Sangharsh (Naari Shakti) in Hindi Thriller by Lalit Raj books and stories PDF | संघर्ष (नारी शक्ति)

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संघर्ष (नारी शक्ति)

निधि अपने गांव में एक मात्र वो पढी लिखी लड़की है जिसके पिता एक अध्यापक हैं और शिक्षित होने की वजह से अपनी बेटी को समाज में आगे बढने के लिए उसे शिक्षा दिलवाई।

निधि ने अपनी पढाई तो खतम करली थी लेकिन अब वो अपनी ज्ञान का इस्तमाल कर कोई जॉब करना चाहती थी।

उसने शहर में जॉब के लिऐ बात भी करली थी तो कम्पनी ने इंटरव्यू के लिऐ बुलाया था और अब वो अपने पिता से इजाजत लेने लगी, जब उसने अपने पिता से जॉब के लिऐ कहा तो उसके पिता ने जवाब दिया
" मैने तुम्हें पढाया ताकी शादी के बाद जरूरत पढने पर अपने पति के साथ खड़ी रह सको, ये ठीक है कि तुम जिम्मेदारी उठाना चाहती हो लेकिन मै इतना लाचार नहीं हूँ के मै तुम्हें जॉब के लिऐ कह सको।

जॉब की कोई जरूरत नहीं है और ऐसा खयाल निकाल दो अपने दिमाग से , तुम नहीं जानती बेटा शहर में वो भीढ है जहाँ तुम गुम हो गई तो तुम्हें ढूंढना मेरे लिऐ मुश्किल हो जाऐगा, और कुछ लोग ऐसे हैं जिनके चहरे के भाव कुछ और इसके अलावा अंदर "बेईमान इरादे" रखते हैं जिन्हें तुम पहचान भी न पाओगी और पहचान भी लिया तो सायद देर ना होजाऐ।"

निधि ने अपने पिता कि हर बात चुप चाप सुनती रही और कोई जवाब भी न दिया लेकिन निधि के इरादों से लग नहीं रहा था के उसके पिता की बातों का असर उसमें हुआ हो

इसलिए रात होने पर निधि ने अपना सामान पैक किया और घर छोड़़कर जाने लगी लेकिन उसकी माँ ने देख लिया और जब माँ ने रोकने की कोसिस कि तो निधि ने माँ से कहा " माँ में पिता कि वजह से अपनी की गई पढाई और अपनी जिंदगी खराब करना नहीं चाहती मुझे जाने दो"

निधि वहाँ से चली गई और उसकी माँ तुरंत उसके पिता के पास गई जब माँ ने निधि के पिता को बताया तो उन्होंने जवाब दिया " जाने दो उसे अगर वो खुद के फैसले के लिऐ खुद कदम उठा सकती है तो उसे अपनी हिफाजत करना भी सीख लेना भी होगा वैसे हम है उसके लिए लेकिन क्या निधि खुदके लिऐ है या नहीं ये उसे जानने का मौका मिलेगा"

निधि शहर आ चुकी थी जिस कम्पनी ने उसने बात की थी तो उस कम्पनी ने ही किराए पर रहने के लिये जगह बताई और वो वहां पहुंच जाती है।

वहां उसने किराए पर एक फ्लैट लिया और उस फ्लैट के मालिक ने उस निधि से एडवांस मागा लेकिन निधि कहने लगी कि कम्पनी वालों ने तो एडवांस देने के लिऐ मना किया था इसमे फ्लैट का मालिक जवाब देता है फ्लैट कम्पनी का है या मेरा और कल तक एडवांस मिल जाना चाहिए वरना एडवांस न चुका सको तो मेरी चाहत पूरी कर देना दिखने में समजदार हो क्या कह रहा हूँ समझ गई होगी।

फ्लैट का मालिक यह कहकर वहां से निकल जाता है निधि को उसके चेहरे के भाव से उसके इरादे गलत लग रहे थे वो घबराह गई थी।

फिर वो अगली सुबह ऑफिस के लिऐ निकली कम्पनी ने बताया था की कम्पनी की एक बस चलती है उसी बस का इंतजार करती है बस का जो टाइम था वो उस्से पहले पहुंच चुकी थी।

