुछ समझ नहीं पा रहा था के उसके पापा ने उससे झूट क्यों कहा और साथ ही उसे अपने पापा वीरेंद्र को खोने का दुख भी था । ट्रक पाकिस्तान जा रहा था। जियान के पास ना तो कुछ पैसे थे और ना ही कुछ खाने को ,उसे भूक लगी थी । कुछ देर बाद ट्रक एक ढाबे पे रुका सारे लोग खाने के लिए नीचे उतरे ।लेकिन जियान के पास पैसे नहीं थे ।मांगने के सिवा उसके पास कोई रास्ता नहीं था ।कुछ लोग उसके पास आए और उसे खाना खिलाया । कुछ देर बाद उसे नींद लग गई । जब वो नींद से जागा तो एक गुफा में था ।बच्चो के रोने की आवाज़ आ रही थी । वो रस्सी से बंधा हुआ था ।खुद को निकालने की कोशिश कर रहा था लेकिन सफल नहीं हुआ ।कुछ देर बाद कुछ लोग उसके पास आए ।ये वही लोग थे जो उसे ढाबे पे मिले थे जिन लोगो ने उसे खाना खिलाया था।वो समझ चुका था के उसका अपहरण हो चुका है।
अरहान और समीरा एक मीटिंग के लिए हैदराबाद से लाहौर जा रहे थे । रास्ते में उनकी कार खराब हो गई । रात बहुत हो चुकी थी। रास्ते पे कोई नहीं थी और ना ही नेटवर्क था । समीरा को पास वाले जंगल में एक घर दिखाई दिया । घर टूटा हुआ था और शायद बहुत दिनों से बंद था । रात बहुत हो चुकी थी और कोई मदद करने को तेयार नहीं था । अरहान ने सोचा सुबह होने तक इस घर में रुक जाए । वो दोनो इस घर में चले गए । घर अंदर से और भी ज़्यादा डरावना था । कुछ देर बाद समीरा को अजीब सी आवाज़ सुनाई दी । अरहान और समीरा दोनों डर गए । आवाज़ दोबारा सुनाई दी। समीरा ने कहा " ये केसी आवाज़ है ? मुझे लगता है किसी बच्चे की है और शायद वो बहुत बड़ी मुसीबत में है हमे उसकी मदद करनी चाहिए । अरहान और समीरा ने पूरे घर में ढूंढ लिया लेकिन कुछ नजर नहीं आया । अरहान ने कहा " ये आवाज़ घर के अंदर से नहीं आ रही है ! हमे बाहर जाके देखना होगा । दोनो घर के बाहर गए और चारो तरफ देखने लगे अचानक से समीरा की नजर एक गुफा पे पड़ी । वो गुफा किसी जानवर की थी । अरहान और समीरा डरते डरते उस गुफा के पास पहुंचे
गुफा के अंदर एक रास्ता था। समीरा ने अरहान से कहा" हम अंदर नहीं जा सकते नहीं तो हम भी नहीं बच पाएंगे पहले हमे पुलीस को फोन करना होंगी ।लेकिन नेटवर्क भी नहीं है । अरहान ने कुछ दूर जाकर नेटवर्क चेक किया और उसे नेटवर्क मिल गया ।उसने पुलिस को इस बारे में बताया । पुलिस निकल चुकी थी। अरहान और समीरा गुफा के अंदर गए तो देखा कुछ बच्चो को रस्सी से बांध कर रखा है और वो बच्चे रो रहे है । और एक बच्चे का ऑपरेशन भी चल रहा है । अचानक से कुछ लोग आए और अरहान और समीरा को भी पकड़ लिया । अरहान ने इं लोगो से पूछा " ये तुम क्या कर रहे हो इन मासूम बच्चो को क्यों इस तरह बांध कर रखा है ? उन लोगो ने बताया के हम इन बच्चो की किडनी निकालते है और उसे बेचते है ।और एक बच्चे की किडनी नीकाली जा रही है जिसे वो आज ही एक ढाबे से उठा कर लाए है । वो इस बच्चे की किडनी निकालने ही वाले थे अचानक से पुलिस वाहा पहुंच गई और सब को गिरफ्तार कर लिया और इस बच्चे की जान बच गई। समीरा ने इस बच्चे से पूछा " तुम्हारा नाम क्या है बेटा " उसने कहा " मेरा नाम जियान है में कश्मीर के चौपाल से आया हूं और मेरा इस दुनिया मे मेरी उस मां के सिवा कोई नहीं है जिसे मैने आज तक देखा भी नहीं है । समीरा और अरहान जियान को अपने साथ हैदराबाद ले गए ।
15 साल बाद
मुंबई....
