Pulish ki imaandari ka natija aur beimani ka natija in Hindi Motivational Stories by Surya Pratap Ball Ji books and stories PDF | पुलिस की ईमानदारी का नतीजा और बेईमानी का नतीजा

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पुलिस की ईमानदारी का नतीजा और बेईमानी का नतीजा

एक बड़े से शहर में एक थाना पड़ता था और एक चौके भी पढ़ती थी थाने में सूबेदार नाम का एक व्यक्ति पुलिस की तैनाती पर था और चौकी में सोनपाल नाम का एक व्यक्ति पुलिस की तैनाती पर था दोनों में फर्क इतना था ए थाने के पुलिस सूबेदार रिश्वतखोर टाइप के पुलिस थे और चौकी में फोन पर बहुत ही ईमानदार पुलिस थे एक दिन उसी शहर एक लाला जी रहते थे लालाजी का बड़ा कारोबार था बहुत ही धनी व्यक्ति थे एक समय रात को लाला जी की दुकान पर चोरों ने डाका डाल दिया और काफी सामान चोर निकाल ले गए और कुछ नगदी भी निकाल दे गए फिर लालाजी ने सुबह आकर देखा उनकी दुकान पर चोरों ने डाका डाल दिया लाला जी बहुत चिंतित थे उन्होंने थाने में जाकर सूबेदार से रिपोर्ट लिखवाई सूबेदार की रिपोर्ट को डाल दिया करता था वो इस चक्कर में था कि कुछ पैसे मिले अभी रिपोर्ट लिखें लेकिन लेकिन लालाजी तीन-चार दिन लगातार गए उन्होंने रिपोर्ट तो लिख ली लेकिन कोई सुनवाई नहीं और चौकी में भी लालाजी ने रिपोर्ट लिखवाई चौकी के इंचार्ज सोनपाल जी ने उसी दिन से ही जांच पड़ताल करना शुरू कर दे एक दिन थाने के पास थाने के पुलिस सूबेदार सिंह मोटरसाइकिल की चेकिंग कर रहे थे उसी समय वह चोर भी मोटरसाइकिल से आ गए उनकी मोटरसाइकिल में काफी रुपया रखा था और ज्वेलरी का सामान भी रखा था सूबेदार सिंह ने देखा और चोरों को रोक लिया क्योंकि सुविधा हमको मालूम था यही चोर है सुविधा चोरों को एक साथ खड़ा किया और कुछ लेनदेन की बातें करें चोरों ने आधा पैसा को दे दिया और आधे से ज्यादा ज्वेलरी भी ले गए और चोर आगे की ओर चले गए और जब वो चौकी के पास पहुंचे चौकी के सोनपाल सिंह चोरों को रोका और मोटर गाड़ी चेक की चोरों की गाड़ी में आधा रुपया और ज्वेलरी का सामान भी बरामद हुआ लेकिन चोर को क्या मालूम था कि यह भी सूबेदार सिंह की तरह घोड़ावत मालपानी ले लेंगे और हमें छोड़ देंगे लेकिन सोनपाल सिंह अपनी ड्यूटी से तख्त था बहुत ही ईमानदार थे उन्होंने उनको पकड़ लिया और उनका चालान कर दिया लाला जी जी को बुलाया और लालाजी ने अपना सामान देखा लालाजी ने कहा यह मेरी दुकान का हिसाब है फिर सोनपाल जी ने चोरों को रिमांड पर लिया और उनसे सख्ती से पूछा तो उन्होंने बताया कि बाकी मार थाने के पुलिस सूबेदार सिंह जी के पास है हमने उन्हें रिश्वत दी थी फिर या शिकायत सोनपाल जी ने एसपी साहब को एसपी साहब आए और दोनों लोगों को बुलाया और सामान के बारे में पूछा आधा सामान कहां है थाने के पुलिस सूबेदार सिंह ने बताया सर जी सर जी आधा सामान मेरे पास है एसपी साहब ने उनको बहुत झाड़ा और उनका ट्रांसफर चौकी में कर दिया और सोनपाल जी का ट्रांसफर थाने में कर दिया उन्होंने बहुत माफी मांगी लेकिन एसपी साहब जी ने उनको माफ नहीं किया जय हिंद जय भारत