DOSH KISKA HAI in Hindi Short Stories by Devendra Prasad books and stories PDF | दोष किसका था

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दोष किसका था

दोपहर का वक्त था सारे जानवर जंगल के अंदर डरे सहमे भोजन की तलाश कर रहे थे सभी को मन में एक अनोखा डर लग रहा था की मनो वह अपने जंगल में पूरी तरह महफूज न हो /उन्हें एक अनोखे शिकारी का डर लग रहा हो / इसी बीच दो छोटे छोटे चीते के बच्चे अपनी माँ के साथ जंगल में डरे सहमे भोजन की तलाश कर रहे थे इनमे बड़े चीते का नाम चिंटू और छोटे का नाम पिंटू था दोनों अपनी माँ के साथ थे रोज उन्हें जंगल में खाने के लिए कुछ न कुछ मिल जाया करता था किन्तु आज दोपहर तक उन्हें कुछ नहीं मिला था वे तीनो जंगल में खाना ढूढ़ते ढूढ़ते आगे बढ़ते है की तभी चिंटू की नजर जंगल से जाने वाले पतले से रस्ते पर पड़ी उसने अपनी माँ से कहा की चलो माँ उस तरफ चलते है वहा खाने के लिए जरूर कुछ मिलेगा / लेकिन उसकी इस बात पर उसकी माँ तेजी से चिलाई और कहा की खबरदार अगर उस तरफ गया तो उस तरफ नहीं जाना वो हमारे लिए नहीं है उस तरफ थोड़ी दूर जाने के बाद इंसानो की बस्ती है इस पर चिंटू चीते ने कहा की इंसान कौन होते है क्या वे भी हमारी तरह चार पैर वाले होते है जिस पर उसकी माँ ने कहा की नहीं वो हमारे दुश्मन है मेने तुमसे जो कहा है वो करो उस तरफ मत जाओ / चिंटू ने इस पर कोई सवाल नहीं किया लेकिन उसके मन में इंसानो को देखने की इक्छा जग गई अब वह किसी तरह उन्हें देखना चाहता था / एक दिन उसकी माँ और भाई सो रहे थे तो चिंटू अकेला ही उस पतले रस्ते की तरफ जाने लगा उसी रस्ते पर आगे चला तो उसे एक अमरुद का पेड़ दिखा वो अमरुद खाने के लिए उस पेड़ के पास चला गया और निचे गिरे एक अमरुद को खाने लगा उसे वह अच्छा लगा जिसके बाद वह उसी रस्ते में थोड़ा आगे और चला की अचानक उसने बंजड़ जमीं, बड़े -बड़े घर देखे तो वह उन्हें देखकर सहम गया और इतने में उसके बाई और से कुछ इंसान मारो मारो के नारे लगाते हुए आये और एक ने तो चिंटू को पत्थर भी मार दिया अब बिचारा चिंटू बहुत डर गया और वहा से भागने लगा लेकिन इंसानो ने उसे चारो तरफ से घेर लिया और चिंटू चीते के ऊपर एक जाल डाल दिया जाल के कारन चिंटू उसमे फास गया वह वह से भागने में नाकाम रहा की इतने में उसने अपनी तरफ एक इंसान को आता देखा इंसान उसके करीब गया और उसने चिंटू चीते के शरीर में एक सुई जैसी चीज अतार्थ इंजेक्शन लगा दिया इंजेक्शन के लगते ही चिंटू चिता बेहोश हो गया / और जब उसकी आंख खुली तो उसने खुद को एक चिड़ियाघर के पिंजरे में पाया / इस तरह एक मासूम जानवर अपनी माँ ,भाई और अपने प्यारे जंगल से बिछड़ गया /इसमें दोष किसका है? शायद चिंटू चीते का ही उसे उस तरफ आना ही नहीं चाहिए था लेकिन वास्तव में इसमें दोष इंसान नाम का जानवर है जो अपनी लालसाओं से सृष्टि को तबाह कर देगा /