एक आदमी को कुछ लोग बुरी तरह से पीठ रहे है । वो आदमी भाग रहा है ।सुना है उसने शराब पी रखी है और किसी के घर चोरी भी की है । आज तो इसे वो लोग मार ही देंगे । क्यूंकि वो आदमी बार बार चोरी करता है और भाग जाता है । कुछ देर बाद पुलिस आ गई और उस आदमी को गिरफ्तार कर लिया । उस आदमी की पत्नी और एक 20 साल की बेटी दोनों रो रहे है और पुलिस वालो से हाथ जोड़ कर माफी मांग रहे है । लेकिन पुलिस कुछ सुनने को तेय्यार नहीं है ।पुलिस उस आदमी को पुलिस स्टेशन ले गई । उसकी बेटी लोगो से मदद मांग रही है । कुछ दिन बाद किसी ने उससे कहा के एक नया पुलीस ऑफिसर आया है वो गरीब लोगो की मदद करता है वो शायद इसकी मदद करेगा । उस लड़की ने पूछा कौन है वो क्या नाम है उसका ? हैदराबाद से आया है "इंस्पेक्टर जियान मल्होत्रा" वो तुम्हारी मदद ज़रूर करेंगा। वो लड़की इंस्पेक्टर जियान के पास पहुंची । जियान ने उससे पूछा " क्या हुआ है तुम रो क्यों रही हो तुम डरो मत में तुम्हारी मदद करूंगा तुम सब कुछ शुरू से बताओ क्या हुआ था। फिर उस लड़की ने जियान को सब बताया।
मेरा नाम "सना" है में अपनी मां और बाबा के साथ रहती हूं । मां काम करती थी उसी से हमारा घर चलता था । लेकिन बाबा को ये पसंद नहीं था ।और लोग भी मां को बहुत बूरा बोलते थे ।और मुझे भी गलत नज़रों से देखते थे ।इसलिए बाबा ने मां को घर पर बंद कर दिया और कहा के वो अब कोई काम नहीं करेंगी । धीरे धीरे हमारे घर के हालात बिगड़ते गए। हमारे पास खाने को भी पैसे नहीं थे ।कुछ दिन पहले मां को हार्ट अटैक आया है । और हमारे पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे इसलिए मजबूरी में बाबा को चोरी करनी पड़ी । मां की बीमारी धीरे धीरे बढ़ती गई और बाबा चोरी करते गए । अब तो डॉक्टर ने भी इलाज करने से इंकार कर दिया है और कहा है के अब कुछ नहीं कर सकते ।मां बाबा से मिलना चाहती है प्लीज़ इंस्पेक्टर जियान आप मेरे बाबा को जेल से छुड़ा लीजिए । जियान ने सना की पूरी बात सुनी और कहा " में तुम्हारी बात समझता हू लेकिन तुम्हारे बाबा ने एक बार नहीं बार बार चोरी की है ।वो एक मुजरिम है और उन्हें 2 साल की सज़ा हुई है ।लेकिन में उन्हें एक दिन के लिए जेल से निकाल सकता हूं जिस पुलिस स्टेशन में तुम्हारे बाबा को रखा है वाहा मेरा एक दोस्त है , इंस्पेक्टर आर्यन " वो हमारी मदद करेगा तुम मेरे साथ चलो हमें पुलिस स्टेशन जाना होगा।
जियान और सना दोनो पुलिस स्टेशन के लिए निकल गए । रेडियो पे गाना चल रहा है " अजीब दास्तां है ये , कहां शुरू कहां ख़तम । ये मंज़िले है कोंसी ना वो समझ सके ना हम। जियान ने सना से कहा " ये गाना मेरे दिल के बहुत करीब है में अक्सर ये सुनता हूं । सना सोच रही थी के ये इंस्पेक्टर ये सब कुछ इससे क्यों कह रहा है। सना ने कुछ नहीं कहा । जियान ने बात को बदलते हुए कहा " तुम्हारी मां ठीक हो जाएगी तुम चिंता मत करो । कुछ देर बाद दोनों पुलिस स्टेशन पहुंच गए और इंस्पेक्टर आर्यन को सब कुछ बताया ।