वो पुरानी नाव
मैं भी नाव से नदी पार जाऊंगा,
उस तरफ क्या है, देख कर आऊँगा
चलो न पापा नाव चलने को तैयार है,
चल कर देखें जो भी दृश्य उस पार हैं।
हाँ बेटा! ये नाव तो भर कर जाने वाली है,
हम दूसरी नाव लेते हैं, जो अब आने वाली है।
सब को पार लगाने वाली नाव आई,
भर कर चली उस किनारे तक सब को भर लायी।
छोड़ कर नाव हम उतर गए किनारे पर,
जिसने पार उतारा उसको क्यों छोड़ दिया धारे पर।
बेटा! नाव का काम है पार लगाना,
और हमार काम है उसको छोड़ कर आगे बढ़ जाना।
हम सब भी तो नाव ही बन जाते हैं,
बच्चों को पार लगाते हैं खुद वहीं रह जाते हैं।
वो बूढ़ी नाव सबको पार लगाती थी,
अपने भाग्य पर कितना इतराती थी।
आज बेकार होकर रेत में पड़ी है,
पूरी गल गयी लेकिन दीवारें अभी खड़ी हैं।
कोई लकड़ी निकाल कर ले जाता है,
खाना पकाने के लिए चूल्हे में लगाता है।
उसने तो सारे बच्चों को पार उतारा,
अब बुढ़ापे में क्यों रह गया बेसहारा।
शायद वो भी तो एक नाव है,
नदी का रेत ही अब उसका गाँव है।
उसके बच्चे भी पार उतर गए किनारे पर,
छोड़ कर उस बूढ़े को धारे पर।
धारा अब मंझधार बन गया है,
माँ बाप का प्यार भी व्यापार बन गया है।
माँ बाप का काम था मुझे पढ़ाना,
और अपनी मेहनत से आगे बढ़ाना।
वो मेरी नाव थे मुझे पार लगाने को,
नाव को कौन ढोता साथ ले जाने को।
आज वो नाव जर्जर है, बूढ़ी है, बीमार है,
खुद अपनी देखभाल से भी लाचार है।
सोचती है दिन रात बस एक ही बात,
एक एक लकड़ी ले जाकर मत जलाओ, आग के हवाले कर दो एक साथ,
मेरा अब कोई काम नहीं, बेकार ही जगह घेरी है।
जलकर मै भी नूतन बन जाऊँ, अब किस बात की देरी है।
मैं भी फिर बच्चा बनूँगा, और किसी नाव पर मैं भी चढ़ूँगा,
बड़ा होकर फिर किसी की नाव बनूँगा,
और बूढ़ी नाव की तरह फिर से जलूँगा,
यही काल चक्र है, यही संसार है,
माँ बाप का प्यार ही नहीं सब कुछ ही व्यापार है।
आज मैं नाव में बैठा हूँ, कल कोई मुझे नाव बनाएगा,
लेना है फिर देना, ऐसे ही संसार चलता जाएगा।
नाव पुरानी हो जाने पर, कोई साथ न लेकर जाएगा,
फिर कोई नया नाविक नई नाव लेकर आएगा।
कब तक हम यूं ही नाव बनते रहेंगे,
और जीवन भर एक दूसरे को छलते रहेंगे।
अब तो दुंदुभी बजा दो, भगवान को भी बता दो,
मोड़ दे हमारे धारे उस तरफ,
समुद्र में मिल जाएँ हम जिस तरफ,
जहां पर सभी भ्रम मिट जाएंगे,
फिर कभी हम नाव बन कर नहीं आएंगे।
***
वो मेरा दुश्मन
मेरे कत्ल का सामान लेकर, जब वो मेरे घर आया,
उसने मुझे गहरी नींद में सोते हुए पाया,
तो गुस्से में वह लाल हो गया और ज़ोर से चिल्लाया,
मैं आज तुझे कत्ल करने आया हूँ
और तू गहरी नींद में सोया है?
ना जाने किन सुनहरे सपनों में तू खोया है?
