Madam ka man jit liya in Hindi Classic Stories by Monty Khandelwal books and stories PDF | मैडम का मन जीत लिया

Featured Books
Categories
Share

मैडम का मन जीत लिया

3 दिन पहले की ही बात है | मुझे मारवाड़ जाना है| जिसकी टिकट निकलने के लिए में रेलवे स्टेशन गया था | जहाँ पे रिजर्वेशन टिकट मिलती है | वहां पर लंबी सी लाइन लगी हुई थी मैं भी अपना फॉर्म भर कर उस लाइन के सबसे पीछे आकर खड़ा हो गया मेरे आगे ही एक बूढ़ा आदमी जिसके शरीर पर एक चादर लिपटी हुई थी और हाथ में रेलवे के दो फॉर्म भरे हुए लेकर खड़ा था |

काफी देर कतार में लगने के बाद में उस व्यक्ति का नंबर आया था | उसने अपना फॉर्म टिकट काउंटर पर बैठी हुई लेडी 1 एक form को दिया जिसमें एक तो उसका खुद का था और एक उसकी वाइफ का जो दोनों ही अपने अलग-अलग जगह पर कहीं जाने के लिए form भरे हुए थे |

जो फॉर्म उसका था उस फॉर्म में 2 स्टेशन थे |
1 बान्दरा से आबुरोड और आबूरोड से जयपुर
आबूरोड उसको कुछ काम था | तो उन्होंने दो-तीन दिन बाद टिकट का फॉर्म उसी के अंदर भर रखा था |

2 उनकी पत्नी का

उनकी टिकट के बाद जब
उन्होंने अपनी पत्नी का फॉर्म दिया तो मेडम बोली वक्ती एक को एक बार में एक ही टिकट मिलेगा अगर आप को दूसरी टिकट चाहिए तो फिर से लाइन में लगना पड़ेगा ... |

ईशा बात पे बहक होने लगी की ईतनी देर बाद मेरा नंबर आया है और आप बोलो रही हो केे टिकट नहीं देगी .. |

मेने गुजर का पक्ष लेते हुए मैडम को बोला कि ईन बुढे व्यक्ति को फिर से लाइन में लगना पड़ेगा | यह क्या बात हुई टिकट नहीं देने की मैडम काफी देर तक उनको टिकट देने के लिए फोर्स करते रहे लेकिन उनको टिकट नहीं दिया |

मेरे पीछे खड़े हुए कुछ व्यक्तियों ने भी मैडम का पक्ष लिया
एवं बोले कि हां हां एक व्यक्ति को एक ही टिकट मिलना चाहिए हम भी तो पीछे खड़े हैं |

आखिर में मैंने बोला कि उनको टिकट नहीं मिल सकती तो क्या हुआ | मुझे तो मैडम आप टिकट दोगे ना मैडम ने कहा हाँ क्यों नहीं आपको क्यों नहीं दूंगी अब आप ही का ही नंबर है |

तो मैंने उन बुजुर्ग के हाथ में से वह फॉर्म लिया और मैडम को दे दिया मैडम ने भी हंसते हुए मुझे उनकी टिकट दे दी

फिर मैंने उन बुजुर्ग को टिकट देते हुए बोला कि लो अंकल जी यह आपकी टिकट

और मैं खुद पीछे जाकर खड़ा होने लगा | तो मैडम ने तुरंत पीछे से जोर से आवाज लगाई अरे रुको भाई रुको
तुम अपनी टिकट तो लेते जाओ
मेरी टिकट पर मेरा नम्बर तो चला गया

मेडम - हमें भी थोड़ी सेवा करने का मौका दो
अकेले तुम ही पुण्य कमाओंगे क्या

मैंने भी हंसते हुए मैडम को शुक्रिया कहा और अपनी टिकट ली .....|



मुझे लगता हे की शायद मैने मैडम का मन जीत लिया था | यही कारण है कि उन्होंने मुझे मेरा नंबर जाने के बाद भी टिकट दे दी
हमेशा सब की सहायता करते हो तो आप की भी कोई ना कोई सहायता जरूर करेगा ??



धन्यवाद??