"सिंहासन बत्तीसी" की कहानी राजा भोज पर आधारित है, जो उज्जैन के एक दानी और न्यायप्रिय शासक थे। एक बार एक किसान ने अपने खेत में अच्छी फसल उगाई, लेकिन खेत के बीच में एक जगह खाली रह गई। किसान अपने मचान पर चढ़कर चिल्लाने लगा कि राजा भोज को पकड़कर दंडित किया जाए और उसका राज्य उससे ले लिया जाए। यह बात राजा भोज के पास पहुंची और उन्होंने खुद उस स्थान पर जाने का निर्णय लिया। जब राजा वहां पहुंचे, तो उन्होंने किसान को वही बातें करते हुए सुना। यह सुनकर राजा चिंतित हो गए और उन्होंने ज्योतिषियों को बुलाकर पता लगवाया कि मचान के नीचे कुछ छिपा है। खुदाई करने पर एक अद्भुत सिंहासन और उसके चारों ओर 32 पुतलियां प्रकट हुईं। पंडितों ने बताया कि यह सिंहासन देवताओं का बनाया हुआ है और इसे राजा की पूजा के बिना नहीं हिलाया जा सकता। राजा ने पूजा की और सिंहासन ऊपर उठ गया। सिंहासन में कई रत्न जड़े हुए थे और पुतलियां कमल के फूल पकड़े हुए थीं। राजा ने आदेश दिया कि सिंहासन को सजाया जाए, जो कि पांच महीने में पूरा हुआ। अब यह सिंहासन अत्यंत सुंदर और दमकता हुआ था, जिसे देखकर सभी लोग आश्चर्यचकित रह जाते थे।
भाग-६ - सिंहासन बत्तीसी
by MB (Official)
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Hindi Children Stories
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Description
Part - 6 - Sinhasan Battisi
प्राचीन समय की बात है। उज्जैन में राजा भोज राज्य करते थे। वह बड़े दानी और धर्मात्मा थे। उनके बारे में प्रसिद्ध था कि वह ऐसा न्याय करते कि दूध और पानी अ...
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