आर्यन ने जियान के कहने पर सना के बाबा को एक दिन के लिए छोड़ दिया । सना ने जियान से कहा " शायद में तुम्हारा एहसान कभी नहीं चुका पाऊंगी शुक्रिया मेरी मदद करने के लिए। और वो अपने बाबा को लेके वाहा से चली गई और जियान उसे देखता ही रह गया । आर्यन ने गुनगुनाते हुए कहा " अजीब दास्तां है ये " जियान और आर्यन दोनों कॉफी पे गए । जियान और आर्यन बहुत अच्छे दोस्त थे आर्यन भी हैदराबाद से ही था । दोनो ने सोचा के कुछ दिन के लिए वो हैदराबाद चले जाए । दोनो हैदराबाद पहुंच गए। समीरा और अरहान दोनो बहुत खुश थे जियान बहुत दिनों बाद घर लौटा था । जियान ने कहा " समीरा मां आपने और अरहान पापा ने मुझे संभाला और मुझे एक अच्छा पुलिस ऑफिसर बनाया और कभी भी मुझे अपने मां और पापा की कमी महसूस नहीं होने दी। लेकिन मेरा दिल अब भी ये कहता है के मेरी मां जिंदा है अबतक उनका कोई पता नहीं चला था लेकिन कुछ दिन पहले "सी बी आई" से फोन आया है , पापा का कुछ सामान उन्हें मिला है जिसके लिए मुझे कश्मीर जाना है आप दुआ करे के मेरी मां मुझे मिल जाए। समीरा ने कहा " हम हमेशा तुम्हारे साथ है तुम जाओ अपना ख्याल रखना। कुछ दिनों बाद जियान अपने दोस्त आर्यन के साथ कश्मीर के लिए निकल गया।

जियान और आर्यन दोनो कश्मीर पहुंच गए थे । जियान को अपना बचपन याद आरहा था । और वो तूफानी रात भी जिसने उसके पापा वीरेंद्र को उससे छीन लिया था। उसके घर की जगह एक हॉस्पिटल बन रहा था उसी जगह "सी बी आई" को वीरेंद्र की डायरी और कुछ पुराना समान मिला । जियान और आर्यन ये सारा सामान ले कर वापस हैदराबाद आ गए । जियान को पता था ये डायरी उसे उसकी मां तक ज़रूर पहुंचाएगी । उसने अपने पापा वीरेंद्र की डेयरी को पढ़ना शुरू किया।
में वीरेंद्र आज मेरी शादी है अपनी बचपन कि दोस्त सोनिया से । में सोनिया से शायद कभी प्यार नहीं कर पाऊंगा । ये शादी में अपने बेटे जियान के लिए कर रहा हूं । सोनिया एक अच्छी लड़की है और में जानता हूं वो एक अच्छी मां भी बनेगी । में जियान पे उसकी मां आरज़ू का साया भी नहीं पड़ने दूंगा । आरज़ू ने गलती नहीं गुनाह किया था । वो दिन मेरी ज़िन्दगी का सबसे बुरा दिन था जिस दिन में उससे मिला था । 2 साल पहले मुझे एक काम के सिलसिले में बंबई जाना पड़ा । बंबई सपनो का शहेर था । में भी बंबई का दीवाना हो गया था ।लेकिन बंबई किसी और कि दीवानी थी ।बंबई पर किसी और का नशा था । जैसे ही शाम होती "नरगिस" के घुंगरू की आवाज़ लोगो को दीवाना बना देती । में भी नरगिस का डांस देखने नूर गली गया । घुंगरू की आवाज़ आरही थी और लोग भी झूम रहे थे । नरगिस का जादू चल रहा था । अचानक से नरगिस को चोट लग गई और वो स्टेज पे गिर गई ।लोग बहुत नाराज़ हो गए और अपने पैसे वापस मांगने लगे इतने में ही लोगो की आवाज़ बंद हो गई और घुंगरू की आवाज़ आने लगी उसे देखा तो बस उसे देखता ही रह गया । वो नरगिस नहीं थी । उसका नाम आरज़ू था । अजीब सा दर्द था उसकी आंखो में ।