अपने टाइम पर बस आ जाती है और निधि उस बस में बैठ जाती है लेकिन जब वो बस में आस पास का माहौल देखती है तो उसे अच्छा नहीं लगता क्योंकि उस बस में लड़के लड़कियां गलत तरीके से बैठे हुऐ थे जो कि निधि देख भी नहीं पा रही थी फिर कुछ लड़के उसके पास आये और कहने लगे नई हो धीरे धीरे आदत हो जाऐगी और इतना कहकर एक लड़के ने निधि के हाथ पर अपना हाथ रख दिया और दूसरे ने उसके कमर पर।

निधि घबराह गई और उन लड़कों से दूर जा खड़ी हो गई और वो लड़के उसे देखकर गाने लगे " कब तक चीखेगी चिल्लाऐ गी "

ऑफिस आ जाता है और निधि बॉस के पास ऑफिस में चली जाती है और जब बॉस पूछता है कोई तखलीफ तो नहीं हुई तो निधि बॉस से रोते हुऐ कहती है सर यहां सब गलत है मुझे उस फ्लैट में नहीं रहना और ये कम्पनी की बस में माहौल खराब है मै उस बस से नहीं आऊंगी।

बॉस कहता है कोई बात नहीं तुम मेरे घर रहलेना और मेरे साथ कार से ऑफिस आजाया करना ठीक है।

निधि चुप रही और कोई जवाब नहीं दिया इतने में बॉस उसके करीब आया उसके कंधे पर हाथ रखकर बोला मै हूँ न तुम्हारे साथ।

निधि बॉस की हरक्कत को हमदर्दी समझती है लेकिन कुछ ही देर में बॉस निधि से कहता है "प्रोफेशन में आने के लिऐ समझौता करना पढता है जहाँ इतने लोग तुमसे चाहत रख रहें है तो उनके वजाय मेरी साथ रहना है तो तुम्हें मेरा भी खयाल रखना होगा " और इतना कहते बॉस के छूने का तरीका बदल गया और निधि डरकर वहां से उठी ऑफिस छोड़कर जाने लगी तभी बॉस कहता है "मै इंतजार करूंगा तुम्हारा"

निधि पैदल पैदल रोते हुऐ फ्लैट तक पहुंच गई और वो आजका बीता वक्त याद करके रोने लगी वो परेशान होने लगी और सोचकर घबराहने लगी अब वो ये सोच रही घर कैसे जाओ मेरे पापा क्या सोचेंगे उसको कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था तो उसने अपना दुपट्टा पंखे से लटकाया और खुदखुशी करने का फैसला लिया।

वो अपने आप को फंदे से लटकाने वाली थी कि तभी उसके पिता का कॉल आ गया और उसे देखते ही उसे पिता की बात याद आगई

उसके पिता ने कहा था " बेटी अगर कोई इज्जत दे और सम्मान दे तो तुम्हें वहाँ ईमानदारी का रास्ता चुनना होगा और अगर तुम बुरे लोगों के बीच घिरी हो तो तुम्हें शेर का रास्ता चुनना होगा।"

निधि अपने पापा की कॉल उठा लेती है और उसके पिता कहते हैं" बेटी कैसी हो " निधि रोने लगती है और कहती है "पापा आप सच कह रहे थे शहर जंगल की तरह है जहां गलत नीयत रखने वाले जानवर भी होते हैं और आज आपकी बैटी उन्हीं के बीच घिरी हुई है पापा में क्या करू।"

उसके पिता जवाब देते हैं " अगर तुम हिम्मत हार गई हो तो तुम मेरी बेटी नहीं हो और अगर तुम ऐसे हैवान लोगों से हार गई हो तो तुम मेरी बेटी नहीं हो, बेटी तुम्हें मेरा मान रखना होगा और उन्हें जवाब देना होगा जो लड़कियों को कमजोर और बेसहारा समझते है ताकी वो ये याद रखे कि वो भूल से भी किसी लड़की की तरफ गलत नीयत न रखे, तुम्हारे साथ और लड़कियों को भी यह भरोसा होगा कि उनमें हिम्मत है और ऐसे लोगों से सामना करने में सक्षम है।"

