"तुमने सात कुलों की यात्रा की…लेकिन अब वक्त है लौटने का —वहाँ, जहाँ से तुम निकले थे।तुम्हारी जीत वहाँ नहीं,बल्कि अपने लोगों के बीच सिद्ध होगी।"चारों — अर्जुन, अनाया, ओजस और शल्या —अब अपनी-अपनी भूमि की ओर रवाना हो गए।लेकिन रास्ता अब वैसा नहीं रहा।हर दिशा में अब छाया की एक अंतिम चाल प्रतीक्षा कर रही थी…--- अर्जुन की भूमि – अधूरा युद्धअर्जुन जब अपने नगर में लौटा,तो द्वार पर ही">

महाशक्ति - 47 Mehul Pasaya द्वारा Mythological Stories में हिंदी पीडीएफ

MAHAASHAKTI by Mehul Pasaya in Hindi Novels
वाराणसी की तंग गलियों में अर्जुन का छोटा सा घर था, जहाँ वह अपनी पत्नी सुमन और छह साल के बेटे मोहन के साथ रहता था। एक साधारण मजदूर, जो सुबह काम पर जाता...