शायद वो ये काम करना नहीं चाहती थी । लोग अब आरज़ू के दीवाने हो गए थे । नरगिस को अब लोग देखना पसंद नहीं करते । एक आदमी ने आरज़ू को बहुत सारे रुपए दिए और कहा के वो इसके साथ हमेशा के लिए चले जाए । आरज़ू को इस काम से नफरत होने लगी और वो नूर गली से भाग गई । मैने बहुत दूर तक उसका पीछा किया वो मुझे रेलवे स्टेशन पे मिली । मैने उससे पूछा " तुम भाग क्यों रही हो " उसने कहा " में इस तरह की ज़िन्दगी से परेशान हो गई हूं में ये काम नहीं करना चाहती ।में बहुत दूर चली जाऊंगी । कुछ देर बाद कुछ लोग आरज़ू को ढूंढ ने रेलवे स्टेशन आए उनके साथ नरगिस भी थी वो लोग बहुत गुस्से में थे । आरज़ू बहुत डर रही थी । उसने मुझसे कहा " प्लीज़ तुम जो भी हो मुझे यहां से कहीं लेकर चलो में दोबारा नूर गली नहीं जाना चाहती । मैने उसे अपने दोस्त के फार्म हाउस ले गया । तुम यहां सुरक्षित हो वो लोग यहां नहीं आयेंगे । उसने कहा " तुम्हारा बहुत शुक्रिया मेरी मदद करने के लिए।
में वीरेंद्र से वीर बनने लगा था एक दिन उसके कमरे से गुनगुनाने की आवाज़ आ रही थी ।मैने ठीक से सुना वो गाना गा रही थी। " अजीब दास्तां है ये ,कहा शुरू कहा ख़तम ,ये मंजिले है कौनसी ,ना वो समझ सके ना हम " उसकी आवाज़ ने मुझे उससे प्यार करने पर मजबूर कर दिया बस उस एक पल में मुझे उससे प्यार हो गया। मैने उससे कहा " तुम्हारी आवाज़ बहुत अच्छी है । उसने कहा " ये गाना मेरे दिल के बहुत करीब है में अक्सर गाती हूं ।मैने उससे कहा " तुम बहुत दिन से घर पर ही हो क्या आज हम डिनर के लिए बाहर चले। उसने कहा " हा हम चल सकते है वैसे भी अब तुम मेरे अच्छे दोस्त हो । कुछ देर बाद हम दोनों डिनर के लिए बाहर गए तब ही मेरे दोस्त आशीष का मुझे कॉल आया उसने कहा " नरगिस को पता चल गया है आरज़ू फार्म हाउस में है वो यहां आ चुकी है उसके साथ बहुत सारे लोग भी है तुम बंबई से चले जाओ । आरज़ू बहुत डर गई थी मैने आरज़ू से कहा " हम कश्मीर चले जाएंगे वाहा मेरा एक छोटा सा घर है । आरज़ू ने इंकार कर दिया उसने कहा " तुम मुझे अकेला छोड़ दो तुम मेरे क्या लगते हो क्या रिश्ता है हमारा में अपनी वजह से तुम्हारी ज़िन्दगी को मुश्किल में नहीं डाल सकती तुम चले जाओ" और फिर आरज़ू वाहा जे जाने लगी मैने उसे आवाज़ दी और कहा" रुक जाओ आरज़ू शादी करूंगी मुझसे में तुमसे प्यार करता हूं और ये रिश्ता ही काफी है तुम्हे मेरे साथ चलने के लिए । उसने कहा " ये तुम क्या कह रहे हो वीर । तुम जानते हो हमारे धर्म अलग अलग है ये समाज हमे क़ुबूल नहीं करेगा । मैने कहा " मेरा प्यार इस समाज से और हर धर्म से आगे है । प्लीज़ शादी करलो मुझसे हम कश्मीर चले जायेंगे । में जानता हूं तुम भी मुझे पसंद करती हो अब चलो मेरे साथ नहीं तो वो लोग हमे मार देंगे । और हम दोनों कश्मीर के लिए निकल गए ।रात बहुत हो चुकी थी और बारिश भी हो रही थी रेडियो पे गाना चल रहा था। "ये रोशनी के साथ क्यों, धुआ उठा चिराग से
ये ख्वाब देखता हूं में , के जग पाड़ा हूं ख्वाब से...