निधि अपने पापा से बात करने के बाद निडर होजाती है और अपने आप पर विश्वास करने लगती है कि वो किसी भी बुराई का सामना करने में सक्षम है और तभी कोई दरवाजा खटखटाता है वो समझ जाती है कि फ्लैट का मालिक है।

जब निधि दरवाजा खोलती है और वो मालिक अंदर घुस आता है और उस्से कहने लगता है "तो तूने क्या सोचा एडवांस देगी की या आज रात यहीं रूकजाऊं बोल बोलती क्यों नहीं है" इतना कहकर वो निधि को छूने लगता है और निधि डरकर कहने लगती है "देखो मै तुम्हारा एडवांस कुछ दिनो में दैदूंगी मुझे छोड दो" मालिक कहता है " रहने दे मुझे अब एडवांस नहीं चाहिए बस रात भर साथ दे एडवांस चुक जाऐगा "

यह कहकर मालिक निधि को धक्का देता है और निधि बैड पर गिर जाती है और जैसे ही वो निधि की तरफ बढता है तो निधि पास में रखे टेबल लेम्प से उसके सिर में वार करती है और जब तक वो अपना सिर समभालता है तब तक निधि उसके नीचले हिस्से पर जोर से लात मारती है।

मालिक दर्द से तड़पने लगा और निधि उस्से कहती है अभी जाऐगा या पूरा एडवांस दूं और अगर तू नहीं माना तो तेरी मै सबके सामने वो हालत करूंगी कि किसी लड़की के बारे में बुरी नीयत रखना भी भूल जाऐगा।

निधि अगली सुबह बस के लिए निकली और वो बस में चढ गई और वही लड़के निधि को परेशान करने लगे कुछ दूरी तक बस पहुंची ही थी की अचानक पुलिस ने बस रूक वाली और पुलिस तुरंत वहां आई उन लड़को को पकड़ लिया।

निधि उन लड़को से कहती है "क्यों चोंक गये मेरा मोबाईल पुलिस से वीडियो कॉल से लाईव जुड़ा था तो तुम्हारी ये हरक्कत सब देखली कानून ने अब जाओ जेल में हवा खाना "
निधि अब वो अपनी कम्पनी मै आ चुकी थी और बॉस के पास गई बॉस उसे देखकर बोला तो तुमने मेरी बात मान ली तव निधि बॉस से कहती है " सर आपकी तो पत्नी है उन्हें पता चला तो" बॉस कहता है " उसकी चिंता न करो उसे कभी न पता चला है और न पता चलेगा " यह कहकर वो निधि के करीब आता है और उसे गलत टच करता है और उसके दुपट्टे को जैसे ही खिसकाने की कोसिस करता है निधि उसका हाथ पकड़ लेती है और कहती है " सर आपकी पत्नी को पता चल गया है " और वहां बॉस की पत्नी आजाती है और वो बॉस का गला पकड़ कर पुलिस के हवाले कर देती है।

पुलिस ने बॉस के साथ उस फ्लैट के मालिक को भी पकढ लिया था क्योंकि दोनों मिलकर वो बहार से आने वाली बेवस और लाचार लड़कियों का फायदा उठाते थे और जिंदगी खराब किया करते थे।

निधि के साथ उन सभी लड़कियों ने भी साथ दिया जो बेवस थी इस तरहा सबको इंसाफ मिला और अपने पापा के पास निधि वापस आजाती है और उनके साथ वो स्कूल में पढाने लगती है।

"हर लड़की को अपने आपको बेवस और लाचार नहीं समझना चाहिए और आज बहुत ऐसे केस हो रहे इसलिए मेरा मानना है कि हर लड़की को निधि की तरह होना चाहिए और हर बेटी के बाप को निधि के पिता की तरह होना चाहिए जिससे वो अपनी बेटी को मुश्किल से मुश्किल हालातों से निकलना सिखा सके। "


...........ललित राज ✍️...........