अब जल्दी से जाग और देख,
मैं तेरे कत्ल का क्या-क्या सामान लाया हूँ,
आज तो मैं पूरा इरादा करके ही
तुझे कत्ल करने आया हूँ।
मैं कोई तेरा दोस्त नहीं
जो तुझे सोते हुए ही मार जाऊंगा
मैं तेरा सबसे बड़ा दुश्मन हूँ
मारने से पहले तुझे जगाऊंगा
मैंने अपने दिल की गहराई से
ये दुश्मनी निभाई है,
बहुत इंतज़ार करने के बाद आज यह घड़ी आई है।
सुना है तूने कई दिन से रोटी नहीं खाई है
तू सोया है या भूख से बेहोशी छाई है
अब उठ, तेरी पसंद के होटल से खाना लाया हूँ
मैंने भी नहीं खाया, भूखा ही आया हूँ।
पहले तुझे खाना खिलाऊंगा, फिर वही करूंगा जो करने आया हूँ
अब उठ जा और थोड़ा कुछ खा ले,
मैं अपने हाथ से खिलाऊंगा तुझे ये निवाले।
बेफिक्र होकर खा ले, मैं तुझे जहर नहीं खिलाऊंगा
मैं दुश्मन हूँ, दोस्त नहीं जो तेरे खाने में जहर मिलाऊँगा।
खाना खाकर अब तुझमें जान आई है
तैयार हो जा क्योंकि तेरे मरने की घड़ी आई है।
मगर यह क्या तू तो अभी चल भी नहीं सकता,
ऐसी हालत में मैं तुझे मारूँ कैसे
ले तेरे खर्चे के लिए मैं छोड़ कर जा रहा हूँ कुछ पैसे।
तेरी मौत पर तो सिर्फ मेरा अधिकार है
भूख से कैसे मरने दूँ, मुझे तो दुश्मनी से प्यार है।
आज तुझ असहाय को मैं नहीं मारूँगा,
लेकिन एक दिन तो जरूर तुझे मौत के घाट उतारूँगा।
अगर आज मैं तुझे मार कर चला जाऊंगा
तू ना रहेगा तो दुश्मनी किससे निभाऊंगा।
मुझे पता है कि एक दिन मैं भी मरूँगा
लेकिन उससे पहले अपनी इच्छा जरूर पूरी करूंगा।
मैंने कोई दोस्ती नहीं, दुश्मनी निभानी है,
तुझे मार कर दुश्मनी की मिसाल बनानी है।
आज तो मैं जाता हूँ लेकिन उस दिन फिर आऊँगा,
जिस दिन मेरी मौत आएगी, तुझे भी मार जाऊंगा।
मैंने दिल की गहराई से दुश्मनी निभानी है
इसलिए कभी भी तेरा दोस्त नहीं बन पाऊँगा।
मेरे दोस्त, मेरे अपने कहाँ हैं
मेरे बुरे दिनों मे वह तो सब
मुझे भूखा मरने के लिए, छोड़ कर चले गए हैं
खाने के लिए एक एक दाने, को तरसता मैं
भूख से बेहोश मरने वाला, लग रहा जैसे
यमदूत मुझे लेने आ आ गए।
तभी मेरा वो दुश्मन, जिसे मैंने बड़े जतन से पाला था
ना जाने कैसे मेरे पास आ गया
वो मेरा पक्का दुश्मन, लेकिन ईमानदार दुश्मन
इतना ईमानदार कि उसकी ईमानदारी देखकर
यमदूत भी भाग गए
मुझे खाना खिलाया, सारा का सारा मैंने ही खाया
कई दिनों से भूखा था, उसके हिस्से का भी मैं खा गया
वो तो भूखा ही चला गया
लेकिन मेरे लिए इतने सारे पैसे छोड़ गया।
थोड़ी देर बाद मैं उठा, थोड़ी हिम्मत आई थी,
जो रकम वह छोड़ गया, वह मैंने ही उठाई थी।
फिर से अपना काम शुरू कर दिया
मेरा काम चल निकला और मैं फिर से खड़ा हो गया
अब मेरे सभी दोस्त, सभी रिश्तेदार
मेरे आस पास मंडराने लगे,
बिन बुलाये सभी मेरे पास आने लगे
उन्हे बुरा लगा मेरा उनसे किनारा करना
उन्हे तो पसंद था मेरा भूख से मरना
मेरा दुश्मन अब उनका दुश्मन बन गया
जो पहले उनका प्यारा दोस्त था
उसने मुझे भूख से मरने से क्यों बचाया
उसका यही काम मेरे प्यारों को नहीं भाया
और फिर उसे मारने मेरा दोस्त उसक घर आया
लेकिन मैंने अपनी जान पर खेल कर
अपने दुश्मन को बचाया
तूने उस दिन मेरी जान बख्शी थी, आज तुझे बचाया है
अब हिसाब बराबर हो गया है,
मैं अब खड़ा हो सकता हूँ, तू जब चाहे मुझे मार देना
मेरे मरने के बाद तू भी, जी ना पाएगा सोच लेना
मैं तो चाहता हूँ ये दुश्मनी ऐसे ही
हमेशा के लिए चलती रहे
दोस्तों से हम बचे रहें
और हमारी जान हमेशा बचती रहे
वो मेरा दुश्मन, वो मेरी दुश्मनी, कभी भी खत्म ना हो
दुश्मनी की जय हो, दुश्मन की जय हो।
***