आरज़ू और में कश्मीर पहुंच चुके थे ।और पहुंचते ही हमने शादी करली । हम बहुत खुश थे और हमारी खुशी दुगनी हो गई जब हमारे घर जियान आया हमारा बेटा । उसकी छोटी सी आंखें छोटे छोटे हाथ और उसकी मासूमियत देखते ही देखते जियान 6 महीने का हो गया । और फिर हमारी ज़िन्दगी में आई वो रात जिसने सब कुछ खत्म कर दिया । रात के 2 बज रहे थे आरज़ू कमरे में नहीं थी । जियान सोया हुआ था । मैने पूरे घर में ढूंढ लिया लेकिन आरज़ू कहीं नहीं मिली । घर के बाहर किसी कि आवाज़ आरही थी मैने बाहर जा कर देखा । आरज़ू सलमान के साथ थी ।आरज़ू के हाथ में बहुत सारे पैसे थे और शायद वो दोनो भागने वाले थे । सलमान बार बार कहा रहा था के वो आरज़ू से प्यार करता है और वो दोनों यहां से भाग जाएंगे उसने आरज़ू का हाथ पकड़ा और वो दोनों भाग गए । सलमान नरगिस का भाई था । नरगिस ने मुझे कॉल करके बताया के आरज़ू और सलमान पहले से ही एक दूसरे से प्यार करते थे । मैने आरज़ू को फिर ढूंडने की कोशिश नहीं की ।
" मुबारकें तुम्हें के तुम, किसीके नूर हो गए...
किसीके इतने पास हो ,के सबसे दूर हो गए..."
में और जियान बहुत अकेले हो चुके थे । तब ही मेरी बचपन की दोस्त सोनिया ने जियान को संभाला और मुझसे शादी करने का फैसला किया और आज हमारी शादी है। वक़्त धीरे धीरे गुजरता गया मैने सोनिया से शादी करली ।और जियान भी आरज़ू को भूल गया । सोनिया का मुझ पर बहुत एहसान था लेकिन में उसे चुका नहीं पाया । शादी के 4 साल बाद पता चला के सोनिया को कैंसर है। कुछ दिन बाद सोनिया की मृत्यु हो गई ।
डायरी के आगे के पन्ने पूरी तरह से जल चुके थे । जियान अब भी ये नहीं जान पाया था के उसकी मां आरज़ू आखिर कहा है । वो पूरी तरह से टूट चुका था । आर्यन ने जियान से कहा " चाहे हमे आगे का कुछ ना पता चला हो लेकिन अब भी तुम्हारी मां मिल सकती है उसके लिए हमे पहले नरगिस को ढूंडना होगा। जियान और आर्यन दोनो मुंबई के लिए निकल गए ।और मुंबई पहुंचते ही वो नूर गली गए । और उनकी तलाश पूरी हुई । नरगिस का घर उन्हें मिल गया था । जियान और आर्यन घर के अंदर गए तो देखा एक लड़की बैठी हुई है । जियान ने उसे आवाज़ दिया " क्या नरगिस फतेह का घर यही है ? उस लड़की ने पलट कर देखा तो जियान हैरान हो गया और कहा " सना तुम यहां कैसे " सना ने जवाब दिया " मेरा नाम सना फतेह है में नरगिस फतेह की बेटी हूं । और कुछ दिन पहले ही मां की मौत हो गई है । मां बीमार थी इसलिए मैने तुमसे अपने बाबा को एक दिन के लिए जेल से बाहर लाने को कहा था । लेकिन तुम मेरी मां को क्यों ढूंढ रहे हो ? जियान ने सना को सब कुछ बताया ।