काठगोदाम की गर्मियाँ - 2 DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR द्वारा Fiction Stories में हिंदी पीडीएफ

Kaathagodaam Ki Garmiyaan by DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR in Hindi Novels
मैग्गी प्वाइंट्स की शाम


म के कोई सात बजने वाले थे। जून का महीना था, लेकिन पहाड़ों में गर्मियाँ कुछ और ही होती हैं — न ज्यादा तेज़, न ज्यादा ठंडी...