Pyar vyar - hir ve in Hindi Poems by Shubham Maheshwari books and stories PDF | प्यार व्यार - हीर वे

Featured Books
  • ભીતરમન - 58

    અમારો આખો પરિવાર પોતપોતાના રૂમમાં ઊંઘવા માટે જતો રહ્યો હતો....

  • ખજાનો - 86

    " હા, તેને જોઈ શકાય છે. સામાન્ય રીતે રેડ કોલંબસ મંકી માનવ જા...

  • ફરે તે ફરફરે - 41

      "આજ ફિર જીનેકી તમન્ના હૈ ,આજ ફિર મરનેકા ઇરાદા હૈ "ખબર...

  • ભાગવત રહસ્ય - 119

    ભાગવત રહસ્ય-૧૧૯   વીરભદ્ર દક્ષના યજ્ઞ સ્થાને આવ્યો છે. મોટો...

  • પ્રેમ થાય કે કરાય? ભાગ - 21

    સગાઈ"મમ્મી હું મારા મિત્રો સાથે મોલમાં જાવ છું. તારે કંઈ લાવ...

Categories
Share

प्यार व्यार - हीर वे

क्या हम कभी बिछुडे? 

नही ना। 

क्या दिल कभी टूटे

नही ना। 

जो साथ हो तेरा

हो जाए ये जहान मेरा। 

हीर वे, हीर वेे

क्यों हुए जुदा वे। 

हीर वे,  हीर वे

तू बेशकीमती कोहीनूर वे।

हीर हीर करता दिल बेचारा

पागल हुआ राँझा आवारा। 

पहले था मैं बहुत बिगडा

तूने हीर तो मुझे सुधारा। 

काली थी वे रात

काली थी वे शाम

कफ़न में थी तू

रोयी ये रूह मेरी हाँ। 

रोए रोए ये राँझा रोए

बंद कोठरी ताकि कोई न देखे। 

जब कल ये कविता लिखी

कुछ पल बाद तेरी बात चली। 

खुश था कि तेरा साथ थाा

दुःख कि न तू पास है। 

जीते है जिंदगी हम भी

जहाँ भी है बस खुश रहे।

जो सोचा तूने 

पाया वो मुकाम है। 

जो चाहा तूने

हमने बुरी राह को छोडा। 

जो तू होती आज यहाँ पर

खुश होती ये हाल देखकर। 

हीर वे हीर वे

तुझसा है कोई न। 

हीर वे हीर वे

हम अब तक है पावन।


तेरी आस पर

खरे हम उतरे। 

तेरे सपनों को 

मैं बस जी रहा हूँ। 

तू कहाँ है बता जरा

तेरे सपने पूरे कर रहा हूँ। 

हीर वे हीर वे

न है तेरा कोई तोड़ वे।। 


अब जरा दोस्तों और मोहब्बत  को भी याद कर गौर फरमाइए इन  पंक्तियों पर


आओ सुनाऊ इक कविता

दोस्ती की बात होगी सदा। 

कविता को पढना तुम इक बार

याद आ जायेंगे वो कमीने यार।। 


दोस्ती ऐसी हो कि, 

दरार न आ पाये। 

दोस्ती ऐसी हो कि, 

हर पार्टी का संग बन जाये। 

इस ट्रीट का पैसा, 

तुझको ही तो देना है

चाहे तुझे मुझसे उधार

भी लेना पड जाये। 


दोस्ती की कहानी

होती है जरा निराली

कहाँ वो मजा देती 

कोई प्रेम कहानी। 

चढती जाये रे जवानी

बढती इसकी खुमारी

कोई मईया का लाल

तोडकर बताये ये दोस्ती पुरानी।। 


प्यार में क्या होता है

मिलकर बिछुडना होता है

दोस्ती में जब मिलते है

तो कहाँ बिछुडना होता है। 

जरा कंजर ये है प्राणी

अक्सर खाते है गाली

जो ये न हो तो

दुनिया लगती है खाली।। 


दोस्तों को कभी कम न आँकना

ये पुरा कर देते है आपका सपना

दोस्ती क्या चीज है ये वही जाने है

खुदा ने जिस से दोस्त छीने है। 


कहता कवि शुभम् दोस्ती को सलाम है

कैसी है कविता ये जानने को बेकरार है

शेयर वोट और कमेंट करें

अपना प्यार बनाये रखें। 



जो आपको आगे बढ़ाए

उसे कभी छोड़ना नही। 

कई कसौटियों  में 

कभी तौलना नही। 

कहता कवि शुभम् सुन लो

प्यार करना पर आजमाना नही।

प्यार??  इस पर खूब महान लोग लिख गए है।  मैं तो बस इतना ही कहुँगा कि सच्चा प्याऱ ऊपर ले जाता है और झूठा प्यार सिर्फ़ माँगता है।  तो फर्क समझो और प्यार बाँटो।

और अच्छी लगे यह कविता तो वोट करो,  शेयर करो और कमेंट करना की क्या और कौनसा पार्ट बेस्ट था और क्या सुधार जरूरी है।

और हाँ जी 


जिये तो खूब

पर नामी कम हैं। 

पैसा बहुतेरों के पास है

पर सुख नही हैं। 

महान वो ही बना  है यार

जिसने साथ रखा दोस्ती प्यार। 

Shubham maheshwari ( shubham36) 


#kavyotsav-2