और कहा सना मुझे तुम्हारी मदद की ज़रूरत क्या तुम मेरी मां को ढूंढने में मेरी मदद करेगी ?। सना ने कहा में नहीं जानती मेरी मां नरगिस सही थी या गलत ।लेकिन में तुम्हारी मदद ज़रूर करूंगी। आर्यन ने कहा " हमें सबसे पहले सना के बाबा से पूछताछ शुरू करनी होंगी हमें जेल जाना होगा " जियान सना और आर्यन तीनों जेल पहुंचे । और सना के बाबा से आरज़ू के बारे में पूछा । उसने कहा " हा में आरज़ू को जानता हूं नरगिस उससे बहुत नफरत करती थी । में इसके सिवा कुछ नहीं जानता । वो मुझे कुछ बताया नहीं करती थी ।लेकिन उसका भाई सलमान आया करता था शायद सलमान जानता होंगा आरज़ू कहा है। जियान अरहान और सना तीनों सलमान से मिलने पुणे पहुंचे । सलमान ने सच बताने से इंकार कर दिया । सना ने कहा " प्लीज़ सलमान मामू सच बता दीजिए कहा है आरज़ू आंटी " सलमान ने कहा " में शायद कुछ ना कहता लेकिन में ज़िन्दगी के इस मुकाम पर हूं के किसी भी पल मेरी सांसे थम सकती है मेरे गुनाहों कि शायद यही साजा है ।

में सलमान नरगिस का भाई 25 साल पहले । जहां नरगिस का जादू धीरे धीरे ख़तम हो रहा था वहीं लोग आरज़ू के दीवाने हो रहे थे । उन्हीं दीवानों में से में एक था ।में आरज़ू को हमेशा के लिए अपने साथ रखना चाहता था उससे शादी करना चाहता था मैने उसे बहुत सारे रुपयों का लालच भी दिया लेकिन वो बंबई से वीर के साथ भाग गई । मेरा प्यार नफरत में बदल गया और नरगिस को भी आरज़ू से नफरत हो गई । में और नरगिस ने आरज़ू को बरबाद करने का प्लान बनाया ।उस रात मैने आरज़ू को कॉल किया और उसे कहा नरगिस बहुत बीमार है और उसे कुछ रुपयों की ज़रूरत है मैने आरज़ू को घर के बाहर बुलाया । वो बाहर कुछ रुपए लेकर आई । उसी वक़्त वीर आगाया। मैने आरज़ू का हाथ पकड़ा और उससे कहा अगर तुम ने वीर से मिलने की कोशिश भी की तो में वीर और जियान दोनो को मार दूंगा । और फिर मैं आरज़ू को लेकर बंबई आगाया। 5 साल तक नरगिस और मैने आरज़ू को कैद करके रखा और एक दिन वो यहां से भाग गई । उसके बाद आरज़ू हमें कहीं नहीं मिली । और में कुछ नहीं जानता। जियान बेटा मुझे माफ़ करदो । जियान को बहुत गुस्सा आया । आर्यन और सना उसे वापस मुंबई लेकर आए । अब सारी उम्मीद ख़तम हो चुकी थी कोई रास्ता नजर नहीं आराहा था । सना ने कहा " हमने सब कुछ करके देख लिया लेकिन आरज़ू आंटी नहीं मिली । अब सिर्फ दुआ ही है जो हमें उन तक पहोंचा सकती है। आर्यन ने कहा "सना ठीक कह रही है । क्यों ना हम हाजी अली दरगाह चले कहते है वाहा बिछड़े हुए भी मिल जाते है । जियान सना और आर्यन तीनों हाजी अली दरगाह के लिए निकल गए । कुछ देर बाद तीनों हाजी अली पहुंचे । वाहा कुछ कव्वाल आए हुए थे और कव्वाली हो रही थी "

"खोजते खोजते तुझको देखो, क्या से क्या या नबी हो गया हूं...
