MIKHAIL: A SUSPENSE - 4 in Hindi Fiction Stories by Hussain Chauhan books and stories PDF | मिखाइल: एक रहस्य - 4

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मिखाइल: एक रहस्य - 4

'यह लीजिये मिस्टर रोबर्ट' एलिज़ाबेल विलियम्स जो ऑस्टिन के कैथोलिक चर्च की एक नन थी और अपना आधा दिन संत गेब्रियल कैथोलिक स्कूल जो एक पब्लिक स्कूल था उसके प्रिंसिपल के रूप में बिताती थी उसने एडमिशन फ़ाइल रोबर्ट को थमाते हुए कहा, जिसमे स्कूल में एड्मिसन कराने के लिए फॉर्म, स्कूल के नियम व शर्ते, और स्कूल के इतिहास की जानकारी थी जैसे कि, स्कूल किसने और कब बनाया था, स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापक, स्कूल में पढ़ाई के अलावा होनेवाली दूसरी गतिविधियां वगेरह वगेरह।
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मिखाइल को ढूंढने के लिए रोबर्ट ने जोनाथन के साथ पुलिस दफ्तर और उसको पकड़ने वाले पुलिस अफसरों के घर के कई चक्कर लगाये लेकिन हर किसी का कहना था कि जब मिखाइल को पुलिस पकड़ कर ले जा रही थी तब उसने कोई जादू किया और पुलिस का ध्यान भटकाते हुए वहां से गायब हो गया।
मिखाइल के जाने के बाद 'धी ग्रेट म्युजिशन ऑफ शिकागो' की आर्थिक हालात खराब से खराब होती चली गयी और कंपनी का कर्जा दिन दोगुनी रात चौगुनी की तरह बढ़ता ही चला गया। रोबर्ट अब मिखाइल की कंपनी को आगे चलाने में समर्थ नही था और फिर एक रात वो अपने बेटे पैरी और अपने मित्र मिखाइल के बेटे जोनाथन के साथ शिकागो शहर छोड़कर चला गया।
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'तेरा बाप लूज़र था।' पैरी ने जोनाथन के मुंह पे एक घुसा मारते हुए कहा। जोनाथन ने पैरी को मारने की कोशिश की लेकिन पैरी के दो दोस्त जो वहाँ पैरी के साथ खड़े थे उन्होंने उसे पैरी को मारते हुए रोका और जोनाथन के हाथ पकड़ लिए।
'तेरे बाप की कारण हमें शिकागो छोड़ना पड़ा' पैरी ने फिर एक घूंसा जोनाथन के मुंह के ऊपर मारते हुए कहा। अबकी बार जोनाथन के मुंह से खून निकलने लगा था। गुस्से में ही पैरी ने और दो-चार जोनाथन के मुंह पर लगा दिए। जोनाथन बेहोश होने को था।
'अब और मत मार इसे पैरी, वरना यह मर जायेगा।' जब पैरी जोनाथन के मुंह पर एक और घुसा मारने जा रहा था तब पैरी के दोस्तने उसे ऐसा करते हुए रोककर कहा।
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'मैंने कितनी बार तुम दोनों से बोला है कि आपसमें झगड़ा नही करोगे, फिर भी तुम दोनों मेरी एक नही सुनते।' अपने दफ्तरमें कमर के पीछे अपने एक हाथ से दूसरे हाथ को पकड़े हुए इधर उधर चहल कदमी करते हुए रोबर्ट ने कहा।
'आखिर तुम समझते क्यो नही हो? तुम दोनों भाई जैसे हो।' रोबर्ट ने दोनों को समझाने की कोशिश करते हुए कहा।
'लेकिन, हम भाई नही है।' पैरी ने रूखेपन से जोनाथन की तरफ देखते हुए उसे आंखे दिखाते हुए कहा।
पैरी की यह बात सुनकर रोबर्ट ने चहल कदमी करना छोड़ दिया।
'एक बात याद रखना मेरे बच्चो, ऊपरवाला हमें हर चीज़ नही देता, हम में कोई न कोई कमियां वो छोड़ ही देता है, मैं यह नही कहता कि तुम दोनों में कोई कमी है, हम सब मे है। और यह बिल्कुल भी बुरी बात नही है मेरे बच्चो।' रोबर्ट ने पैरी के सामने घुटनो के बल बैठे हुए अपने दोनों हाथ उसके कंधो पर रखते हुए उसे समझाते हुए कहा।
अपने पिता के अपने कंधों पर रखे हुए हाथ पैरी को रास नही आये, उसने उन्हें हटाने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब रहा।
'पैरी मेरे बेटे, एक बात अच्छी तरह से समझलो, ज़िन्दगी में सफल होने के लिए तुम दोनों को एक दूसरे का साथ चाहिए होगा, क्योकि तुम्हारे पास ताकत है और जोनाथन के पास बुद्धि। यदि तुम दोनों एक जो जाओ तो दुनिया की कोई ताकत तुम्हे नही हरा पाएगी। कभी नही।' रोबर्ट ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा।

'मुझे यकीन है तुम दोनों मुझे निराश नही करोगे' अबकी बार रोबर्ट ने जोनाथन की तरफ मुंह फेरते हुए पूछा।
'कभी नही' जोनाथन ने हामी भरी क्योकि वो जानता था की अब अंकल रोबर्ट के अलावा उसका अपना कहा जानेवाला इस दुनिया में अब और कोई नही था और फिर वो ताकत के बलबूते पर पेरी को कभी नही हरा सकता था। उसने तथ्य को सहजता से स्वीकार कर लिया था जबकि दूसरी ओर पैरी को लगता था कि उसे किसीकी भी ज़रूरत नही थी, वो अकेला ही सभी से निपटने के लिए काफी था और उसका मानना था कि ताकत से हर कोई चीज़ हासिल की जा सकती थी।
'जोनाथन, तुम बाहर हमारा इंतेज़ार करो! मुझे पैरी से अकेले में कुछ बातें करनी है। रोबर्ट ने जोनाथन को समझाते हुए कहा।
'जी, अंकल रोबर्ट' जोनाथन कहता हुआ बाहर चला गया।