बेखबर दर बदर फिर रहा हू, में यहां से वहा हो गया हूं.. ।

जियान दुआ मांग रहा था और अपनी मां के लिए बहुत परेशान था । दरगाह पर एक बाबा थे वो जियान के पास आए और कहा" सब तकदीर का खेल होता है हम हमेशा सही नहीं देख पाते हम वो देखते है जो दुनिया हमें दिखती है । क्या झूठ है क्या सच है ये वही जानता है । वह हमें रास्ता दिखता है वह हमें वाहा तक पहोंचा ता है लेकिन हम उसे समझ नहीं पाते । आंखे बंद करो दिल पे हाथ राखो और देखो तुम्हे सब सच दिखाई देगा। जियान ने ठंडे दिमाग से सोचने कि कोशिश की और सब कुछ उसे साफ दिखाई देने लगा । उसने सना और आर्यन से कहा । पापा की डायरी में लिखा हुआ था वो और मां मुंबई के एक फार्म हाउस में रुके थे । जो उनके किसी दोस्त का था शायद वाहा से कुछ पता चल जाए। जियान आर्यन और सना तीनों फार्म हाउस के लिए निकल गए ।वो फार्म हाउस पहोंच चुके थे । अंदर से किसी के गाने की आवाज़ आवाज़ आराही थी । "किसीका प्यार लेके तुम, नया जहाँ बसाओगे
ये शाम जब भी आएगी, तुम हमको याद आओगे....।
वो तीनो अंदर गए वहा एक आदमी गाना गा रहा था। जियान ने उससे पूछा तुम ये गाना क्यों गा रहे हो उस आदमी ने कहा " में अच्छा गाने का प्रयास कर रहा हूं ये गाना उसके दिल के बहुत करीब है और आज उसका जन्मदिन है । जियान ने पूछा तुम किसकी बात कर रहे हो । उस आदमी ने कहा " मेरी बीवी आरज़ू में उससे बहुत प्यार करता हूं । लेकिन तुम कोन हो और यहा क्यों आए हो ।मेरा नाम जियान है में अपनी मां आरज़ू को ढूंढ रहा हूं । प्लीज़ मुझे बताए मेरी मां कहां है। उस आदमी ने कहा " जियान बेटा तुम आगए ।में और आरज़ू 15 साल से तुम्हे ढूंढ रहे है । आरज़ू पास वाले पार्क में गई है ।वो बस आती ही होंगी । तुमसे मिलकर उसे बहुत खुशी होंगी । तुम आओ बैठो मेरे साथ बहुत साल बाद तुम्हे देखा है । जियान ने उस आदमी से पूछा " मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है यहां हो क्या रहा है । मां आपकी पत्नी केस और आप मुझे क्यों ढूंढ रहे थे प्लीज़ सब कुछ शुरू से बताए । फिर उस आदमी ने जियान को सब कुछ बताया ।

मेरा नाम समीर अहमद है वीर और में बहुत अच्छे दोस्त थे वीर मुझे अपना बड़ा भाई मानता था । सोनिया की केंसर से मौत हो चुकी थी । तुम्हे संभालना वीर के लिए मुश्किल हो गया था । तुम अपनी मां से मिलने की ज़िद्द कर रहे थे । वीर तुम्हे लेकर बंबई आया । बंबई अब मुंबई बन चुका था । हम दोनों आरज़ू से मिलने नूर गली पहुंचे । वहा आरज़ू नहीं थी लेकिन हमने नरगिस और सलमान की सारी बाते सुन ली " वो दोनो आरज़ू से नफ़रत करते थे । आरज़ू गलत नहीं थी । सलमान और नरगिस ने सारा खेल खेला था वीर और आरज़ू को अलग करने के लिए । और 5 साल तक आरज़ू को कैद करके रखा था। वीर खुद को माफ़ नहीं कर पा रहा था। वो आरज़ू से मिलना चाहता था । इससे पहले हम दोनों आरज़ू को सलमान की कैद से निकालते आरज़ू वहा से भाग चुकी थी । हमने आरज़ू को हर जगह तलाश किया लेकिन वो नहीं मिली तुम अब 10 साल के हो चुके थे अब तक आरज़ू का कोई पता नहीं चला था वीर तुम्हे ले कर कश्मीर जा चुका था । एक दिन में मुंबई के रेलवे स्टेशन गया वहा मैने आरज़ू को देखा । मैने आरज़ू को सब कुछ बताया के कैसे सलमान और नरगिस ने उन्हें अलग किया था। आरज़ू तुमसे और वीर से मिलना चाहती थी । लेकिन कश्मीर में तूफ़ान चल रहा था ।मैने वीर को कॉल किया और बताया के आरज़ू मिल गई है ।वीर बहुत खुश था । वीर ने आरज़ू से माफी मांगी । वीर और आरज़ू एक दूसरे से जल्द से जल्द मिलना चाहते थे। वो तुम्हे लेकर कश्मीर से निकाल रहा था । कुछ देर बाद उसका दोबारा कॉल आया और उसने कहा" शायद में मुंबई नहीं पहोंच सकूंगा ।में ज़िन्दगी और मौत से लड़ रहा हूं । ये तूफान शायद मेरे लिए आया है । में आज बच नहीं पाऊंगा । जियान को ट्रक में बिठा दिया । ट्रक मुंबई से होकर गुज़रे गा तुम जियान को वहा से ले लेना। मैने आज तक तुमसे कुछ नहीं मांगा सामीर लेकिन आज में तुमसे कुछ मांगना चाहता हूं । आरज़ू से शादी कर लेना ।और उसे बहुत प्यार देना ।।। और फिर आवाज़ आना बंद हो गई । वीर ने जैसा कहा था मैने वैसा ही किया उसी वक़्त आरज़ू से शादी करली ।हम दोनों ट्रक का इंतज़ार करते रहे ।फिर ट्रक आया लेकिन उसमें तुम नहीं थे । उसके बाद से आज तक हम तुम्हे ढूंढ रहे थे ।
जियान बहुत खुश था वह अपनी मां से मिलने वाला था । आर्यन और सना भी बहुत खुश थे । सना ने जियान से कहा " में तुम्हारे लिए बहुत खुश हूं लेकिन अभी मुझे जाना होगा । जियान ने कहा तुमको ऐसा क्या ज़रूरी काम है सना मेरी मां से एक बार मिल तो लो । सना ने कहा एक अधूरा काम पूरा करना है । ठीक है तुम जाओ अपना ख्याल रखना । जियान ने कहा " थैंक यू समीर अंकल आपने मेरी मां का इतना ख्याल रखा " लेकिन मां अब तक आयी क्यों नहीं । समीर ने कहा " हा बहुत वक़्त हो गया है हमें वहा चल कर देखना होगा। जियान समीर और आर्यन तीनों पार्क पहुंचे वहा आरज़ू नहीं थी ।पास के कुछ लोगो ने बताया के कुछ लोग आरज़ू को उठा कर ले गए है। समीर बहुत परेशान हो गया और कहा " अब तो नरगिस की मौत हो चुकी है और सलमान भी बीमार है फिर आरज़ू का अपहरण किसने किया होगा । जियान ने कहा में जनता हूं समीर अंकल यह किसने किया है । आर्यन तुम पुलिस कि टीम तय्यार करो में और समीर अंकल नरगिस के घर जाते है ।आर्यन पुलिस स्टेशन चला गया ।समीर और जियान नरगिस के घर पहुंच गए । वहा सना बैठी हुई थी जियान ने कहा " सना मुझे तुमसे य उम्मीद नहीं थी तुमने मुझे इतना बड़ा धिका दिया में तुम्हे कभी माफ नहीं करेगा ।बताओ मेरी मां कहा है । सना ने कहा " मैने तो सिर्फ अपनी मां का अधूरा बदला पूरा किया और अब तक तो तुम्हारी मां भी मर चुकी होंगी जिस गुफा में तुम्हारा अपहरण हुआ था वो गुफा अब तक तुम्हारी मां की कब्र बन चुकी होंगी । उसी वक़्त आर्यन वहा आ गया और सना को गिरफ्तार कर लिया ।
जियान और समीर उस गुफा के पास पहुंचे । गुफा को बंद कर दिया गया था । समीर ने कहा " जियान बेटा अब हम आरज़ू को केसे निकाले मुझे बहुत डर लग रहा है । कुछ देर बाद जियान की टीम वहां आगायी और गुफा को खोल दिया । जियान और समीर ने आरज़ू को बाहर निकाला । आरज़ू की सांसे अब भी चल रही थी । आर्यन एम्बुलेंस लेकर आया और आरज़ू को अस्पताल पहुंचाया । कुछ दिन बाद आरज़ू ठीक हो गई । जियान से मिलकर वो बहुत खुश थी । आरज़ू ने अपने बेटे जियान को गले से लगा लिया । और कहा " अब मुझे सुकून कि नींद आएगी बेटा 25 साल तुमसे दूर रही हूं । अब में तुम्हे अपने से अलग कभी नहीं करूंगी । और फिर सब मिलकर घर के लिए निकल गए । समीरा और अरहान भी मुंबई आ गए । और फिर आरज़ू का जन्मदिन मनाया गया और समीर ने आरज़ू के लिए गाना भी गाया ।

" अजीब दास्तां है ये, कहा शुरू कहा ख़तम
ये मंजिले है कौनसी, ना वो समझ सके ना हम".....




_ सोहेल अली.